आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, जिसे अक्सर ‘मिनी वर्ल्ड कप’ कहा जाता है, 1998 में शुरू हुआ और तब से एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ODI) क्रिकेट का रोमांचक टूर्नामेंट बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट ने समय के साथ कई बदलाव देखे हैं। इसे पहले आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी के रूप में जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर चैंपियंस ट्रॉफी कर दिया गया, जिसमें दुनिया की शीर्ष ODI टीमें हिस्सा लेती हैं। 2025 में भारत की जीत के साथ, इस टूर्नामेंट के अब तक नौ संस्करण हो चुके हैं, जिनमें कई यादगार मुकाबले और कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली है। 1998 से 2025 तक के सभी विजेताओं पर नजर डालें और इस प्रतिष्ठित खिताब को जीतने वाली टीमों का जश्न मनाएं।
चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में विजेताओं की सूची
1998: दक्षिण अफ्रीका – प्रथम विजेता
इस टूर्नामेंट की शुरुआत बांग्लादेश के ढाका में हुई थी, जब इसे आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी कहा जाता था। पहले संस्करण में दक्षिण अफ्रीका ने शानदार प्रदर्शन किया और हैंसी क्रोनिए की कप्तानी में खिताब अपने नाम किया। फाइनल में दक्षिण अफ्रीका का सामना वेस्टइंडीज से हुआ, जहां जैक्स कैलिस ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट (5/30) झटके और वेस्टइंडीज को 245 रनों पर रोक दिया। दक्षिण अफ्रीका ने 47 ओवर में 248/6 रन बनाकर चार विकेट से जीत दर्ज की। कप्तान क्रोनिए ने 61 रनों की नाबाद पारी खेली और टीम को जीत तक पहुंचाया। यह जीत दक्षिण अफ्रीका के लिए खास थी, क्योंकि यह उनका अब तक का एकमात्र बड़ा ICC खिताब है। यह टीम हमेशा अपनी शानदार प्रतिभा के लिए जानी जाती रही है, लेकिन बड़े मौकों पर लड़खड़ाने की वजह से कई बार खिताब से चूक गई।
2000: न्यूज़ीलैंड – नैरोबी में कीवी का दबदबा
दूसरा संस्करण केन्या के नैरोबी में खेला गया, जहां न्यूजीलैंड ने अपना पहला चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीता। 11 टीमों के इस टूर्नामेंट में स्टीफन फ्लेमिंग की कप्तानी में न्यूजीलैंड ने फाइनल में भारत का सामना किया। भारत ने सौरव गांगुली के शानदार 117 रनों की बदौलत 264/6 का मजबूत स्कोर खड़ा किया। लेकिन न्यूजीलैंड के क्रिस केर्न्स ने नाबाद 102 रनों की शानदार पारी खेली और अपनी टीम को जीत दिलाई। न्यूजीलैंड ने 49.4 ओवर में 265/6 रन बनाकर चार विकेट से रोमांचक जीत दर्ज की। यह न्यूजीलैंड की पहली बड़ी ICC ट्रॉफी थी, जिससे साबित हुआ कि वे बड़े टूर्नामेंटों में दमदार प्रदर्शन करने में सक्षम हैं।
2002: भारत और श्रीलंका – बारिश से बाधित सह-विजेता
2002 में श्रीलंका में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी के इस संस्करण में 12 टीमें शामिल हुईं, लेकिन इसका अंत बेहद अनोखे तरीके से हुआ। फाइनल में भारत और श्रीलंका आमने-सामने थे, लेकिन बारिश ने दोनों दिनों का खेल रद्द कर दिया। रिजर्व डे पर श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 222/7 रन बनाए, लेकिन जब भारत 8.4 ओवर में 38/1 के स्कोर पर था, तब फिर से बारिश के कारण खेल रोक दिया गया। नतीजा न निकलने की वजह से भारत और श्रीलंका को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया गया। यह चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास का एकमात्र साझा खिताब था, जिसमें भारत ने पहली बार अपने उपमहाद्वीपीय पड़ोसी श्रीलंका के साथ ट्रॉफी साझा की।
2004: वेस्टइंडीज – द ओवल की शान
2004 चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी इंग्लैंड ने की, लेकिन फाइनल में वेस्टइंडीज ने सभी को चौंकाते हुए खिताब अपने नाम कर लिया। ओवल में खेले गए फाइनल में इंग्लैंड की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 217 रन पर ऑलआउट हो गई। लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज की शुरुआत लड़खड़ा गई और नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे। हालांकि, शिवनारायण चंद्रपॉल के 71 रनों की अहम पारी की बदौलत वेस्टइंडीज़ ने 48.5 ओवर में 218/8 रन बनाकर दो विकेट से जीत दर्ज की। ब्रायन लारा की कप्तानी में यह वेस्टइंडीज़ की पहली और एकमात्र चैंपियंस ट्रॉफी जीत थी, जिसने उनके सुनहरे क्रिकेट इतिहास की यादें ताज़ा कर दीं।
