Exclusive: हरमनप्रीत कौर के बाद कप्तानी के कौन हैं दो विकल्प? पूर्व चीफ सेलेक्टर हेमलता कला ने वुमेंस क्रिकेट पर दी बेबाक राय

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  • भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व चीफ सेलेक्टर हेमलता कला ने हमसे एक्सक्लूसिव बातचीत की।

  • दिग्गज खिलाड़ी ने हरमनप्रीत कौर के बाद कप्तानी के लिए दो संभावित विकल्प बताए।

Exclusive: हरमनप्रीत कौर के बाद कप्तानी के कौन हैं दो विकल्प? पूर्व चीफ सेलेक्टर हेमलता कला ने वुमेंस क्रिकेट पर दी बेबाक राय
हेमलता कला (फोटो: ट्विटर)

संयुक्त अरब अमीरात में खेले गए महिला टी20 वर्ल्ड कप में भारत का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली टीम इंडिया टूर्नामेंट के पहले ही राउंड से बाहर हो गई थी। टीम के परफॉर्मेंस पर हमसे बात करने के लिए जुड़ी भारतीय महिला क्रिकेट की एक जाना-माना नाम जो 7 टेस्ट मैच, 78 वनडे और 1 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुकी हैं। इसके अलावा वुमेंस क्रिकेट टीम की पूर्व चीफ सेलेक्टर भी रह चुकीं हेमलता कला

पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने हमसे एक्सक्लूसिव बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि टीम से कहां चूक हुई। इसके अलावा हेमलता ने चीफ सेलेक्टर रहते किए कुछ बड़े कामों पर भी नजर डाला जिसने टीम को आगे बढ़ने में मदद मिली। साथ ही हरमनप्रीत कौर के बाद कप्तानी के दो विकल्प बताएं।

पेश से बातचीत के कुछ अंश:

सवाल: आप कुल सात टेस्ट खेलीं, जिसमें 50 के औसत से 503 रन बनाए, क्या आपको टेस्ट क्रिकेट काफी पसंद था?

हेमलता: नहीं, मुझे सारे ही फॉर्मेट अच्छे लगते थे और शायद टी20 उस टाइम होता तो मैं सबसे अच्छी प्लेयर होती और डब्ल्यूपीएल होता तो मैं सबसे महंगी मैं ही बिकती। ठीक है, ये मैं अपनी बड़ी बात नहीं कर रही, लेकिन मैं ये समझती हूं कि मेरा जो गेम था, अगर आप उसमें देखेंगे, तो मैंने 100 बनाने के लिए कितनी कम गेंदें ली हैं। मुझे लगता है कि मैं वन डे में भी बहुत अच्छा खेलती थी, लेकिन हमारा जो टॉप ऑर्डर था, वही 43-44 ओवर तक खेलता था, इस वजह से बैटिंग का ज्यादा मौका नहीं मिल पाया।

टेस्ट मैच में पूरा टाइम मिलता है, आपको ओवर्स या इनिंग्स ये नहीं देखना होता है। दुर्भाग्य से टेस्ट मैच में हमारे टॉप ऑर्डर के प्लेयर्स कई बार जल्दी आउट हुए तो मेरी जल्दी बैटिंग आ जाती थी। अगर आप देखें, तो मैंने न्यूजीलैंड के खिलाफ बहुत फंसे हुए मैच में बैटिंग की है और उसमें मैंने 110 बनाए हैं। ऐसे ही मैंने इंग्लैंड के खिलाफ भी 110 बनाए हैं। वो भी बहुत फंसा हुआ मैच था। अब आप न्यूजीलैंड के खिलाफ देखिए तो मैंने टैलेंडर्स के साथ बैटिंग की, जिसमें झूलन गोस्वामी का 93 बॉल पर एक रन था। तो आप ये सोचिए कि वो 93 बॉल्स मेरे लिए कितनी अहम थे। अगर वो 93 नहीं खेलती तो मेरे लिए आसान कैसे होता? तो मुझे टेस्ट में ज्यादा मौके मिले। मतलब मुझे ग्राउंड में रहने का, विकेट में रहने का मौका ज्यादा मिला। जबकि, वनडे के मुकाबलों में मेरी 43 ओवर, 45 या 48वें ओवर में बैटिंग आ रही है तो मुझे उसमें ज्यादा मौका नहीं मिला, इसलिए टेस्ट में मेरे ज्यादा रन दिखते हैं।

सवाल: आपने महिला क्रिकेट में मिताली राज, झूलन गोस्वामी, नीतू डेविड जैसी दिग्गजों के साथ खेला है। इन स्टार खिलाड़ियों के साथ आपका अनुभव कैसा रहा है?

