भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली 13 साल बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी करने वाले हैं। वह 30 जनवरी से रेलवे के खिलाफ दिल्ली की ओर से खेलेंगे। रणजी ट्रॉफी में कोहली की कहानी सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है; यह एक युवा खिलाड़ी के महान क्रिकेटर बनने की यात्रा है।
एक सितारे की शुरुआत
कोहली ने 2006-07 के सीजन में तमिलनाडु के खिलाफ फिरोज शाह कोटला में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया था। अपने पहले मैच में उन्होंने केवल 10 रन बनाए, लेकिन शुरुआत की कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने जल्द ही खुद को एक बेहतरीन खिलाड़ी साबित कर दिया। उनके खेल में लचीलापन और शानदार कौशल साफ नजर आता है।
साल-दर-साल विवरण
सीजन | मैच | रन | औसत | शतक |
2006-07 | 6 | 257 | 36.71 | 0 |
2007-08 | 5 | 373 | 53.28 | 2 |
2008-09 | 4 | 174 | 34.80 | 0 |
2009-10 | 3 | 374 | 93.50 | 1 |
2010-11 | 4 | 339 | 56.50 | 2 |
2012-13 | 1 | 57 | 28.50 | 0 |
कुल | 23 | 1574 | 50.77 | 5 |
रणजी ट्रॉफी में विराट कोहली के प्रदर्शन की मुख्य बातें
- 2007-08 सीजन : यह कोहली का ब्रेकआउट साल था, जहां उन्होंने 53.28 की औसत से 373 रन बनाए, जिसमें राजस्थान और कर्नाटक के खिलाफ दो शतक शामिल थे।
- 2009-10 सीजन : संभवतः यह उनका सर्वश्रेष्ठ सीजन था, जिसमें कोहली ने केवल तीन मैचों में 374 रन बनाए, जिसमें एक शतक (बंगाल के विरुद्ध 173) के साथ 93.5 की असाधारण औसत हासिल की।
- 2010-11 सीजन : अपनी मजबूत फॉर्म को जारी रखते हुए, उन्होंने दो शतकों सहित 339 रन बनाए, जिससे एक विश्वसनीय बल्लेबाज के रूप में उनकी प्रतिष्ठा मजबूत हुई।
इन शानदार आंकड़ों के बावजूद, कोहली ने रणजी ट्रॉफी में आखिरी बार 2012-13 के सीजन में खेला था। उस समय वह राष्ट्रीय टीम की जिम्मेदारियों के चलते सिर्फ एक मैच खेल पाए थे।
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अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों का असर
कोहली का अंतरराष्ट्रीय करियर घरेलू क्रिकेट में डेब्यू के तुरंत बाद शुरू हो गया था, जिसकी वजह से रणजी ट्रॉफी में खेलने के उनके मौके कम हो गए। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल की बढ़ती मांगों ने ऐसे शीर्ष खिलाड़ियों के लिए घरेलू टूर्नामेंट में नियमित रूप से खेलना चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
सालों बाद कोहली की वापसी
अब कोहली रणजी ट्रॉफी में वापसी की तैयारी कर रहे हैं। यह उनके लिए न केवल घरेलू क्रिकेट से दोबारा जुड़ने का मौका है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की चुनौतियों के बीच अपने खेल को सुधारने का भी अवसर है। हाल ही में उनके अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन में कुछ उतार-चढ़ाव आए हैं, जिसे घरेलू क्रिकेट के प्रतिस्पर्धी माहौल में बेहतर किया जा सकता है।
रणजी ट्रॉफी में कोहली का सफर उनके विकास और दृढ़ संकल्प की कहानी कहता है। उन्होंने छह सीजन में 50.77 की औसत से 1,574 रन बनाए, जिसमें पांच शतक शामिल हैं। यह घरेलू क्रिकेट में उनकी मजबूत शुरुआत ने उनके असाधारण अंतरराष्ट्रीय करियर की नींव रखी। अब जब वह रेलवे के खिलाफ दिल्ली के लिए मैदान में उतरेंगे, तो सबकी निगाहें उन पर होंगी। लोग देखना चाहेंगे कि इतने साल बाद घरेलू क्रिकेट में वापसी पर वह कैसा प्रदर्शन करते हैं और क्या वह अपने पुराने रंग में लौट पाते हैं।