2006: ऑस्ट्रेलिया – लगातार दो खिताब जीतने वाला पहला
2006 चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी भारत ने की, जहां रिकी पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने अपना पहला खिताब जीता। मुंबई में खेले गए फाइनल में वेस्टइंडीज की टीम सिर्फ 138 रन पर सिमट गई। बारिश के कारण ऑस्ट्रेलिया को 35 ओवर में 116 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला, जिसे उन्होंने 28.1 ओवर में 116/2 रन बनाकर आसानी से हासिल कर लिया और आठ विकेट से जीत दर्ज की (डीएलएस नियम के तहत)। इस टूर्नामेंट में क्रिस गेल ने 474 रन बनाकर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीता, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के दमदार प्रदर्शन ने सबसे ज़्यादा सुर्खियाँ बटोरीं।
2009: ऑस्ट्रेलिया – लगातार खिताब
2009 चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका ने की, जहां ऑस्ट्रेलिया ने अपने खिताब का सफलतापूर्वक बचाव किया। सेंचुरियन में खेले गए फाइनल में न्यूजीलैंड की टीम 200 रन पर सिमट गई। इसके जवाब में, शेन वॉटसन की नाबाद 105 रनों की शानदार पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 45.2 ओवर में 206/4 रन बनाकर छह विकेट से जीत दर्ज की। इस टूर्नामेंट में पोंटिंग ने 288 रन बनाए और उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। इस जीत के साथ, ऑस्ट्रेलिया लगातार दो चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीतने वाली पहली टीम बन गई, जिससे वनडे क्रिकेट में उनका दबदबा और मजबूत हो गया।
2013: भारत – एमएस धोनी का मास्टरक्लास
2013 चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी इंग्लैंड ने की, जहां एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने अपना दूसरा खिताब जीता, लेकिन इस बार अकेले विजेता के रूप में। बारिश से प्रभावित 20 ओवर के फाइनल में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 129/7 का स्कोर बनाया। शिखर धवन ने पूरे टूर्नामेंट में 363 रन बनाकर गोल्डन बैट जीता। जवाब में, रवींद्र जडेजा (12 विकेट) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने इंग्लैंड को 124/8 पर रोककर पांच रन से जीत हासिल की। इस टूर्नामेंट में भारत एक भी मैच नहीं हारा, जिससे उनकी सफेद गेंद क्रिकेट में मजबूत पकड़ साबित हुई।
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2017: पाकिस्तान – अंडरडॉग की जीत
2017 चैंपियंस ट्रॉफी, फिर से इंग्लैंड और वेल्स में, पाकिस्तान ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया। ग्रुप स्टेज में भारत से हारने के बाद, सरफराज अहमद की टीम ने वापसी की और द ओवल में फाइनल में फिर से भारत का सामना किया। पाकिस्तान ने फखर जमान के 114 रनों की मदद से 338/4 रन बनाए और फिर भारत को 158 रनों पर आउट कर 180 रनों से बड़ी जीत हासिल की। हसन अली के 13 विकेटों ने उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब दिलाया।
2025: भारत – मेन इन ब्लू के लिए तीसरी ट्रॉफी
2025 में पाकिस्तान और दुबई में आयोजित नौवें संस्करण में (हाइब्रिड मॉडल के कारण भारत के मैच दुबई में खेले गए) भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता। 9 मार्च को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए फाइनल में भारत ने न्यूजीलैंड को 251/7 के स्कोर पर रोक दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम को कुछ मुश्किलें आईं, लेकिन रोहित शर्मा के 76 रन और श्रेयस अय्यर के 48 रनों की अहम पारियों की बदौलत भारत ने 49 ओवर में 252/6 रन बनाकर चार विकेट से जीत दर्ज की। इस जीत के साथ भारत तीन बार (2002 साझा, 2013, 2025) चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली सबसे सफल टीम बन गई। भारत का पूरे टूर्नामेंट में अपराजित रहना उनके शानदार प्रदर्शन और दबदबे का प्रमाण है।