आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत के साथ ही बांग्लादेश को भारत, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान जैसी मजबूत टीमों के साथ ग्रुप ए में चुनौती का सामना करना होगा। नजमुल हुसैन शांतो की कप्तानी में बांग्लादेश बड़ी टीमों को चौंकाने और अपनी पहचान बनाने के इरादे से उतरेगा। हालांकि, हालिया फॉर्म और टीम की संरचना को देखते हुए इन दिग्गज विरोधियों के खिलाफ उनकी प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।
वनडे प्रारूप में बांग्लादेश का हालिया प्रदर्शन
बांग्लादेश का हालिया वनडे प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। 2024 में खेले गए नौ मैचों में से वे सिर्फ तीन ही जीत सके, जिसमें वेस्टइंडीज के खिलाफ 3-0 की हार और अफगानिस्तान के खिलाफ 2-1 से मिली सीरीज हार शामिल है। उनकी बल्लेबाजी अस्थिर रही है, खासकर शीर्ष क्रम लगातार विफल रहा है। मध्य क्रम भी दबाव में लड़खड़ाया है, जहां मुश्फिकुर रहीम और महमूदुल्लाह जैसे अनुभवी खिलाड़ी अहम मौकों पर तेजी नहीं दिखा पाए। जाकेर अली ने कभी-कभी अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन बड़े मैचों में टीम का दबाव झेलने में असफल रहना बड़ी चिंता बना हुआ है। उनकी हालिया हार से बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में कमजोरी उजागर हुई है, जिससे चैंपियंस ट्रॉफी में उनका सफर मुश्किल भरा हो सकता है।
टीम की संरचना और प्रमुख अनुपस्थिति
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए बांग्लादेश की टीम में बड़े बदलाव दिख रहे हैं। शाकिब अल हसन और तमीम इकबाल जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी से टीम में अनुभव और नेतृत्व की कमी महसूस होगी। कप्तान शांतो भी अच्छी फॉर्म में नहीं हैं, जिससे मध्यक्रम पर ज्यादा दबाव आ सकता है। टीम में तनजीम हसन और नाहिद राणा जैसे युवा तेज गेंदबाज शामिल हैं, जो गति और आक्रमकता लाते हैं। हालांकि, स्पिन विभाग पहले की तरह मजबूत नहीं है, जहां केवल मेहदी हसन मिराज ही प्रमुख विकल्प हैं। लिटन दास को खराब फॉर्म के कारण बाहर किए जाने से बल्लेबाजी और कमजोर हो गई है, जिससे बांग्लादेश को रहीम और महमुदुल्लाह पर ज्यादा निर्भर रहना होगा।
चैंपियंस ट्रॉफी में बांग्लादेश का प्रदर्शन
बांग्लादेश का चैंपियंस ट्रॉफी में प्रदर्शन अब तक खास नहीं रहा है। उन्होंने 12 मैच खेले हैं, जिनमें सिर्फ दो बार जीत दर्ज की है। उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन 2017 में रहा, जब उन्होंने ग्रुप स्टेज में न्यूजीलैंड को हराकर सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। हालांकि, उनका कुल रिकॉर्ड दिखाता है कि वे बड़ी टीमों के खिलाफ संघर्ष करते रहे हैं। सिर्फ 16.67% की जीत दर के साथ, बांग्लादेश को अक्सर टूर्नामेंट में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। खासकर नॉकआउट चरण में दबाव को झेलने में उनकी कमजोरी साफ दिखी है। ऐसे में, 2025 का अभियान उनके धैर्य और परिस्थितियों के अनुकूल ढलने की क्षमता की असली परीक्षा होगा।
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मैच, स्थान और विरोधी
