• स्टीव स्मिथ के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया चैंपियंस ट्रॉफी 2025 अभियान की शुरुआत खिताब के दावेदार के रूप में करने के लिए तैयार है।

  • ऑस्ट्रेलिया अपने ग्रुप चरण के मैच अफगानिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ खेलेगा।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में ऑस्ट्रेलिया का इंग्लैंड, अफगानिस्तान और दक्षिण अफ्रीका से होगा सामना, तीनों टीमों की ताकत और कमजोरी पर एक नजर
चैंपियंस ट्रॉफी ग्रुप ए (फोटो: एक्स)

ऑस्ट्रेलिया चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में एक मजबूत दावेदार के रूप में उतरेगा, हालांकि उनकी टीम के कुछ बड़े खिलाड़ी चोट के कारण बाहर हैं। सबसे बड़ी कमी कप्तान पैट कमिंस और तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क की होगी। लेकिन फिर भी, ऑस्ट्रेलिया के पास बेहतरीन खिलाड़ी और अनुभव है, जिससे वे खिताब जीतने के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।

हालांकि, उनका सफर आसान नहीं होगा क्योंकि ग्रुप स्टेज में उन्हें इंग्लैंड, अफगानिस्तान और दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीमों का सामना करना होगा। ये टीमें सिर्फ ऑस्ट्रेलिया को हराने की कोशिश ही नहीं करेंगी, बल्कि उनके पास स्टीव स्मिथ की कप्तानी वाली टीम से बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता भी है। इन टीमों के पिछले शानदार प्रदर्शन को देखते हुए, आइए जानें कि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के ग्रुप ए में ऑस्ट्रेलिया को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलियाई टीम का हालिया प्रदर्शन शानदार रहा है। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने भारत को हराकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती, जो पहली बार हुआ जब उन्होंने इतने सालों बाद यह सीरीज अपने नाम की। इसके बाद उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी अच्छी जीत दर्ज की।

हालांकि, श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, जिससे कुछ चिंताएं बढ़ी हैं। लेकिन फिर भी, उनका कुल मिलाकर प्रदर्शन मजबूत रहा है। अब चैंपियंस ट्रॉफी में उनके पास खुद को साबित करने का मौका है। टीम यह दिखाना चाहेगी कि वे बिना पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क जैसे बड़े खिलाड़ियों के भी जीत सकते हैं और उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में अच्छा खेल सकते हैं। अगर वे इस टूर्नामेंट को जीतते हैं, तो यह उनके लिए बड़ी उपलब्धि होगी।

अफ़गानिस्तान

ताकत: एक समय था जब अफगानिस्तान टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंडरडॉग माना जाता था जो खेल से अलग थलग रहती थी। हालांकि, टीम ने कुछ वर्षों में ही बाजी पलट दी है और अब उनके पास अजमतुल्लाह उमरजई, राशिद खान, गुलबदीन नायब और रहमत शाह जैसे कई गुणवत्ता वाले ऑलराउंडर हैं। इसके अतिरिक्त टीम में बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों इकाइयों में गहराई के साथ एक संतुलित संरचना है। अफगान पक्ष किसी भी पक्ष के लिए हानिकारक साबित हो सकता है और एकदिवसीय प्रारूप में किसी भी पक्ष से बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है।

कमजोरी: अफगानिस्तान की टीम किसी भी टूर्नामेंट में मजबूत विरोधी होती है, लेकिन बड़े मैचों में दबाव झेलने में कमजोर साबित हुई है। 2023 वनडे वर्ल्ड कप में ऐसा देखने को मिला था, जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ 291 रन बनाए और एक समय 91/7 पर ऑस्ट्रेलिया को संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया था। लेकिन फिर भी, वे ग्लेन मैक्सवेल की शानदार पारी को रोक नहीं पाए, जिन्होंने चोट के बावजूद दोहरा शतक जड़कर ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई और सेमीफाइनल में पहुंचा दिया।

खतरा: अफगानिस्तान की टीम उपमहाद्वीप की धीमी और टर्न लेने वाली पिचों पर अच्छा खेलती है। उनके पास अच्छे स्पिन गेंदबाज हैं, जो बीच के ओवरों में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया की अपेक्षाकृत युवा टीम को इन परिस्थितियों में अफगानिस्तान के खिलाफ़ संभलकर खेलना होगा।

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दक्षिण अफ्रीका

ताकत: दक्षिण अफ्रीका चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जीतने की बड़ी दावेदार है। उनकी बल्लेबाजी काफी मजबूत है और हाल ही में उन्होंने त्रिकोणीय सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था। इस सीरीज में उन्होंने दोनों मैचों में 300 से ज्यादा रन बनाए और विरोधी टीमों पर दबाव बनाया। उनकी टीम किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को कमजोर कर सकती है और बड़े स्कोर खड़ा करने में माहिर है।

कमजोरी: हालांकि उनकी बल्लेबाजी दमदार है, लेकिन उनकी गेंदबाजी उतनी प्रभावी नहीं है। हाल ही में त्रिकोणीय सीरीज में उन्होंने 300+ का स्कोर बनाया था, लेकिन उनकी गेंदबाजी कमजोर साबित हुई और न्यूजीलैंड व पाकिस्तान ने यह लक्ष्य हासिल कर लिया। उनकी गेंदबाजी ज्यादातर कागिसो रबाडा और केशव महाराज पर निर्भर है। बाकी गेंदबाज उतने अनुभवी नहीं हैं, जिससे विरोधी टीम के बल्लेबाज आसानी से रन बना सकते हैं।

खतरा: दक्षिण अफ्रीका के पास ऐसे बल्लेबाज हैं जो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को मुश्किल में डाल सकते हैं। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी में वनडे फॉर्मेट में अनुभव की कमी है। अगर दक्षिण अफ्रीका के दो बल्लेबाज लंबी साझेदारी कर लेते हैं, तो ऑस्ट्रेलिया की टीम दबाव में आ सकती है। पाकिस्तान की पिचें बल्लेबाजों के लिए मददगार होती हैं, जिससे ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के लिए विकेट लेना और भी मुश्किल हो सकता है।

इंग्लैंड

ताकत: इंग्लैंड की टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी टीम के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। भारत दौरे के दौरान उन्होंने कुछ अच्छे पल दिखाए। बेन डकेट, फिल साल्ट, साकिब महमूद और आदिल राशिद जैसे खिलाड़ी उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं और मैच का रुख बदल सकते हैं।

कमजोरी: हालांकि इंग्लैंड के पास अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन वनडे क्रिकेट में वे एकजुट होकर नहीं खेल पाते। उनके खेल में तालमेल की कमी दिखाई देती है, जिससे वे गलत फैसले लेते हैं, जो टीम के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं। यह ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ उनकी कमजोरी बन सकती है।

खतरा: इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हमेशा आक्रामक खेलती है। वे तेजी से रन बनाते हैं और गेंदबाजी में लगातार हमला करते हैं। अगर इंग्लैंड की टीम लय में आ गई, तो यह युवा ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए मुश्किल हो सकता है, क्योंकि उनके पास ऐसी चुनौती से निपटने का ज्यादा अनुभव नहीं है। इंग्लैंड की तेज रफ्तार बल्लेबाजी और आक्रामक गेंदबाजी ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है।

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श्रेणी:: ऑस्ट्रेलिया चैंपियंस ट्रॉफी फीचर्ड वनडे

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