आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत 19 फरवरी को कराची के नेशनल स्टेडियम में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबले से होगी। यह टूर्नामेंट का पहला मैच होगा, जो दोनों टीमों के लिए बहुत अहम रहेगा। न्यूजीलैंड के पास हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे त्रिकोणीय सीरीज में मिली जीत के बाद अपना दबदबा बनाए रखने का मौका होगा। कराची में यह बड़ा मुकाबला होगा, जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी रहेंगी, और दोनों टीमों पर दबाव भी होगा।
टूर्नामेंट के पहले मैच में न्यूजीलैंड के लिए बड़ी चुनौती
न्यूजीलैंड के लिए चैंपियंस ट्रॉफी का पहला मैच सिर्फ एक मुकाबला नहीं, बल्कि एक बड़ा बयान होगा। हाल ही में वनडे त्रिकोणीय सीरीज में पाकिस्तान को दो बार हराने के बाद, ब्लैककैप्स आत्मविश्वास से भरे होंगे। लेकिन एक बड़े टूर्नामेंट का दबाव अलग होता है। कराची में जीत से उनके अभियान को मजबूती मिलेगी, जबकि हार से शुरुआत में ही आत्मविश्वास डगमगा सकता है।
न्यूजीलैंड का हालिया प्रदर्शन शानदार रहा है, खासकर केन विलियमसन और डेवोन कॉनवे की बल्लेबाजी दमदार रही है। विलियमसन जबरदस्त फॉर्म में हैं। उन्होंने त्रिकोणीय सीरीज में 112.50 की औसत से रन बनाए हैं। उनकी मैच जिताने की क्षमता टीम के लिए अहम होगी, जबकि कॉनवे की निरंतरता शीर्ष क्रम को मजबूती देती है।
गेंदबाजी में मिचेल सैंटनर और मैट हेनरी का प्रदर्शन शानदार रहा है। सैंटनर की ऑलराउंड क्षमता और हेनरी की तेज गेंदबाजी टीम को मजबूती देती है। हालांकि, चोट के कारण रचिन रविंद्र का न खेल पाना न्यूजीलैंड के लिए बड़ा झटका हो सकता है। उनकी बल्लेबाजी और स्पिन दोनों से टीम को गहराई मिलती थी, इसलिए अब टीम को अपनी रणनीति दोबारा तय करनी होगी।
टूर्नामेंट के उद्घाटन से पहले प्रमुख चिंताएं
चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मैच से पहले न्यूजीलैंड के सामने कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चिंता सलामी बल्लेबाज विल यंग का खराब फॉर्म है। त्रिकोणीय सीरीज में वह सिर्फ 4, 19, 5 और 15 रन ही बना सके थे। उनकी नाकामी से कॉनवे और विलियमसन पर ज्यादा दबाव आ सकता है। टीम उम्मीद करेगी कि यंग इस अहम मुकाबले में अच्छा प्रदर्शन करें।
दूसरी बड़ी समस्या खिलाड़ियों की फिटनेस है। रविंद्र की जगह टीम में आए माइकल ब्रेसवेल को अच्छा प्रदर्शन करना होगा। वहीं, तेज गेंदबाज लॉकी फर्ग्यूसन भी इस टूर्नामेंट में नहीं खेल पाएंगे। उनकी तेज गेंदबाजी और डेथ ओवरों में विकेट लेने की क्षमता की कमी टीम को महसूस होगी।
हालांकि, न्यूजीलैंड का गेंदबाजी आक्रमण मजबूत है, लेकिन पाकिस्तान की खतरनाक बल्लेबाजी उनके लिए बड़ी चुनौती होगी। शाहीन अफरीदी और हारिस रऊफ की तेज गेंदबाजी और अबरार अहमद की स्पिन न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल सकती है। वहीं, फखर जमान और बाबर आज़म जैसे आक्रामक बल्लेबाजों को रोकने के लिए न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।
यह भी पढ़ें: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में पाकिस्तान का न्यूजीलैंड, भारत और बांग्लादेश से होगा सामना, तीनों टीमों की ताकत और कमजोरी पर एक नजर
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मैच के लिए न्यूजीलैंड की भविष्यवाणी प्लेइंग-XI:
- डेवोन कॉनवे
भूमिका: नियंत्रित आक्रामकता के साथ पारी को संभालना।
महत्व: कॉनवे की हालिया निरंतरता (वनडे में 45+ औसत) उन्हें एक मंच तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण बनाती है। स्पिन के खिलाफ़ स्ट्राइक रोटेट करने और तेज़ी से रन बनाने की उनकी क्षमता पाकिस्तान की धीमी गेंदबाज़ी के खतरे का मुकाबला करेगी।
- केन विलियमसन
भूमिका: मध्य क्रम को स्थिर करना और लक्ष्य का पीछा करने की गति को बढ़ाना।
