भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि BCCI आज की तारीख में सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड में है। बीसीसीआई की कुल नेटवर्थ 2.2 अरब डॉलर यानि करीब 19,000 करोड़ रूपए है। जबकि, दूसरे नंबर पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया है जिसकी नेटवर्थ करीब 79 मिलियन डॉलर यानी 660 करोड़ रुपए है। यानि ऑस्ट्रेलिया से भारतीय क्रिकेट बोर्ड तीन गुना कमाई करता है। अब सवाल ये उठता है कि बीसीसीआई सबसे ज्यादा कमाई कैसे कर पाता है। आज हम आपको इस सवाल का जवाब देंगे।
भारत में बढ़ती क्रिकेट की लोकप्रियता ने बीसीसीआई की नेटवर्थ में इजाफा करने में बेहद अहम भूमिका निभाई है। एक तो भारत की जनसंख्या 1.4 बिलियन और ऊपर से ज्यादातर क्रिकेट में दिलचस्पी रखते हैं। बड़ी संख्या में फैंस की वजह से मैच व्यूअरशिप काफी तगड़ी रहती है जिस वजह से मोटी कमाई होती है।
कैसे कमाता है BCCI?
बता दें कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड इन चार तरीकों से करोड़ों कमा रहा है जिसमें मीडिया राइट्स, स्पॉन्सरिंग राइट्स, टिक्टिंग राइट्स और आईसीसी रेवेन्यू शेयरिंग शामिल है। आईए एक-एक करके समझने की कोशिश करते हैं।
मीडिया राइट्स
बता दें कि अगस्त 2023 में वायकॉम18 ने सितंबर 2023 से मार्च 2028 तक के लिए टीवी और डिजिटल राइट्स को खरीद लिया था। BCCI के अनुसार, ये डील कुल 5,963 करोड़ रुपये में हुई। हालांकि, आईसीसी इवेंट के स्ट्रीमिंग अधिकार स्टार स्पोर्ट्स और डिज्नी+ हॉटस्टार हैं।
बता दें कि भारत में खेला जाने वाला आईपीएल बीसीसीआई को मोटा पैसा देता है। 2023-2027 के लिए आईपीएल मीडिया राइट्स 48,390 करोड़ रुपये में बेचे जा चुके हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, स्टार ने टीवी राइट्स 23,575 करोड़ रुपये में हासिल किए, जबकि वायाकॉम 18 ने 23,758 करोड़ रुपये में डिजिटल राइट्स खरीदे।
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स्पॉन्सरिंग राइट्स
बता दें कि बीसीसीआई स्पॉन्सरिंग राइट्स के जरिए भी करोड़ों कमाता है। पिछले साल 2023 में आईडीएफसी बैंक लिमिटेड भारतीय टीम का तीन साल के लिए नया टाइटल स्पॉन्सर बन गए। डील के तहत, IDFC बैंक हर मैच के लिए बीसीसीआई को 4.2 करोड़ रूपए देता है। इसके अलावा 2023 में ही एडिडास टीम इंडिया का नया किट स्पॉन्सर बना था। इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पांच साल के लिए हुए कॉन्ट्रैक्ट की डील 250 करोड़ में हुई। इसके अलावा ड्रीम-11 ने भी 358 करोड़ रूपए में भारतीय टीम के जर्सी स्पॉन्सर के रूप में 2027 तक अधिकार अपने पास रख लिए हैं।
टिक्टिंग राइट्स
चूंकि, भारतीय टीम के मैचों को देखने के लिए स्टेडियम में खूब भीड़ उमड़ती है। जिस वजह से बोर्ड खूब कमाई करता है। टिकटों की बिक्री के लिए भी बीसीसीआई अधिकार बेचता है जो पहले बूक माई शो के पास था, लेकिन अब पेटीएम के पास है। ऑफिशियल टिकटिंग पार्टनर बनने के लिए प्लेफॉर्म्स को करोड़ों रूपए बोर्ड को देने पड़ते हैं।
आईसीसी रेवेन्यू
बता दें कि बीसीसीआई की कमाई आईसीसी की होने वाली रेवेन्यू से भी होती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2023 से 2027 तक के बीच भारतीय क्रिकेट बोर्ड को आईसीसी से करीब 2000 करोड़ रूपए की इनकम जनरेट होने वाली है।