उत्तरप्रदेश टी20 लीग (UP T20 League) का बिगुल बजने वाला है। छह टीमों वाले इस लीग की शुरूआत 25 अगस्त को होने वाली है जिसके मुकाबले देश के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य यूपी की राजधानी लखनऊ में खेले जाएंगे। इस लीग में कई युवा चेहरे दिखेंगे, वही दिखेंगे कुछ जाने माने चेहरे जिन्होंने भारत को इंटरनेशनल लेवल पर भी रेप्रेजेंट किया है। लेकिन आज हम आपको उन्हीं उभरते एक युवा खिलाड़ी से एक मिलवाएंगे जो बड़ा क्रिकेटर बनने की कुवत रखता है।
हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं उनका नाम पार्थ पलावत है। ये वह खिलाड़ी है जिन्हें बीसीसीआई द्वारा आयोजित अवार्ड सेरेमनी में खुद भारत के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल ने सम्मानित किया था। यूपी के मथुरा का ये क्रिकेटर अब यूपी टी20 लीग में धमाल मचाने को तैयार है। टूर्नामेंट में लखनऊ फाल्कन्स के स्क्वाड में शामिल पार्थ ने हमसे एक्सक्लूसिव बातचीत में अपने क्रिकेटिंग करियर को लेकर कई खुलासे किए। पेश है इंटरव्यू के कुछ अंश।
सवाल: आपने क्रिकेट को करियर के रूप में चुनने के लिए किससे प्रेरणा ली?
पार्थ: जब में छठीं क्लास में था, उस समय क्रिकेट को लेकर ज्यादा नॉलेज नहीं थी, बस खेलते थे जैसे सामान्य बच्चे खेलते हैं। पापा टीवी पर क्रिकेट देखते थे, जब सचिन सर खेलते आते, तब मानो पूरा भारत रूक जाता था। वहीं से प्रेरणा मिली है कि सचिन जैसा बनने की कोशिश करनी है, उनके जैसा खेलना है। धीरे-धीरे क्रिकेटिंग जर्नी की शुरूआत हुई, एकेडमी गए, क्रिकेट सीखा, यूपी के ट्रायल्स दिए। मैं भाग्यशाली था कि मुझे यूपी को रेप्रेजेंट करने का मौका मिला। अंडर-14, अंडर-16 खेले। बीच में डाउनफॉल आया, अंडर-19 में सेलेक्ट नहीं हुआ, स्ट्रगल था, लेकिन फिर भी मेहनत करता गया क्योंकि क्रिकेट से प्यार जो था।
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सवाल: आपको क्रिकेट का कौन सा प्रारूप सबसे ज्यादा पसंद है, और क्या चीज आपको इसकी ओर आकर्षित करती है?
पार्थ: निजी तौर पर मुझे सबसे ज्यादा कठिन फॉर्मेट टेस्ट क्रिकेट लगता है क्योंकि इसमें खिलाड़ियों का धैर्य, कैरेक्टर और स्किल्स का असल टेस्ट होता है। लेकिन, जहां तक बात फैन बैस क्रिकेट की है, लोग टी20 क्रिकेट देखना ज्यादा पसंद करते हैं। पब्लिक को छोटे फॉर्मेट अच्छा लगता है क्योंकि तीन-चार घंटे में मैच का रिजल्ट पता चल जाता है। टी20 क्रिकेट बहुत फास्ट क्रिकेट है, उसमें ज्यादा फिट होना पड़ता है, फ्लेक्सिबिलिटी बना कर रखनी पड़ती है। अपनी टेक्निक, शॉट्स में बदलाव करते रहने पड़ते हैं। तो कोई भी फॉर्मेट हो, एक क्रिकेटर के रूप में हमें अपना सौ फीसदी देना होता है।
सवाल: श्रीलंका में क्रिकेट खेलने का आपका अनुभव कैसा रहा, और यह अन्य देशों से कैसे अलग था?
पार्थ: एक बल्लेबाज के रूप में श्रीलंका में क्रिकेट खेलने काफी मुश्किल है। हमने हाल ही में देखा, भारत वनडे सीरीज हार गया क्योंकि वो कंडीशंस बैटिंग के लिए बिल्कुल आसान नहीं थी। वे स्पिन फ्रेंडली पिचें बनाते हैं, यहां तक कि टेस्ट क्रिकेट और फर्स्ट क्लास में भी दो-दो दिनों में रिजल्ट आ जाता है। ये काफी चैलेंजिंग था, लेकिन सीखने को भी काफी कुछ मिला।
सवाल: हाल ही में आपको बीसीसीआई अवार्ड्स के दौरान सम्मानित किया गया, इसके बारे में हमें कुछ बताएं?
पार्थ: 2024 में बीसीसीआई के नमन अवार्ड्स में केएल राहुल से अवार्ड मिला। मैं 2019-20 में सिक्कम के लिए अंडर-23 सीके नायडू ट्रॉफी में बतौर गेस्ट प्लेयर खेला था। मैंने कुल खेले 9 मैचों में 1200 के करीब रन बनाए थे। बहुत-बहुत थैंक्यू है सभी को, आभारी हूं अपने पैरेंट्स, भगवान का। भाग्यशाली था कि मैं टूर्नामेंट में अच्छा खेला जिसकी बदौलत मुझे अवार्ड मिला।
सवाल: आपकी राय में भारतीय टीम का सर्वश्रेष्ठ कप्तान कौन है, और क्यों?
पार्थ: मैं सौरव गांगुली को काफी एडमायर करता हूं क्योंकि उनकी कप्तानी में भारत उस फेज में आया जब भारतीय टीम विदेशों में भी जीतनी शुरू कर दी। उन्होंने भारत की कंप्लीट टीम बनाई। एमएस धोनी को लेकर आए, खासकर युवाओं को ज्यादा मौका दिए। गांगुली की लिगेसी को धोनी आगे लेकर गए। वह तीन आईसीसी ट्रॉफी जीते। फिर, विराट कोहली ने भारत को टेस्ट में नंबर-1 बनाया। रोहित शर्मा ने टी20 वर्ल्ड कप जीता। तो मेरे ख्याल से गांगुली को बड़ा श्रेय जाता है। हालांकि, मैं ये भी कहना चाहूंगा कि 1983 वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिल देव पहले शख्स थे जिनकी वजह से भारत में क्रिकेट बढ़ पाया। सभी लिजेंडरी है, इसलिए किसी एक का नाम लेना सही नहीं होगा।
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