क्रिकेट की दुनिया में विवाद और ड्रामा आम बात हैं, लेकिन हाल ही में जेसन गिलेस्पी और आकिब जावेद से जुड़ी घटनाओं ने पाकिस्तान क्रिकेट में मचे संकट को उजागर कर दिया है। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज गिलेस्पी, जो दिसंबर में अचानक पाकिस्तान के टेस्ट हेड कोच पद से हटा दिए गए थे, ने मौजूदा अंतरिम कोच जावेद की कड़ी आलोचना की है। गिलेस्पी का कहना है कि जावेद सभी फॉर्मेट के कोच बनने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे लेकर उन्होंने उन्हें “जोकर” तक कह दिया। इस बयान के बाद पाकिस्तान क्रिकेट में अंदरूनी विवाद और अस्थिरता पर जबरदस्त बहस छिड़ गई है।
पाकिस्तान का प्रदर्शन और कोचिंग में बदलाव
चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। टीम न्यूजीलैंड और भारत से हार गई और ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई। बांग्लादेश के खिलाफ उनका आखिरी मैच बारिश के कारण रद्द हो गया, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जावेद ने टीम की असफलता का कारण बार-बार होने वाले बदलावों को बताया। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में पाकिस्तान ने 16 कोच और 26 चयनकर्ता बदले हैं, जिससे टीम की प्रगति पर बुरा असर पड़ा है।
जेसन गिलेस्पी की आलोचना: एक व्यक्तिगत दृष्टिकोण
ऑस्ट्रेलिया के लिए 71 टेस्ट और 97 वनडे खेलने वाले गिलेस्पी को अप्रैल 2023 में पाकिस्तान का टेस्ट कोच बनाया गया था, लेकिन वह आठ महीने भी नहीं टिक पाए और इस्तीफा दे दिया। उनके कार्यकाल की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। इससे पहले अक्टूबर में, दक्षिण अफ्रीका के गैरी कर्स्टन ने भी सीमित ओवरों के कोच पद से इस्तीफा दे दिया था।
गिलेस्पी ने जावेद पर आरोप लगाया कि उन्होंने ऑल-फॉर्मेट कोच बनने के लिए पर्दे के पीछे से साजिश रची और उन्हें व कर्स्टन को कमजोर करने की कोशिश की। जावेद की टिप्पणियों पर गिलेस्पी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि जावेद का रवैया टीम के लिए नुकसानदायक है।
गिलेस्पी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह बेतुका है। आकिब खुद को सभी प्रारूपों का कोच बनाने के लिए प्रचार कर रहे थे और गैरी व मुझे कमजोर साबित कर रहे थे। वह एक जोकर है।”

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पाकिस्तान क्रिकेट पर प्रभाव
गिलेस्पी और आकिब की बहस ने पाकिस्तान क्रिकेट के अंदर चल रहे बड़े मुद्दों को उजागर कर दिया है। टीम में कोच, कप्तान और चयनकर्ताओं के बार-बार बदलने से अनिश्चितता का माहौल बन गया है, जिससे स्थिरता बनाए रखना मुश्किल हो गया है।
गिलेस्पी का इस्तीफा और उसके बाद उनकी आलोचना यह दिखाती है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और कोचों के बीच विश्वास और संवाद की कमी है। गिलेस्पी ने खासतौर पर पीसीबी के हाई-परफॉरमेंस कोच टिम नीलसन के अनुबंध को आगे न बढ़ाने के फैसले पर नाराजगी जताई। उनका मानना था कि यह निर्णय उनकी सलाह के बिना लिया गया, जिससे उन्हें लगा कि उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया जा रहा। पीसीबी के इस रवैये से निराश होकर उन्होंने कोचिंग छोड़ने का फैसला किया।
पाकिस्तान क्रिकेट में आकिब जावेद की भूमिका और भविष्य
जावेद का अंतरिम कोचिंग पद शुरू में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के बाद समाप्त होने वाला था। हालांकि, पीसीबी द्वारा अभी तक रिप्लेसमेंट की घोषणा नहीं की गई है। जावेद 16 मार्च से शुरू होने वाले पाकिस्तान के आगामी न्यूजीलैंड दौरे के लिए अपनी भूमिका जारी रखेंगे। विवाद के बावजूद, जावेद पाकिस्तान क्रिकेट में एक प्रमुख व्यक्ति बने हुए हैं, जो अंतरिम कोच और राष्ट्रीय चयनकर्ता दोनों के रूप में कार्य कर रहे हैं।