हेमलता: मेरा बहुत अच्छा अनुभव है। मैं झूलन, मिताली और डेविड के साथ खेली हुई हूं। भारतीय महिला क्रिकेट में तीनों के बराबर कोई भी नहीं है। मिताली और डेविड तो मेरे साथ भारत के अलावा रेलवेज और एयर इंडिया की टीम में भी खेल चुकी हैं। मेरी उनके साथ बातचीत होती रही है। मिताली और डेविड दोनों बहुत मेहनती हैं। उन्होंने अपने स्किल्स को हमेशा बैक किया है। डेविड की बात करूं तो रिटायरमेंट के बाद भी वो अपनी स्किल में अभी भी इतनी परफेक्ट है कि वो आंख बंद करके भी वही बॉल डालेगी, जहां गुड लेंथ होगा, ये मैं आपको बता दूं।

सवाल: आप 2016 से 2020 तक चीफ सेलेक्टर रही हैं। आपके टेन्योर में 2017 में भारतीय टीम वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी, हालांकि हम हार गए थे। आपके लिए इस वर्ल्ड कप के पॉजिटिव आउटकम्स क्या थे?

हेमलता: मैंने मार्च, 2015 में सिलेक्शन कमेटी जॉइन किया था और एक साल बाद मुझे चेयरमैन सिलेक्शन कमेटी बनाया गया। जब मैंने टेकओवर किया था, तो उस समय टीम रैंकिंग में आठवें नंबर पर थी। देखिए, जब आप सिलेक्शन कमेटी हेड होते हैं, तो आपका जजमेंट होता है कि आपको किस तरह के प्लेयर और टीम में क्या चाहिए। सिलेक्शन कमेटी में हम पांच सिलेक्टर होते हैं, उसके बाद कोचेस होते हैं फिर कैप्टन होते हैं। सबकी अलग-अलग राय रहती है, और सबको एक पेज पर लाना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन हमने वो काम किया। मुझे मिताली से बात किया और उनसे पूछा कि क्या करना चाहिए और उस समय के कोच अतुल जी से भी बातचीत की। डायना एडुल्जी, जो CAC की मेंबर थीं, उन्होंने भी काफी योगदान दिया। उनके साथ भी मेरी बातचीत हुई और उनका बहुत सपोर्ट मिला।

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हरमनप्रीत कौर, हेमलता कला (फोटो: ट्विटर)

फिर स्मृति मंधाना का मामला था। स्मृति उस समय लिगामेंट के प्रॉब्लम से जूझ रही थीं, लेकिन हमलोगों ने उन्हें बैक किया। हमें पता था कि उनके जैसा प्लेयर हमारे पास नहीं है। हमलोगों ने उन्हें बोला कि कोई बात नहीं, 30 दिन में वह ठीक हो जाएंगी और वह ठीक हो गईं और पहले मैच में इंग्लैंड को हराया। इंग्लैंड में इंग्लैंड को हराना बहुत कठिन था, तो मुझे लगा कि यह हमारी सबसे बड़ी चुनौती थी। उससे मुझे लगा कि हम वर्ल्ड कप में कहीं न कहीं जरूर होंगे। कोचेस ने, मिताली ने, सभी ने बहुत मेहनत की और हमने एक अच्छा टीम तैयार किया। इसका रिजल्ट यह हुआ कि 2017 में हम फाइनल तक पहुंचे, हालांकि हम हार गए। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में हमें एक ट्रॉफी जरूर मिलेगी। बीसीसीआई भी बहुत काम कर रहा है।

जय शाह भाई ने वुमेंस क्रिकेट के लिए जितना काम किया है, शायद किसी ने नहीं किया। देखिए, डब्ल्यूपीएल शुरू नहीं हो रहा था, लेकिन उन्होंने डब्ल्यूपीएल को शुरू किया और पुरुषों और महिलाओं को समान प्लेटफॉर्म पर रखा। आजकल वुमेंस क्रिकेट के लिए इतने सारे टूर्नामेंट बढ़ा दिए गए हैं, जैसे चैलेंजर, वनडे, टी20, और 3-डे क्रिकेट। बीसीसीआई अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहा है, और मुझे पूरा यकीन है कि हम एक ट्रॉफी जरूर लेकर आएंगे।

सवाल: वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के प्रदर्शन को आप कैसे देखते हैं? आपको क्या लगता है कि टीम से कहां चूक हुई?

