टी20 वर्ल्ड कप 2024 का सह मेजबान देश होने के नाते अमेरिका की क्रिकेट टीम को पहली बार वर्ल्ड कप खेलने का मौका मिला। जिसे टीम के खिलाड़ियों ने दोनों हाथों से भुनाया भी है। टूर्नामेंट के पहले मैच में जहां अमेरिकी टीम ने कनाडा को हरा दिया तो दूसरे मैच में पाकिस्तान को भी धूल चटा दी। इस बड़े उलटफेर के बाद अमेरिका के खिलाड़ी सुर्खियों में बने हुए हैं। इसकी वजह टीम के अधिकतर खिलाड़ी भारतीय मूल के हैं। आज हम आपको बताएंगे, अमेरिकी के स्क्वाड में कौन-कौन से भारतीय मूल के खिलाड़ी हैं।
मोनांक पटेल
लिस्ट में सबसे पहले टीम के कप्तान मोनांक पटेल का ही नाम आता है। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज का जन्म अहमदाबाद में हुआ था। चूंकि, उन्हें भारत के लिए खेलने के ज्यादा अवसर नहीं मिले जिस वजह से पटेल ने 2016 में अमेरिका के न्यू जर्सी की तरफ रूख किया।
सौरभ नेत्रवलकर
पाकिस्तान के खिलाफ जीत में अहम योगदान देने वाले बाएं हाथ के तेज गेंदबाज सौरभ नेत्रवलकर भी भारतीय मूल के हैं। सौरभ भारत के लिए अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप खेल चुके हैं, लेकिन मुंबई में जन्में तेज गेंदबाज के लिए आगे की राह काफी कठिन रही थी। कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री रखने वाले सौरभ को कॉर्नेल विश्वविद्यालय से एमएस करने के लिए स्कॉलरशिप मिली थी। हालांकि, उन्होंने अपने अंदर के क्रिकेट को कभी मरने नहीं दिया। वह अमेरिका के सभी लोकल टूर्नामेंट में खेलते रहे ताकि एक दिन टीम में जगह मिल जाए। आज की तारीख में वह एक क्रिकेटर के अलावा ऑरेकल कंपनी में बतौर सीनियर मेंबर काम भी कर रहे हैं।
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हरमीत सिंह
2012 अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले हरमीत सिंह का नसीब भी खराब रहा क्योंकि उन्हें सीनियर टीम में जगह नहीं मिली। जिसके बाद मुंबई के खिलाड़ी ने अमेरिका का रूख किया और आज के दौर में अमेरिका की नेशनल क्रिकेट टीम के लिए अपना योगदान दे रहे हैं।
नोस्तुश केंजीगे
तमिल-अमेरिकन परिवार में जन्में केंजीगे का जन्म भले ही अमेरिका में हुआ है, लेकिन 18 साल की उम्र में क्रिकेट में करियर बनाने के लिए केजींगे पैरेंट्स के कहने पर बेंगलुरू आए जहां उन्होंने कर्नाटक के लिए डिविजन मैच खेले। हालांकि, समय रहते युवा खिलाड़ी को समझ में आ गया कि यहां रहते हुए टीम में जगह बना बहुत मुश्किल है। इस वजह से केजींगे वापस से अमेरिका चले गए।
मिलिंद कुमार
दिल्ली के लिए रणजी खेल चुके मिलिंद कुमार भी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने नेशनल टीम से खेलने के लिए अपना देश छोड़ना मुनासिफ समझा। कोविड-19 के बाद मिलिंद ने अमेरिका का रूख किया जिसका उन्हें फायदा भी मिला। अमेरिका के कई लोकल टूर्नामेंट और फिर मेजर लीग क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन की बदौलत युवा खिलाड़ी को अमेरिका के लिए टी20 वर्ल्ड कप खेलने का मौका मिल गया।
नीतीश कुमार
भारतीय मूल के नीतीश कुमार भी अमेरिका की क्रिकेट टीम में शामिल हैं। नीतीश ने 2011 में कनाडा के लिए खेलते हुए सबसे कम उम्र ( 16 साल 283 दिन) में वनडे वर्ल्ड कप खेलने वाले खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड बनाया था। तेरह साल बाद अमेरिका के लिए खेलते हुए नीतीश ने हारिस राऊफ के खिलाफ चौका मारकर टीम के हार से बचा लिया जिसके बाद अमेरिकी टीम ने सुपर ओवर में मुकाबला अपने नाम किया।
जेसी सिंह
न्यू जर्सी में जन्में और पंजाब में पले बढ़े जेसी के लिए क्रिकेट में करियर बनाना आसान नहीं था। अमेरिका की नेशनल टीम में जगह पाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले जेसी को साल 2015 में झटका लगा जब उन्हें वेस्टइंडीज दौरे पर गए अमेरिकी टीम में जगह नहीं मिला। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और 2024 टी20 वर्ल्ड कप की टीम में जगह बनाने में सफलता हासिल की।