• चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान के साथ एक मजबूत ग्रुप में रखा गया है।

  • उनका अभियान 22 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मुकाबले से शुरू होगा।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में इंग्लैंड का ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान और दक्षिण अफ्रीका से होगा सामना; तीनों टीमों की ताकत और कमजोरी पर एक नजर
इंग्लैंड (फोटो: X)

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान के साथ एक मजबूत ग्रुप में रखा गया है। यह एक ऐसा ग्रुप है जो एकदिवसीय विश्व कप 2023 से मिले दर्दनाक सबक की याद दिलाता है।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में इंग्लैंड का चुनौतीपूर्ण ग्रुप

पिछले टूर्नामेंट में इंग्लैंड को अपने तीनों विरोधियों से बड़ी हार मिली, जिससे उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी की कमजोरियां साफ नजर आईं। अब, चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में हो रही है और इंग्लैंड अपनी किस्मत बदलने के लिए पूरी तरह तैयार है।

उनका अभियान 22 फरवरी को लाहौर के मशहूर मैदान में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहम मुकाबले से शुरू होगा। यह मैच बहुत मुश्किल होगा क्योंकि ऑस्ट्रेलिया एक मजबूत टीम है और हमेशा कड़ी टक्कर देती है। इसके बाद इंग्लैंड 26 फरवरी को अफगानिस्तान और 1 मार्च को दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगा।

इंग्लैंड पर दबाव बढ़ रहा है क्योंकि टूर्नामेंट में सिर्फ आठ टीमें हैं, और सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए उन्हें अपने ग्रुप में टॉप 2 में रहना होगा। ऐसे में हर रन और हर विकेट बहुत अहम होगा।

पाकिस्तान में अनुकूल परिस्थितियाँ और नया अवसर

चैंपियंस ट्रॉफी का ग्रुप चरण पाकिस्तान में हो रहा है, जो इंग्लैंड के लिए अच्छी खबर हो सकती है। भारत की स्पिन वाली पिचों के उलट, जहां उनके बल्लेबाज संघर्ष कर रहे थे, पाकिस्तान की पिचें तेज गेंदबाजों और बल्लेबाजों के लिए ज्यादा अनुकूल मानी जा रही हैं। यहां गेंद को ज्यादा गति और उछाल मिलेगी, जिससे इंग्लैंड की जोस बटलर की अगुआई वाली टीम को फायदा हो सकता है।

वनडे विश्व कप में इन्हीं विरोधियों के खिलाफ इंग्लैंड को हार मिली थी, लेकिन अब मैदान बदलने से उनके प्रदर्शन में सुधार आ सकता है। इन बेहतर परिस्थितियों में, इंग्लैंड के बल्लेबाज ज्यादा खुलकर खेल सकते हैं और आक्रामक रणनीति अपनाकर विरोधी गेंदबाजों को चुनौती दे सकते हैं। यह रणनीति उनके लिए बहुत जरूरी होगी ताकि वे पिछली हार से उबर सकें और दुनिया के सामने अपनी ताकत दिखा सकें।

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अफ़गानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका का विश्लेषण

अफ़ग़ानिस्तान

ताकत

  • स्पिन का प्रभुत्व: राशिद खान, नूर अहमद और मोहम्मद नबी एक शक्तिशाली स्पिन आक्रमण बनाते हैं, जो परिस्थितियों का फायदा उठाने में सक्षम हैं, विशेष रूप से इंग्लैंड के मध्य क्रम के खिलाफ, जिसे उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में उच्च गुणवत्ता वाले स्पिन के खिलाफ संघर्ष करना पड़ा है।
  • शीर्ष क्रम में आक्रामक बल्लेबाजी:हमानुल्लाह गुरबाज और इब्राहिम जादरान अपने आक्रामक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं, जो इंग्लैंड के नए गेंदबाजों को परेशान कर सकते हैं।
  • चौतरफा गहराई: गुलबदीन नैब, अजमतुल्लाह उमरजई और मोहम्मद नबी जैसे बहुमुखी खिलाड़ियों के साथ, अफगानिस्तान के पास परिस्थितियों के आधार पर अपनी टीम को समायोजित करने की लचीलापन है।

कमजोरियों

  • तेज गेंदबाजी की सीमाएं: फजलहक फारुकी के अलावा, तेज गेंदबाजी आक्रमण में अनुभव की कमी है और इंग्लैंड की आक्रामक बल्लेबाजी लाइनअप के सामने उन्हें संघर्ष करना पड़ सकता है।
  • मध्यक्रम की अस्थिरता: हशमतुल्लाह शाहिदी और रहमत शाह के अलावा, अफगानिस्तान के मध्यक्रम में अस्थिरता दिखी है, जिसका फायदा इंग्लैंड के तेज गेंदबाज उठा सकते हैं।

इंग्लैंड के लिए खतरा

  • अफगानिस्तान के स्पिनर, विशेषकर राशिद खान, मध्य ओवरों में दबाव बना सकते हैं, जिससे इंग्लैंड को अपने आक्रामक रुख पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
  • गुरबाज की इंग्लैंड के नए गेंदबाजों का सामना करने की क्षमता उन्हें शुरुआत में ही बैकफुट पर ला सकती है।
  • यदि अफगानिस्तान पहले गेंदबाजी करता है और उसके स्पिनरों को सहायता मिलती है, तो इंग्लैंड की आक्रामक बल्लेबाजी रणनीति उल्टी पड़ सकती है, जिससे संभावित पतन हो सकता है।