महत्व: विलियमसन की एंकरिंग में महारत (त्रिकोणीय श्रृंखला का औसत 112.50) सुनिश्चित करती है कि न्यूजीलैंड पतन से बच जाए। दबाव में उनका संयम और मैच को परिभाषित करने वाली पारियां खेलने की क्षमता अपूरणीय है।
- विल यंग
भूमिका: एक स्थिर शुरुआत के साथ कॉनवे का साथ दें।
महत्व: हाल ही में संघर्ष के बावजूद, गति के खिलाफ यंग की तकनीकी क्षमता महत्वपूर्ण है। उनकी एक आत्मविश्वास भरी शुरुआत विलियमसन पर दबाव कम करेगी और कॉनवे को हावी होने का मौका देगी।
- डेरिल मिचेल
भूमिका: मध्य ओवरों में तेजी लाना और गति से निपटना।
महत्व: मिचेल की पावर-हिटिंग (वनडे में 95+ की स्ट्राइक रेट) पाकिस्तान की मध्य ओवरों की रणनीति को ध्वस्त कर सकती है। हारिस रऊफ और शाहीन अफरीदी की पुरानी गेंद को निशाना बनाने की उनकी क्षमता महत्वपूर्ण होगी।
- टॉम लैथम
भूमिका: मध्यक्रम को संतुलित करने के लिए सोची-समझी आक्रामकता का इस्तेमाल करना।
महत्व: फिनिशर और विकेटकीपर के रूप में लैथम की दोहरी भूमिका संतुलन प्रदान करती है। स्पिन (अबरार अहमद) के खिलाफ उनका अनुभव और पुछल्ले बल्लेबाजों को दिशा दिखाने की क्षमता अमूल्य है।
- ग्लेन फिलिप्स
भूमिका: विस्फोटक फिनिशर और पार्ट-टाइम स्पिन विकल्प।
महत्व: फिलिप्स की 360 डिग्री की हिटिंग डेथ ओवरों में 30-40 रन जोड़ सकती है। उनकी ऑफ-स्पिन कराची के टर्निंग ट्रैक पर एक उपयोगी छठा गेंदबाजी विकल्प भी प्रदान करती है।
- माइकल ब्रेसवेल
भूमिका: स्पिन-गेंदबाजी ऑलराउंडर और निचले क्रम के बल्लेबाज।
महत्व: ब्रेसवेल की निचले क्रम में तेजी से रन बनाने की क्षमता (वनडे में 90+ की स्ट्राइक रेट) सुनिश्चित करती है कि न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी गहराई तक फैली हुई है। उनका आक्रामक दृष्टिकोण डेथ ओवरों में फ़ायदा उठा सकता है। एक ऑफ-स्पिनर के रूप में, ब्रेसवेल एक विश्वसनीय छठा गेंदबाजी विकल्प प्रदान करता है, जो कराची के टर्निंग ट्रैक पर विशेष रूप से उपयोगी है। बीच के ओवरों में टाइट लाइन पर गेंदबाजी करने और विकेट लेने की उनकी क्षमता सेंटनर की बाएं हाथ की स्पिन को पूरक बनाती है।
- मिचेल सैंटनर
भूमिका: मुख्य स्पिनर, कप्तान और निचले क्रम को स्थिर करने वाला।
महत्व: सेंटनर की किफायती गेंदबाजी (वनडे में 4.6 की इकॉनमी) पाकिस्तान के मध्य क्रम को रोक देगी। उच्च दबाव वाले खेलों में उनका नेतृत्व और शांत रहना महत्वपूर्ण है।
- मैट हेनरी
भूमिका: नई गेंद को आगे बढ़ाने वाला और बीच के ओवरों में विकेट लेने वाला।
महत्व: हेनरी की स्विंग और सीम मूवमेंट (त्रिकोणीय श्रृंखला में 14 विकेट) पाकिस्तान के शीर्ष क्रम को जल्दी ही ध्वस्त कर सकती है। साझेदारी तोड़ने की उनकी क्षमता उन्हें आक्रमण की रीढ़ बनाती है।
- काइल जैमीसन
भूमिका: डेथ ओवरों के विशेषज्ञ और तेज गेंदबाज।
महत्व: जैमीसन की ऊंचाई (6’8”) उन्हें तेज उछाल पैदा करने की अनुमति देती है, जो पाकिस्तान के बल्लेबाजों को परेशान कर सकती है, खासकर कराची की पिच पर। पिच से मूवमेंट निकालने की उनकी क्षमता उन्हें विकेट लेने का खतरा बनाती है। जैमीसन की सटीकता और टाइट लाइन पर गेंदबाजी करने की क्षमता (वनडे में 4.8 की इकॉनमी रेट) मध्य ओवरों के दौरान रन फ्लो को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे विपक्ष पर दबाव बनता है। जैमीसन की निचले क्रम में आसान रन बनाने की क्षमता (वनडे में 100+ की स्ट्राइक रेट) न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी लाइनअप में गहराई जोड़ती है। जैमीसन का ICC टूर्नामेंटों में एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है, जिसमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल भी शामिल है, जहां उन्होंने मैच जीतने वाली भूमिका निभाई थी
- विल ओ’रूर्के
भूमिका: कराची की उछाल का फायदा उठाने वाले सहायक तेज गेंदबाज।
महत्व: ओ’रूर्के की ऊंचाई और तेज उछाल हासिल करने की क्षमता (हाल के घरेलू खेलों में स्पष्ट) आक्रमण में विविधता लाती है। सीयर्स/स्मिथ के ऊपर उनका समावेश पाकिस्तान के आक्रामक सलामी बल्लेबाजों के खिलाफ एक एक्स-फैक्टर प्रदान करता है।