वनडे क्रिकेट में बहुत बड़ा बदलाव आया है और यह बदलाव ओपनिंग बल्लेबाजों की भूमिका में सबसे ज़्यादा देखने को मिलता है। शुरुआती सालों में ओपनरों से उम्मीद की जाती थी कि वे सावधानी से खेलें, नई गेंद को संभालें और मध्यक्रम के लिए नींव रखें।
एकदिवसीय सलामी बल्लेबाजी का विकास: सावधानी से आक्रामकता तक
सुनील गावस्कर और ज्योफ बॉयकॉट जैसे खिलाड़ियों का तरीका विकेट बचाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करना था, बजाय इसके कि वे तेजी से रन बनाएं। लेकिन जैसे-जैसे सीमित ओवर क्रिकेट ने लोकप्रियता पाई, टीमों को पहले 15 ओवरों में फिल्डिंग प्रतिबंधों का फायदा उठाने की अहमियत समझ में आने लगी। 1990 के दशक के मध्य में श्रीलंका के सनथ जयसूर्या और रोमेश कालूवितरणा ने पारंपरिक तरीका तोड़ते हुए गेंदबाजों पर आक्रमण शुरू किया, जो 1996 के विश्व कप में उनकी जीत की कुंजी बनी। उनकी आक्रामक शैली ने टीमों को अपने दृष्टिकोण पर फिर से सोचने के लिए प्रेरित किया, जिससे सलामी बल्लेबाजों की एक नई शैली सामने आई, जो सिर्फ जीवित रहने के बजाय तेज शुरुआत करने पर ध्यान देने लगे। 2000 के दशक में, एडम गिलक्रिस्ट ने इस आक्रामक तरीके को और भी आगे बढ़ाया, जिससे ऑस्ट्रेलिया को 2003 और 2007 के विश्व कप में धमाकेदार शुरुआत मिली। वीरेंद्र सहवाग ने भारत के लिए भी यही किया, यह दिखाते हुए कि निडर आक्रामकता से लगातार सफलता मिल सकती है। ब्रेंडन मैकुलम ने 2015 के विश्व कप में इस शैली को और आगे बढ़ाया, पहले 10 ओवरों में ही गेंदबाजी को तहस-नहस कर दिया, जिससे आक्रामक शुरुआत अब आधुनिक एकदिवसीय बल्लेबाजी का एक अहम हिस्सा बन गई।
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आधुनिक समय के ओपनर: नियंत्रित आक्रामकता की कला
जहां पहले के आक्रामक सलामी बल्लेबाज पूरी तरह से आक्रामक आक्रमण पर निर्भर थे, वहीं अब पावर-हिटिंग और सही शॉट चयन का मिश्रण देखने को मिलता है। रोहित शर्मा, डेविड वार्नर और जॉनी बेयरस्टो जैसे खिलाड़ी उच्च स्ट्राइक रेट के साथ पारी बनाने में माहिर हो गए हैं। पहले के सलामी बल्लेबाज पूरी तरह से तेज शुरुआत पर निर्भर होते थे, लेकिन इन बल्लेबाजों ने आक्रामकता और निरंतरता का संतुलन बना लिया है, जिससे वे वनडे क्रिकेट में बड़ी ताकत बन गए हैं। खासकर रोहित शर्मा ने शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने की अपनी क्षमता से सलामी बल्लेबाज की भूमिका को नया रूप दिया है, जो उनके वनडे में तीन दोहरे शतकों से स्पष्ट है।
सुनील गावस्कर ने सबसे विध्वंसक वनडे सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी पसंद का खुलासा किया
पूर्व भारतीय क्रिकेटर गावस्कर ने कटक में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वनडे में शतक लगाने के बाद रोहित को विश्व क्रिकेट का सबसे खतरनाक ओपनर बताया है। खराब फॉर्म में होने के बावजूद, रोहित ने शानदार तरीके से जवाब दिया और 305 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सिर्फ 90 गेंदों में 119 रन बनाकर भारत को जीत दिलाई। उनके इस बेहतरीन प्रदर्शन ने न सिर्फ भारत को सीरीज जीत दिलाई, बल्कि 19 फरवरी से शुरू हो रही ICC चैंपियंस ट्रॉफी से पहले एक मजबूत संदेश भी दिया। गावस्कर ने अपने कॉलम में कहा कि रोहित की शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने की क्षमता उन्हें वनडे क्रिकेट में सबसे खतरनाक बल्लेबाज बनाती है।
गावस्कर ने लिखा, “रोहित शायद वनडे गेम में सबसे विध्वंसक ओपनिंग बल्लेबाज हैं और अगर भारत 2013 में जीती गई ट्रॉफी को फिर से हासिल करना चाहता है, तो उनका स्ट्राइकिंग फॉर्म एक महत्वपूर्ण घटक है। इस प्रारूप में बहुत कम बल्लेबाजों ने कई दोहरे शतक लगाए हैं और रोहित उन दुर्लभ बल्लेबाजों में से एक हैं, जिन्होंने ऐसा किया है।”