आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के पास आते ही, दुनिया भर के क्रिकेट फैंस आठ टीमों की संभावना पर चर्चा कर रहे हैं। यह टूर्नामेंट 19 फरवरी से 9 मार्च तक पाकिस्तान और दुबई में खेला जाएगा, और आठ साल बाद इसकी वापसी हो रही है। भारत, जो हाल के समय में सफेद गेंद क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, इस बार भी खिताब का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
भारत का फॉर्म और हालिया प्रदर्शन
पिछले दो सालों में भारत सीमित ओवरों के क्रिकेट में बेहतरीन फॉर्म में है। ICC टूर्नामेंटों में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है, जैसे ICC क्रिकेट विश्व कप 2023 के फाइनल तक पहुँचने और फिर ICC पुरुष T20 विश्व कप 2024 में ऐतिहासिक जीत। इन टूर्नामेंटों में उनकी निरंतर सफलता ने उन्हें वैश्विक क्रिकेट में एक मजबूत टीम बना दिया है। हालांकि, 2023 विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारने के बाद उनका वनडे प्रदर्शन थोड़ा अलग रहा है। भारत ने तीन द्विपक्षीय सीरीज में सिर्फ नौ वनडे खेले हैं।
- दिसंबर 2023: दूसरे दर्जे की भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को दक्षिण अफ्रीका में 2-1 से हराकर अपनी प्रतिभा की गहराई का प्रदर्शन किया।
- अगस्त 2024: लगभग पूरी ताकतवर टीम के साथ भारत को कमजोरियों को उजागर करने वाली टर्निंग पिचों पर श्रीलंका से 2-0 से आश्चर्यजनक हार का सामना करना पड़ा।
- फरवरी 2025: चैंपियंस ट्रॉफी से पहले अपनी अंतिम तैयारी में, भारत ने शानदार वापसी करते हुए इंग्लैंड पर 3-0 से श्रृंखला जीत ली।
ये नतीजे बताते हैं कि भारत भले ही एक शक्तिशाली टीम है, लेकिन उसके फॉर्म में उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। अलग-अलग परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढालने की उनकी क्षमता इस टूर्नामेंट में अहम होगी।
टीम की संरचना और प्रमुख अनुपस्थिति
भारत के पास एक मजबूत टीम है, लेकिन उन्हें स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति से जूझना होगा, जो पीठ की चोट से समय पर ठीक नहीं हो पाए। उनकी अनुपस्थिति एक बड़ा झटका होगी, क्योंकि वे सभी प्रारूपों में भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज रहे हैं, खासकर ICC टूर्नामेंट में। दिलचस्प बात यह है कि भारत टूर्नामेंट में पांच स्पिनरों के साथ खेलने वाली एकमात्र टीम है, जो दुबई में स्पिन के अनुकूल परिस्थितियों का फायदा उठाने की उनकी रणनीति का संकेत देती है। इस दृष्टिकोण के साथ, भारत सफलता हासिल करने के लिए अपने स्पिन विभाग पर बहुत अधिक निर्भर करेगा।
भारत का चैम्पियंस ट्रॉफी इतिहास
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का इतिहास काफी अच्छा रहा है। उन्होंने 2013 में एमएस धोनी की कप्तानी में एक बार टूर्नामेंट जीता है और 2002 में श्रीलंका के साथ खिताब साझा किया था, जब दो बार फाइनल बारिश के कारण रद्द हो गया था। हालांकि, उन्हें फाइनल में दो बार हार का सामना भी करना पड़ा है:
- 2000: रोमांचक फाइनल में न्यूजीलैंड से हार।
- 2017: पाकिस्तान के खिलाफ भारी हार का सामना करना पड़ा, यह मैच फखर जमान के शतक और पाकिस्तान की प्रभावशाली गेंदबाजी के लिए याद किया जाता है।
भारत तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीतने और 2017 के फाइनल की हार की यादों को मिटाने की कोशिश करेगा, तथा उसका लक्ष्य 12 साल बाद एक बार फिर ट्रॉफी उठाना होगा।
भारत के ग्रुप चरण के प्रतिद्वंद्वी
