चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले एक नया विवाद तब हुआ जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया, जिसमें कराची के नेशनल स्टेडियम में भारतीय झंडा नहीं दिख रहा था। इस पर फैंस ने ध्यान दिया कि अन्य देशों के झंडे वहां लगे हुए थे, लेकिन भारत का झंडा गायब था, जिससे लोग हैरान हो गए। हालांकि, इसकी वजह अभी तक साफ नहीं है, लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि भारत ने अपने सभी मैच दुबई में खेलने का फैसला किया है, इसलिए भारत का झंडा वहां नहीं दिखा। इस घटना ने ऑनलाइन चर्चाओं को जन्म दिया और कई लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्टेडियम में कोई भारतीय ध्वज नहीं
कराची स्टेडियम आगामी चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और इंग्लैंड के मैचों की मेजबानी करेगा। हालांकि, टूर्नामेंट शुरू होने से कुछ दिन पहले, स्टेडियम से एक वीडियो सामने आया, जिसमें अन्य देशों के झंडे दिखाए गए, लेकिन भारतीय झंडा गायब था। इस वीडियो ने फैंस का ध्यान आकर्षित किया और लोगों ने इस पर बहस शुरू कर दी। कई लोगों ने सवाल उठाया कि क्या यह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) का जानबूझकर लिया गया फैसला था या फिर यह बस एक गलती थी। इस घटना ने टूर्नामेंट की तैयारी में एक नया विवाद पैदा कर दिया है।
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ये रहा वीडियो
No Indian flag in Karachi: As only the Indian team faced security issues in Pakistan and refused to play Champions Trophy matches in Pakistan, the PCB removed the Indian flag from the Karachi stadium while keeping the flags of the other guest playing nations. pic.twitter.com/rjM9LcWQXs
— Arsalan (@Arslan1245) February 16, 2025
भारत द्वारा पाकिस्तान का दौरा करने से इनकार करने से हाइब्रिड मॉडल की शुरुआत
भारतीय क्रिकेट टीम ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया, जिसके कारण टूर्नामेंट के प्रारूप में बड़ा बदलाव हुआ। इससे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और आईसीसी को हाइब्रिड मॉडल अपनाने पर मजबूर होना पड़ा। इस मॉडल के तहत, भारत अपने सभी मैच दुबई में खेलेगा, जिसमें सेमीफाइनल और फाइनल भी शामिल हैं। यह निर्णय बीसीसीआई, पीसीबी और आईसीसी के बीच हुई लंबी बातचीत के बाद लिया गया। इस समझौते के तहत, पाकिस्तान की टीम भी भारत में होने वाले आईसीसी आयोजनों में मैच नहीं खेलेगी। इस निर्णय का उद्देश्य दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के बावजूद टूर्नामेंट के संचालन को सुचारू रखना है। हालांकि, यह हाइब्रिड मॉडल दोनों देशों के क्रिकेट संबंधों में चल रही चुनौतियों को भी दर्शाता है।