भारतीय टीम लगभग हर साल जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज खेलती है। इस दौरे पर सीनियर खिलाड़ियों की बजाए अधिकतर युवा खिलाड़ी ही जाते है। इसके बावजूद भारत ने हर बार डोमिनेट किया है। हालांकि, आपको जानकर ताज्जुब होगा कि जिम्बाब्वे की टीम खासतौर पर भारतीय क्रिकेटर्स के लिए पनौती से कम नहीं है। फिर आप पूछेंगे, ऐसा क्यों। इसका जवाब ये है कि भारत के ऐसे चार खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने करियर की शुरूआत जिम्बाब्वे के खिलाफ की, लेकिन उनका करियर आगे बढ़ने की बजाय खत्म भी हो गया।
बरिंदर सरन
लिस्ट में सबसे पहला नाम बरिंदर सरन का आता है। बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने अपने टी20आई करियर की शुरूआत जिम्बाब्वे के खिलाफ की थी। इस टीम के खिलाफ सरन ने कुल दो मैच खेले जिसमें 6 विकेट झटके, लेकिन इसके बाद तो उन्हें टी20 इंटरनेशनल में भारत के लिए खेलने का मौका ही नहीं मिला। इसके अलावा वह टीम इंडिया के लिए 6 वनडे खेले जिसमें 7 विकेट चटकाए हैं।
धवल कुलकर्णी
तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी भी इस लिस्ट में शामिल हैं। जिम्बाब्वे के खिलाफ 2016 में टी20 इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले कुलकर्णी ने सीरीज में कुल दो मैच खेले जिसमें 6.87 के इकॉनमी रेट से 3 विकेट अपने नाम किए। हालांकि, उसके बाद से वह इस फॉर्मेट में भारत के लिए खेलते हुए नहीं दिखे। वह टीम इंडिया के लिए 12 वनडे खेल चुके हैं। कुलकर्णी का इंटरनेशनल करियर 2014 से 2016 यानि महज दो साल चल सका।
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ऋषि धवन
भारत के ही एक और खिलाड़ी ऋषि धवन का करियर भी जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले मैच के साथ ही खत्म हो चुका है। तेज गेंदबाज ने पहली और आखिरी बार टी20आई में टीम इंडिया के लिए साल 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच खेला जिसमें उन्होंने 42 रन देकर महज एक विकेट अपने नाम किए थे।
फैज फजल
ओपनर बल्लेबाज फैज फजल भी उन खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने अपने करियर की शुरूआत जिम्बाब्वे के खिलाफ की थी और उसके बाद फिर कभी टीम इंडिया में मौका ही नहीं मिला। फजल ने साल 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे में डेब्यू किया जिसमें उन्होंने नाबाद 55 रन की पारी खेली थी।