भारत को पाकिस्तान, बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के साथ ग्रुप ए में रखा गया है। उनके सभी ग्रुप-स्टेज मैच दुबई में खेले जाएंगे, जहां की परिस्थितियां बल्लेबाजी के अनुकूल होंगी, लेकिन टूर्नामेंट के आगे बढ़ने के साथ स्पिनरों को भी मदद मिलेगी।
- 20 फरवरी: भारत बनाम बांग्लादेश – एक महत्वपूर्ण प्रारंभिक मुकाबला एक ऐसी टीम के खिलाफ, जिसने पिछले आईसीसी टूर्नामेंटों में भारत को परेशान किया है।
- 23 फरवरी: भारत बनाम पाकिस्तान – ग्रुप चरण का सबसे बड़ा मुकाबला, एक उच्च दबाव वाला मुकाबला जो दोनों टीमों की परीक्षा लेगा।
- 2 मार्च: भारत बनाम न्यूजीलैंड – एक ऐसे प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ यह मैच जीतना बहुत जरूरी है जिसने ऐतिहासिक रूप से भारत को आईसीसी प्रतियोगिताओं से बाहर कर दिया है।
यह समूह महत्वपूर्ण चुनौतियां प्रस्तुत करता है, क्योंकि तीनों टीमें अलग-अलग खतरे लेकर आती हैं, जो भारत के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।
पाकिस्तान: कड़ा प्रतिद्वंद्वी
- ताकत
पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के सबसे मजबूत विरोधियों में से एक है, और इन दोनों टीमों के बीच प्रतिद्वंद्विता चैंपियंस ट्रॉफी में तीव्रता का एक अतिरिक्त स्तर जोड़ती है। पाकिस्तान की सबसे बड़ी ताकत उनके तेज गेंदबाजी आक्रमण में निहित है, जो शीर्ष टीमों के खिलाफ उनका पारंपरिक हथियार रहा है। शाहीन अफरीदी, नसीम शाह और हारिस राउफ एक शक्तिशाली तेज गेंदबाजी तिकड़ी बनाते हैं जो किसी भी बल्लेबाजी लाइनअप को ध्वस्त करने में सक्षम हैं, खासकर उन परिस्थितियों में जहां सीम और स्विंग की सुविधा हो। शादाब खान की अगुआई में उनके स्पिनर संतुलन प्रदान करते हैं, जबकि मध्य क्रम ने बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान जैसे बल्लेबाजों के साथ निरंतरता की झलक दिखाई है।
- कमजोरियों
हालांकि, पाकिस्तान की सबसे बड़ी कमजोरी दबाव में उनकी बल्लेबाजी में निरंतरता की कमी है। प्रतिभाशाली बल्लेबाजों के होने के बावजूद, वे अक्सर उच्च-दांव वाले मैचों में संघर्ष करते रहे हैं, खासकर ICC आयोजनों में भारत के खिलाफ। मध्य क्रम चिंता का विषय रहा है, जिसमें बार-बार पतन ने साझेदारी बनाने में उनकी अक्षमता को उजागर किया है। उनका क्षेत्ररक्षण भी लंबे समय से एक समस्या रही है, जो अक्सर कैच छूटने और मिसफील्ड के कारण उन्हें महत्वपूर्ण मैचों में हार का सामना करना पड़ा है।
- खतरा
पाकिस्तान की टीम भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, अप्रत्याशित प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता। ऐतिहासिक रूप से, वे कम से कम उम्मीद के मुताबिक शानदार जीत हासिल करने के लिए जाने जाते हैं, जैसे कि 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत के खिलाफ उनकी जीत। अगर उनके गेंदबाजी आक्रमण को शुरुआती सफलता मिलती है, तो वे भारत के शीर्ष क्रम को भारी दबाव में डाल सकते हैं। इसके अलावा, अगर बाबर अच्छी पारी खेलते हैं या ऑलराउंडर आगे बढ़ते हैं, तो पाकिस्तान ग्रुप स्टेज में भारत के लिए सबसे कठिन चुनौती साबित हो सकता है।
बांग्लादेश: स्पिन के प्रभुत्व के साथ उभरती ताकत
- ताकत
बांग्लादेश अंडरडॉग से विकसित होकर सफ़ेद गेंद वाले क्रिकेट में प्रतिस्पर्धी ताकत बन गया है। उनकी ताकत उपमहाद्वीप की परिस्थितियों का फ़ायदा उठाने की उनकी क्षमता में निहित है, जिसमें एक अच्छी तरह से गोल गेंदबाजी आक्रमण शामिल है जिसमें मेहदी हसन मिराज जैसे विश्व स्तरीय स्पिनर शामिल हैं। तस्कीन अहमद और मुस्तफ़िज़ुर रहमान की मौजूदगी वाला उनका तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण डेथ ओवरों में अतिरिक्त विविधता और कौशल प्रदान करता है। इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में उनकी बल्लेबाजी लाइनअप परिपक्व हुई है, जिसमें नजमुल हुसैन शंटो और अनुभवी महमूदुल्लाह पारी को संभालने और ज़रूरत पड़ने पर तेज़ी से रन बनाने में सक्षम हैं।
