आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में 21 फरवरी को कराची में दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान के बीच रोमांचक ग्रुप बी मुकाबला खेला जाएगा। प्रोटिज को “ग्रुप ऑफ डेथ” में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और अफगानिस्तान जैसी मजबूत टीमों का सामना करना है, इसलिए यह मैच टूर्नामेंट में लय हासिल करने के लिए बेहद अहम होगा। हर मुकाबला नॉकआउट जैसा माना जा रहा है, जिससे यह मैच और भी दिलचस्प बन जाता है।
दक्षिण अफ्रीका अपनी “चोकर्स” की छवि से बाहर निकलना चाहेगा और मजबूत शुरुआत करने पर जोर देगा। वहीं, अफगानिस्तान हाल ही में वनडे सीरीज में प्रोटियाज को हराकर आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उनकी स्पिन गेंदबाजी और निडर खेल शैली दक्षिण अफ्रीका के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। इस मुकाबले में दोनों टीमों के लिए दांव काफी ऊंचे हैं, जहां प्रोटिज को संतुलित खेल दिखाकर जीत हासिल करनी होगी ताकि शुरुआती झटके से बचा जा सके।
दक्षिण अफ्रीका का चैंपियंस ट्रॉफी में मिला-जुला रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने 1998 में पहला खिताब जीता था, लेकिन हाल के आईसीसी टूर्नामेंटों में दबाव में बिखरने की वजह से उन्हें कई बार निराशा झेलनी पड़ी है। 2024 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत से हारना इसका ताजा उदाहरण है। इस टूर्नामेंट में उन्हें अपनी पुरानी गलतियों को सुधारने का मौका मिलेगा, लेकिन ग्रुप बी की मुश्किल टीमों के बीच उनके पास कोई चूक की गुंजाइश नहीं होगी।
अफगानिस्तान अब कमजोर टीम नहीं
अफगानिस्तान अब सिर्फ एक अंडरडॉग टीम नहीं रही, बल्कि वह एक मजबूत टीम बन चुकी है। उनके पास राशिद खान, मोहम्मद नबी और नूर अहमद की शानदार स्पिन तिकड़ी है, जो एशियाई पिचों पर बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। वहीं, रहमानुल्लाह गुरबाज़ और इब्राहिम जदरान जैसे आक्रामक बल्लेबाज मैच जिताने की क्षमता रखते हैं।
दक्षिण अफ्रीका के लिए खतरा
दक्षिण अफ्रीका की हालिया वनडे फॉर्म चिंता का विषय है। वे लगातार छह मैच हार चुके हैं, जिसमें पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ़ त्रिकोणीय सीरीज की हार भी शामिल है। उनकी बल्लेबाजी में स्थिरता की कमी और डेथ बॉलिंग में कमजोरी साफ दिखी है। अगर वे इस मैच में हार जाते हैं, तो उनका टूर्नामेंट में आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है। इसलिए यह मुकाबला उनके मानसिक संतुलन और रणनीतिक कौशल की असली परीक्षा होगा।
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चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले मैच के लिए दक्षिण अफ्रीका की प्लेइंग XI- अनुमानित
- तेम्बा बावुमा (कप्तान)
- भूमिका: एंकर और नेता।
- महत्व: बावुमा का शांत स्वभाव और पारी को स्थिर करने की क्षमता महत्वपूर्ण है। कप्तान के रूप में, अफ़गानिस्तान के स्पिन खतरे से निपटने में उनकी सामरिक सूझबूझ महत्वपूर्ण होगी। उपमहाद्वीपीय परिस्थितियों में उनका अनुभव उन्हें शीर्ष पर एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनाता है।