ऑस्ट्रेलिया

ताकत

  • विश्व स्तरीय बल्लेबाजी गहराई: स्टीव स्मिथ, ट्रैविस हेड, मार्नस लाबुशेन और ग्लेन मैक्सवेल के साथ, ऑस्ट्रेलिया के पास एक अच्छा बल्लेबाजी क्रम है जो इंग्लैंड के तेज गेंदबाजी आक्रमण से निपटने में सक्षम है।
  • संतुलित गेंदबाजी आक्रमण: तेज गेंदबाजी (सीन एबॉट, नाथन एलिस, स्पेंसर जॉनसन, बेन ड्वार्शिस) और स्पिन गेंदबाजी (एडम जाम्पा, तनवीर संघा) का मिश्रण ऑस्ट्रेलिया को किसी भी परिस्थिति में एक मजबूत गेंदबाजी पक्ष बनाता है।
  • विस्फोटक फिनिशर: मैक्सवेल, मैथ्यू शॉर्ट और जोश इंगलिस अंतिम ओवरों में आक्रामक बल्लेबाजी करते हैं, जिससे ऑस्ट्रेलिया अंतिम ओवरों में सबसे खतरनाक टीमों में से एक बन गया है।

कमजोरियों

  • वास्तविक तेज गति का अभाव: पिछली ऑस्ट्रेलियाई टीमों के विपरीत, इस टीम में वास्तविक 150 किमी/घंटा की गति वाला गेंदबाज नहीं है, जिससे इंग्लैंड के बल्लेबाजों के लिए पारी को आसान बनाना संभव हो सकता है।
  • स्मिथ और हेड पर निर्भरता: यदि इंग्लैंड अपने शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को जल्दी आउट कर देता है, तो ऑस्ट्रेलिया के मध्य क्रम को काफी दबाव का सामना करना पड़ सकता है, खासकर मार्क वुड और जोफ्रा आर्चर के खिलाफ।

इंग्लैंड के लिए खतरा

  • ऑस्ट्रेलिया की मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप इंग्लैंड के गेंदबाजों को चुनौती दे सकती है, विशेषकर उच्च स्कोर वाले मैचों में।
  • मध्य ओवरों में एडम ज़म्पा का नियंत्रण इंग्लैंड की आक्रामक बल्लेबाजी को सीमित कर सकता है।
  • यदि ऑस्ट्रेलिया पहले गेंदबाजी करता है और इंग्लैंड को कम स्कोर पर रोक देता है, तो उनका संतुलित बल्लेबाजी क्रम आत्मविश्वास के साथ लक्ष्य का पीछा कर सकता है।

दक्षिण अफ़्रीका

ताकत

  • उत्कृष्ट तेज गेंदबाजी आक्रमण: कागिसो रबाडा, लुंगी एनगिडी और मार्को जेन्सन एक घातक तेज गेंदबाजी तिकड़ी है जो इंग्लैंड के आक्रामक शीर्ष क्रम को परेशान कर सकती है, विशेषकर गतिशील सतहों पर।
  • अनुभवी बल्लेबाजी कोर: डेविड मिलर, हेनरिक क्लासेन और रासी वान डेर डूसेन के साथ, दक्षिण अफ्रीका के पास ऐसे बल्लेबाज हैं जो दबाव को झेल सकते हैं और जरूरत पड़ने पर तेजी से रन बना सकते हैं।
  • प्रमुख चरणों में स्पिन विकल्प: केशव महाराज और तबरेज शम्सी विविधता प्रदान करते हैं, जो इंग्लैंड के मध्य क्रम के खिलाफ महत्वपूर्ण हो सकता है।

कमजोरियों

  • मध्यक्रम का असंगत प्रदर्शन: मिलर और क्लासेन के अलावा, दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी आईसीसी टूर्नामेंटों में ढहती रही है, जिसका फायदा इंग्लैंड का आक्रामक गेंदबाजी आक्रमण उठा सकता है।
  • रबाडा और जेनसन पर अत्यधिक निर्भरता: यदि इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज रबाडा के शुरुआती खतरे को नकार देते हैं, तो दक्षिण अफ्रीका के बैकअप तेज गेंदबाजों को दबाव बनाए रखने में संघर्ष करना पड़ सकता है।

इंग्लैंड के लिए खतरा

  • रबाडा और जेन्सन की शुरुआत में ही गति लाने की क्षमता इंग्लैंड के शीर्ष क्रम को गंभीर दबाव में डाल सकती है।
  • क्लासेन और मिलर जैसे दक्षिण अफ्रीका के पावर-हिटर अंतिम ओवरों में इंग्लैंड के गेंदबाजों का सामना कर सकते हैं, तथा तेजी से गति बदल सकते हैं।
  • यदि दक्षिण अफ्रीका के स्पिनरों को सहायता मिलती है, तो वे मध्य ओवरों में इंग्लैंड की मुक्त बल्लेबाजी को बाधित कर सकते हैं।

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श्रेणी:: इंग्लैंड चैंपियंस ट्रॉफी फीचर्ड

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