भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को शुरू में ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए दावेदार माना जा रहा था, लेकिन हाल ही में आई रिपोर्ट्स से पता चलता है कि चयनकर्ताओं ने फिटनेस संबंधी चिंताओं के कारण उन्हें शामिल न करने का फैसला किया। रिकवरी के संकेत दिखाने के बावजूद, सावधानी बरतने को प्राथमिकता देने के लिए यह निर्णय लिया गया, जिससे टूर्नामेंट के लिए उनकी तत्काल उपलब्धता पर बुमराह की दीर्घकालिक फिटनेस सुनिश्चित हो सके।
जसप्रीत बुमराह की चोट का समय
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट के दौरान पीठ में ऐंठन के बाद बुमराह की फिटनेस गहन जांच का विषय बन गई थी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उनकी प्रगति पर बारीकी से नजर रखी। शुरुआत में उन्हें 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया, लेकिन फिटनेस टेस्ट पास करने के बाद उनका शामिल होना अनिश्चित कर दिया। रिकवरी प्लान के हिस्से के रूप में बुमराह को अपनी तैयारी का आकलन करने के लिए 12 फरवरी, 2025 को इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) में खेलना था। हालांकि, मेडिकल टीम ने पांच सप्ताह के आराम की सलाह दी थी, जिसके कारण वह इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो वनडे मैचों से चूक गए थे। अपनी रिकवरी में तेजी लाने के लिए बुमराह तीन सप्ताह के रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम के लिए बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) चले गए। जहां स्कैन में फ्रैक्चर की संभावना से इनकार किया गया, वहीं उनकी पीठ की सूजन को ठीक होने में समय लगा।
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एनसीए की रिपोर्ट: एक सतर्क निर्णय
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग ट्रेनर रजनीकांत और फिजियो तुलसी की देखरेख में एनसीए में अपना रिहैब पूरा करने के बाद, बुमराह की स्कैन रिपोर्ट ठीक दिखी। हालांकि, एनसीए प्रमुख नितिन पटेल की रिपोर्ट निश्चित रूप से यह निष्कर्ष नहीं निकाल सकी कि बुमराह टूर्नामेंट की शुरुआत तक गेंदबाजी के लिए फिट हो जाएंगे। इस अनिश्चितता के कारण चयनकर्ताओं ने किसी भी संभावित जोखिम से बचने का फैसला किया।
बुमराह को टीम में शामिल करने को लेकर चयनकर्ताओं में असमंजस
दांव ऊंचे होने के कारण चयनकर्ता इस बात से चिंतित थे कि बुमराह मैच के बीच में ही चोटिल हो सकते हैं, जो शर्मनाक होता। बीसीसीआई के एक सूत्र ने खुलासा किया कि चयन समिति मेडिकल टीम से पूरी तरह हरी झंडी मिलने के बिना जोखिम नहीं लेना चाहती थी। बुमराह की जगह हर्षित राणा को शामिल करने का फैसला इस सतर्क दृष्टिकोण का प्रमाण है।
अतीत से सबक: पुनरावृत्ति से बचना
एनसीए को 2022 में आलोचना का सामना करना पड़ा था, जब बुमराह को टी20 विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला के लिए टीम में वापस लाया गया था, लेकिन चोट के कारण उन्हें एक साल के लिए बाहर रहना पड़ा था। पिछले अनुभव ने निर्णय लेने वालों के दिमाग पर भारी असर डाला, जिससे बुमराह की दीर्घकालिक फिटनेस को प्राथमिकता देने का उनका फैसला प्रभावित हुआ। बुमराह की अनुपस्थिति के बावजूद, भारत 15 फरवरी को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए दुबई के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार है, जिसका पहला मैच 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ होगा। हालांकि बुमराह के अनुभव और कौशल की कमी निस्संदेह खलेगी, लेकिन टीम आगे की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे टूर्नामेंट में मजबूत शुरुआत करने की उम्मीद है।