- रयान रिकेल्टन
- भूमिका: आक्रामक सलामी बल्लेबाज।
- महत्व: रिकेल्टन का हालिया फॉर्म और आक्रामक इरादा उन्हें टोनी डी ज़ोरज़ी से बेहतर विकल्प बनाता है। तेज गेंदबाजों और स्पिनरों का सामना करने की उनकी क्षमता दक्षिण अफ़्रीका की पारी की दिशा तय करेगी।
- एडेन मार्करम
- भूमिका: बहुमुखी मध्यक्रम बल्लेबाज।
- महत्व: एंकर और आक्रामक दोनों भूमिकाएं निभाने की क्षमता मार्कराम को अपरिहार्य बनाती है। उनकी ऑफ-स्पिन गेंदबाजी भी अफगानिस्तान के दाएं हाथ के भारी लाइनअप के खिलाफ उपयोगी हो सकती है।
- रस्सी वैन डेर डुसेन
- भूमिका: मध्य-क्रम स्टेबलाइजर।
- महत्व: साझेदारी बनाने और स्ट्राइक रोटेट करने की वैन डेर डुसेन की क्षमता मध्य ओवरों में महत्वपूर्ण है, खासकर अफगानिस्तान के स्पिनरों के खिलाफ। दबाव की स्थितियों में उनका अनुभव बल्लेबाजी लाइनअप में गहराई जोड़ता है।
- हेनरिक क्लासेन (विकेट कीपर)
- भूमिका: स्पिन विध्वंसक और फिनिशर।
- महत्व: स्पिन गेंदबाजी पर हावी होने की क्लासेन की क्षमता बेजोड़ है। अपने पिछले चार वनडे मैचों में 351 रन बनाकर, वह मध्य क्रम में दक्षिण अफ्रीका के एक्स-फैक्टर हैं और अफगानिस्तान की स्पिन तिकड़ी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।
- डेविड मिलर
- भूमिका: फिनिशर.
- महत्व: मिलर की डेथ ओवरों में पावर-हिटिंग खेल को पलट सकती है। दबाव में उनका अनुभव और शांतचित्तता उन्हें दक्षिण अफ्रीका के बड़े स्कोर की तलाश में एक महत्वपूर्ण कड़ी बनाती है।
- मार्को जेन्सन
- भूमिका: तेज गेंदबाजी आलराउंडर।
- महत्व: जेन्सन अपनी बाएं हाथ की गति और निचले क्रम की बल्लेबाजी से संतुलन प्रदान करते हैं। पावरप्ले और मध्य ओवरों में गेंदबाजी करने की उनकी क्षमता आक्रमण में विविधता लाती है।
- केशव महाराज
- भूमिका: मुख्य स्पिनर।
- महत्त्व: महाराज का नियंत्रण और किफायती गेंदबाजी की क्षमता अफगानिस्तान के बल्लेबाजों को रोकने में महत्वपूर्ण है। उपमहाद्वीपीय परिस्थितियों में उनका अनुभव उन्हें एक महत्वपूर्ण हथियार बनाता है।
- कागिसो रबाडा
- भूमिका: तेज गेंदबाज।
- महत्व: नई गेंद से शुरुआत में ही स्ट्राइक करने और डेथ ओवरों में अच्छा प्रदर्शन करने की रबाडा की क्षमता उन्हें दक्षिण अफ्रीका का सबसे शक्तिशाली गेंदबाज बनाती है। गेंदबाजी इकाई में उनका नेतृत्व अमूल्य है।
- लुंगी एनगिडी
- भूमिका: डेथ ओवर विशेषज्ञ।
- महत्व: एनगिडी की विविधता और डेथ ओवरों में यॉर्कर फेंकने की क्षमता अफगानिस्तान के निचले क्रम के बल्लेबाजों को रोकने में महत्वपूर्ण है। वनडे में उनका हालिया प्रदर्शन आक्रमण में आत्मविश्वास भरता है।
- तबरेज शम्सी
- भूमिका: कलाई-स्पिनर।
- महत्व: मध्य ओवरों में शम्सी की विकेट लेने की क्षमता अफ़गानिस्तान की बल्लेबाजी की लय को बिगाड़ सकती है। उनकी अपरंपरागत शैली दक्षिण अफ़्रीकी स्पिन आक्रमण में आश्चर्य का तत्व जोड़ती है।