- कमजोरियों
बांग्लादेश की कमज़ोरियों में से एक यह है कि वे लगातार मज़बूत टीमों के खिलाफ़ मैच जीतने में असमर्थ हैं। हालाँकि उन्होंने शानदार खेल दिखाया है, लेकिन वे अक्सर ICC टूर्नामेंट में दबाव में लड़खड़ाते हैं, और अच्छी शुरुआत को जीत में बदलने में विफल रहते हैं। उनका मध्य क्रम कभी-कभी उच्च-गुणवत्ता वाली गति के सामने संघर्ष करता है, और उनके निचले क्रम में मैच को मज़बूती से खत्म करने के लिए ज़रूरी ताकत की कमी होती है। मुश्किल परिस्थितियों में मानसिक लचीलापन अभी भी एक काम है।
- खतरा
बांग्लादेश की टीम भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है स्पिन के अनुकूल परिस्थितियों का फायदा उठाने की उनकी क्षमता। अगर पिच स्पिनरों के लिए मददगार है, तो वे भारत की बल्लेबाजी लाइनअप को काफी दबाव में डाल सकते हैं। इसके अलावा, हाल के वर्षों में उनकी फील्डिंग में सुधार हुआ है, और अनुशासित गेंदबाजी के माध्यम से सफलता हासिल करने की उनकी क्षमता परेशानी का कारण बन सकती है। भारत उन्हें हल्के में नहीं ले सकता, क्योंकि बांग्लादेश ने वैश्विक टूर्नामेंटों में शीर्ष टीमों को हराने में सक्षम साबित किया है।
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न्यूजीलैंड: लगातार खतरनाक प्रतिस्पर्धी
- ताकत
न्यूजीलैंड आईसीसी टूर्नामेंट में सबसे लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीमों में से एक रही है, जो अक्सर अपने संतुलित दृष्टिकोण के साथ नॉकआउट चरणों तक पहुँचती है। उनकी सबसे बड़ी ताकत अलग-अलग परिस्थितियों के अनुकूल होने की उनकी क्षमता और व्यक्तिगत प्रतिभा पर निर्भर रहने के बजाय एक एकजुट इकाई के रूप में प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता है। विल ओ’रुरके, बेन सियर्स और लॉकी फर्ग्यूसन की मौजूदगी वाला उनका तेज गेंदबाजी आक्रमण दुनिया के सर्वश्रेष्ठ में से एक है, जो गेंद को दोनों तरफ घुमाने और शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को परेशान करने में सक्षम है। केन विलियमसन, डेवोन कॉनवे और ग्लेन फिलिप्स की अगुआई वाली उनकी बल्लेबाजी स्थिरता और आवश्यकता पड़ने पर आक्रामकता के इर्द-गिर्द संरचित है।
- कमजोरियों
हालांकि, न्यूजीलैंड की कमजोरी उच्च गुणवत्ता वाली स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ उनके संघर्ष में निहित है, खासकर धीमी सतहों पर। उनका मध्य क्रम कभी-कभी महत्वपूर्ण क्षणों में तेजी लाने में विफल रहता है, जिससे कम स्कोर होता है। इसके अतिरिक्त, जबकि उनके पास गुणवत्ता वाले तेज गेंदबाज हैं, उनका पांचवां गेंदबाजी विकल्प कभी-कभी कमजोर हो सकता है, खासकर अगर उनके प्राथमिक गेंदबाजों में से एक का दिन खराब हो।
- खतरा
न्यूजीलैंड की टीम भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है, विरोधियों को रणनीतिक रूप से मात देने की उनकी क्षमता। उनके पास ICC टूर्नामेंटों से भारत को बाहर करने का इतिहास है, जैसे कि 2019 विश्व कप सेमीफाइनल और 2021 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल। उनका अनुशासित गेंदबाजी आक्रमण, व्यवस्थित तरीके से लक्ष्य का पीछा करने की उनकी क्षमता के साथ मिलकर उन्हें एक खतरनाक प्रतिद्वंद्वी बनाता है। अगर परिस्थितियां स्विंग और सीम मूवमेंट के अनुकूल होती हैं, तो भारत के बल्लेबाजों को पावरप्ले के ओवरों में बोल्ट और साउथी के खिलाफ सतर्क रहना होगा।