क्रिकेट में नॉन स्ट्राइकर रनआउट पर हाल के दिनों में खूब चर्चा हो रही है। इसमें नॉन स्ट्राइकर एंड पर गेंदबाज गेंद डालने से पहले बल्लेबाज द्वारा क्रीज छोड़े जाने पर उसे आउट कर देता है। इस तरह से बल्लेबाजों को आउट किये जाने का अब तक कई दृश्य देखने को मिल चुका है। इस बीच भारत के दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने नॉन स्ट्राइकर रनआउट को लेकर अपनी राय दी है।
दरअसल, अर्जुन ने क्रिकेट नेक्स्ट से बात करते हुए कहा कि, कि वह नॉन स्ट्राइकर रनआउट को गलत नहीं मानते हैं, क्योंकि यह पूरी तरह से क्रिकेट के नियमों के तहत आता है और जो लोग इसे खेल भावना के विपरीत बताते हैं, अर्जुन उनसे सहमत नहीं हैं। हालाँकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से ऐसा करने से इंकार किया क्योंकि अर्जुन का मानना है कि इतना लंबा रनप लेकर आना और फिर उसे नॉन स्ट्राइकर रनआउट के चक्कर में खराब करना अपनी मेहनत बेकार करना होता है।
“मैं पूरी तरह से मांकडिंग के पक्ष में हूं। यह नियम के अंतर्गत है। जो लोग इसे खेल भावना के खिलाफ कहते हैं, मैं उनसे असहमत हूं। मैं खुद कभी ऐसा नहीं करुंगा, क्योंकि मैं रन-अप के टाइम पर रुक कर गिल्लियों को हटा नहीं सकता। इसमें काफी मेहनत करनी होगी और मैं इसमें अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करूंगा लेकिन अगर कोई ऐसा करता है, तो मैं इसके पक्ष में हूं।” क्रिकेट नेक्सट से बात करते हुए अर्जुन ने कहा।
हाल ही में समाप्त हुए श्रीलंका के खिलाफ वनडे में मोहम्मद शमी ने श्रीलंकाई कप्तान दासुन शनाका को नॉन स्ट्राइकर रनआउट के तहत आउट किया था, लेकिन रोहित शर्मा के कहने पर उन्होंने अपील नहीं की थी, जिससे शनाका नॉट आउट रहें। जबकि भारतीय ऑफ स्पिनर आर अश्विन हमेशा नॉन स्ट्राइकर रनआउट के पक्ष में रहे हैं।
वहीं पिछले साल भारतीय महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा द्वारा इंग्लैंड की बल्लेबाज को इस तरह आउट करने पर खासा विवाद हुआ था।
अब सवाल यही उठता है कि, जब आईसीसी ने इसे रन आउट करार दिया है तो इस पर विवाद क्यों ?