बांग्लादेश का ग्रुप-स्टेज का सफर 20 फरवरी को दुबई में भारत के खिलाफ़ एक कठिन मुकाबले से शुरू होगा। इसके बाद वे 24 फरवरी को रावलपिंडी में न्यूज़ीलैंड का सामना करेंगे, उसके बाद 27 फरवरी को उसी मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ़ मैच खेलेंगे। ये मुक़ाबले एक कठिन चुनौती पेश करते हैं, क्योंकि तीनों प्रतिद्वंद्वी खिताब के प्रबल दावेदार हैं। उपमहाद्वीपीय परिस्थितियों में खेलना कुछ फ़ायदेमंद हो सकता है, लेकिन बांग्लादेश को अपने हाल के खराब प्रदर्शन से उबरना होगा ताकि वह जीत हासिल कर सके।
बांग्लादेश के ग्रुप-स्टेज प्रतिद्वंद्वियों का मूल्यांकन
न्यूज़ीलैंड
ताकत : न्यूजीलैंड के पास केन विलियमसन और डेवोन कॉनवे जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी वाली एक संतुलित टीम है। पाकिस्तान में उनकी हाल की त्रिकोणीय सीरीज की जीत ने उपमहाद्वीपीय परिस्थितियों के अनुकूल होने की उनकी क्षमता को उजागर किया है। ग्लेन फिलिप्स और डेरिल मिचेल जैसे हरफनमौला खिलाड़ियों की मौजूदगी उनके लाइनअप में गहराई जोड़ती है, जो उन्हें एक दुर्जेय प्रतिद्वंद्वी बनाती है।
कमजोरी : ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी की अनुपस्थिति उनके तेज आक्रमण को कमजोर करती है, जिससे वे कम अनुभवी गेंदबाजों पर निर्भर हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त, उनका मध्य क्रम कभी-कभी उच्च दबाव की स्थिति में तेजी लाने के लिए संघर्ष करता है, जिसका फायदा उठाया जा सकता है।
खतरा : न्यूजीलैंड की अनुशासित गेंदबाजी और रणनीतिक गेमप्ले उन्हें एक खतरनाक प्रतिद्वंद्वी बनाते हैं। स्विंग के अनुकूल परिस्थितियों का फायदा उठाने की उनकी क्षमता बांग्लादेश के कमजोर शीर्ष क्रम को परेशान कर सकती है।
भारत
ताकत : रोहित शर्मा, विराट कोहली और शुभमन गिल की मौजूदगी वाली भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप टूर्नामेंट में सबसे मजबूत में से एक है। कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा की अगुआई में उनका स्पिन आक्रमण, खास तौर पर टर्निंग पिचों पर एक बड़ा हथियार है।
कमजोरी : जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की अनुपस्थिति उनके तेज गेंदबाजी आक्रमण को कमजोर करती है। उनकी डेथ बॉलिंग एक चिंता का विषय बनी हुई है, जिसे बांग्लादेश अंतिम ओवरों में निशाना बना सकता है।
खतरा : भारत की स्पिन-भारी रणनीति और बल्लेबाजी की गहराई उन्हें एक कठिन चुनौती बनाती है। अगर पिच स्पिनरों की मदद करती है, तो बांग्लादेश का मध्य क्रम स्कोरबोर्ड को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष कर सकता है।
पाकिस्तान
ताकत : शाहीन अफरीदी , नसीम शाह और हारिस राउफ की मौजूदगी वाला पाकिस्तान का घातक तेज गेंदबाजी आक्रमण उनकी सबसे बड़ी ताकत है। दबाव में भी अच्छा प्रदर्शन करने और अप्रत्याशित जीत हासिल करने की उनकी क्षमता उन्हें एक खतरनाक प्रतिद्वंद्वी बनाती है।
कमजोरी : असंगत बल्लेबाजी और फिल्डिंग में चूक महत्वपूर्ण कमजोरियां हैं। अगर बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहते हैं, तो पाकिस्तान का मध्यक्रम दबाव में ढह सकता है।
खतरा : नई गेंद से जल्दी स्ट्राइक करने और उच्च दबाव की स्थिति में हावी होने की पाकिस्तान की क्षमता बांग्लादेश के शीर्ष क्रम के लिए एक बड़ा खतरा है।