पुणे में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टी20आई के दौरान शिवम दुबे के स्थान पर हर्षित राणा को कन्कशन सब्सटीट्यूट के रूप में उतारने के भारत के फैसले ने क्रिकेट जगत में बड़ी बहस छेड़ दी है।
हर्षित राणा को कन्कशन सब्सटीट्यूट के तौर पर शामिल करने पर विवाद
मैच में दुबे ने शानदार प्रदर्शन किया और 34 गेंदों में 53 रन बनाए, जिससे भारत ने 181/9 का मजबूत स्कोर खड़ा किया। लेकिन पारी के आखिरी ओवर में क्रेग ओवरटन की बाउंसर उनके हेलमेट पर लग गई, जिससे उन्हें कन्कशन प्रोटोकॉल के तहत मैदान छोड़ना पड़ा।
भारत ने उनकी जगह ऑलराउंडर की बजाय तेज गेंदबाज हर्षित राणा को टीम में शामिल किया, जिस पर काफी चर्चा हुई। राणा ने अपने टी20I डेब्यू में शानदार प्रदर्शन किया और 33 रन देकर 3 अहम विकेट लिए। उन्होंने लियाम लिविंगस्टोन, जैकब बेथेल और ओवरटन को आउट कर भारत को इंग्लैंड को 166 रन पर समेटने में मदद की, जिससे भारत ने 15 रन से जीत दर्ज की। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि राणा, दुबे के लिए सही रिप्लेसमेंट नहीं थे।
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भारत के फैसले पर रविचंद्रन अश्विन का रुख
भारतीय स्पिन दिग्गज रविचंद्रन अश्विन ने अब इस फैसले पर अपनी कड़ी असहमति जताई है। उन्होंने मैच अधिकारियों और भारतीय टीम के हालात से निपटने की आलोचना की है। अपने YouTube चैनल पर बोलते हुए, अश्विन ने बिना किसी लाग-लपेट के इस फैसले की तुलना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नियम के बजाय IPL के इम्पैक्ट प्लेयर नियम से की। उन्होंने कहा, “खेल खत्म हो गया है। भारत ने घर में एक और सीरीज़ जीती है। T20I में जीत का सिलसिला वाकई शानदार रहा। यह खेल क्या था? यह IPL की नकल जैसा था। सुपरसब वहां था, और खेल एक इम्पैक्ट प्लेयर के साथ खेला गया।”
अश्विन ने कैनबरा में 2020 के कन्कशन सब्सटीट्यूट की घटना का भी जिक्र किया, जहां युजवेंद्र चहल ने रवींद्र जडेजा की जगह ली थी, जब उन्हें चोट लगी थी। अश्विन ने बताया कि कम से कम उस मामले में, एक स्पिनर की जगह दूसरे स्पिनर को लाया गया था, जो इसे एक उचित निर्णय बनाता है। इसके विपरीत, दुबे जैसे बैटिंग ऑलराउंडर की जगह पेसर को लाना पूरी तरह से अनुचित लगा।
38 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, “पूरी चर्चा इस बात पर है कि हर्षित राणा शिवम दुबे की जगह कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर कैसे आए। क्या हम भूल गए कि यह एक अंतरराष्ट्रीय मैच था और हम आईपीएल मैच खेल रहे हैं? मैं समझ सकता हूं। ऐसा पहले भी हो चुका है। कैनबरा में रवींद्र जडेजा को कन्कशन हुआ था और युजवेंद्र चहल को सब्स्टीट्यूट के तौर पर बुलाया गया था। मुझे यह समझ में नहीं आता। कम से कम पहले तो चहल जडेजा की जगह आए थे, जो स्पिनर के लिए स्पिनर था।”
रमनदीप सिंह के संभावित प्रतिस्थापन पर अश्विन का दृष्टिकोण
अश्विन ने मैच अधिकारियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने तर्क दिया कि बल्लेबाजी ऑलराउंडर रमनदीप सिंह दुबे के लिए एकदम सही विकल्प थे, फिर भी उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। अश्विन ने आगे जोर देकर कहा कि इस फैसले ने एक खतरनाक मिसाल कायम की है, क्योंकि इससे टीमें भविष्य के मैचों में कन्कशन नियम का फायदा उठा सकती हैं ।
अश्विन ने आगे कहा, “यहाँ, हर्षित शिवम दुबे की जगह आए। भारतीय या इंग्लैंड टीम की कोई भूमिका नहीं है। अगर टीम में कोई नहीं है, तो आप कह सकते हैं कि हर्षित राणा थोड़ी बल्लेबाजी कर सकते हैं और शिवम दुबे थोड़ी गेंदबाजी कर सकते हैं। इसलिए हमने उन्हें टीम में शामिल किया। रमनदीप सिंह बाहर बैठे थे। मुझे समझ में नहीं आया। यह पूरी तरह से क्रिकेट की गलत गणना का मामला है, या तो अंपायरों की ओर से या मैच रेफरी की ओर से। रमनदीप सिंह शिवम दुबे के विकल्प के तौर पर मौजूद थे। लेकिन वह नहीं। हर्षित राणा को कन्कशन विकल्प के तौर पर चुना गया। मुझे लगता है कि प्रभारी लोगों को इस पर गौर करना चाहिए।”