हेमलता: मुझे लगता है कि सबसे बड़ी समस्या लोअर ऑर्डर में थी। अगर आप 2017 वुमेंस वनडे वर्ल्ड कप को देखें तो उसी समय से हमें यह महसूस हुआ कि हमारा लोअर ऑर्डर कमजोर है। अगर आप 2017 के बाद से देखेंगे, तो लोअर ऑर्डर का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा है। अगर बड़े रन बनाने हैं तो जो हमारे निचले क्रम की बल्लेबाज हैं, उन्हें भी प्रदर्शन करना पड़ेगा। स्मृति मंधाना या हरमनप्रीत कौर जैसे खिलाड़ी रोज नहीं चल सकते, क्योंकि वे भी इंसान हैं। लोअर ऑर्डर को भी प्रदर्शन करना पड़ेगा, जिससे हम मैच जीत सकें। अगर टॉप ऑर्डर ठीक से खेले तो लोअर ऑर्डर को मुश्किल नहीं होती। लेकिन जिस दिन टॉप ऑर्डर नहीं चलता, उस दिन जिम्मेदारी लोअर ऑर्डर की बनती है कि वे खेलकर टीम को जीत दिलाएं।

Smriti Mandhana
स्मृति मंधाना (फोटो: ट्विटर)

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सवाल: वर्ल्ड कप के बाद ये अफवाहें उड़ी रही थी कि हरमनप्रीत कौर से कप्तानी छीनी जा सकती है। अगर वह खुद से कप्तानी छोड़ती तो, उनके उत्तराधिकारी के रूप में कौन फिट बैठता?

हेमलता: देखिए, यह मेरा काम नहीं है कि मैं यह कहूं कि हरमनप्रीत कौर से कप्तानी छिननी चाहिए या नहीं। यह सिलेक्शन कमेटी और बीसीसीआई का काम है। मेरी राय में, अगर हरमनप्रीत खुद से कप्तानी छोड़ती हैं, स्मृति वाइस कैप्टन हैं, तो स्वाभाविक है वहीं कप्तान बनेंगी।

सवाल: आपने चीफ सेलेक्टर रहते जेमिमा रोड्रिग्स को काफी बैक किया। आपके अनुसार क्या वह कप्तान बनने लायक हैं?

Jemimah Rodrigues
जेमिमा रोड्रिग्स (फोटो: ट्विटर)

हेमलता: देखिए, इंडियन टीम में जो भी खेल रहा है, वह कप्तान बनने लायक है। मैं यह नहीं कह सकती कि मंधाना के बाद उनकी उतराधिकारी जेमिमा रोड्रिग्स होनी चाहिए या कोई और। लेकिन हां, मैं यह मानती हूं कि जेमिमा हमेशा टीम में होनी चाहिए। मैं डीसी के साथ हूं और खुद भी उसे देखती हूं, तो लगता है कि वह न सिर्फ खुद बहुत मोटिवेटेड रहती है, बल्कि दूसरों को भी मोटिवेट करती है। मैंने उसे कभी बैक है, तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

जेमिमा एक टीम प्लेयर है और मुझे अगर महिला क्रिकेट में कोई सबसे प्रिय है, तो वह यही खिलाड़ी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि वह अगर मैच में रन नहीं भी बना पाई, तो भी वह कम से कम 20 रन फील्डिंग से बचा लेती है। उसका पॉजिटिव एटीट्यूड हमेशा टीम के लिए फायदेमंद होता है। अगर टीम जल्दी आउट हो भी जाती है, तो भी वह कहती है, “नहीं, यार, हम कर सकते हैं।” ऐसे खिलाड़ी टीम को चाहिए। हां, मैं यह नहीं कह सकती कि उसे कप्तान बनना चाहिए या नहीं, लेकिन उसका भविष्य बहुत उज्जवल है। उसे अपने प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए और अपने आप को अच्छे से आगे ले जाना चाहिए।

यहां देखें इंटरव्यू का पूरा वीडियो:

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श्रेणी:: क्रिकेट टाइम्स- एक्सक्लूसिव हेमलता कला

लेखक के बारे में:
क्रिकेट की दुनिया में जीते हैं। इस खेल के बारे में लिखना और देखना दोनों पसंद... धोनी के बहुत बड़े प्रशंसक। जुनूनी क्रिकेट राइटर जो दिलचस्प कंटेंट तैयार करने से पीछे नहीं हटते। पुलकित से संपर्क करने के लिए pulkittrigun@crickettimes.com पर मेल करें।