चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारतीय टीम ने केएल राहुल को विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में पहली पसंद बनाया है, जिससे ऋषभ पंत को अब तक बेंच पर बैठना पड़ा है। राहुल ने अब तक सभी मैचों में विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी की जिम्मेदारी संभाली है और उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है, जिससे टीम प्रबंधन का फैसला सही लगता है। हालांकि, इस फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ लोग राहुल की स्थिरता और अनुकूलन क्षमता को सही मान रहे हैं, जबकि अन्य का कहना है कि पंत की आक्रामक बल्लेबाजी और मैच बदलने की क्षमता को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ रहा है, यह बहस भी जारी है।
केएल राहुल ने ऋषभ पंत के साथ प्रतिस्पर्धा पर बात की
राहुल ने पंत के साथ प्रतिस्पर्धा को स्वीकार किया लेकिन कहा कि वह पंत की शैली को अपनाने के बजाय अपनी ताकत पर ध्यान देते हैं। उन्होंने कहा, “प्रतिस्पर्धा है, इसमें कोई शक नहीं। पंत एक बहुत ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और उन्होंने दिखाया है कि वह आक्रामक खेल से कैसे मैच का रुख बदल सकते हैं। इसलिए टीम, कप्तान और कोच के लिए यह फैसला करना मुश्किल होता है कि किसे खिलाया जाए।”
32 वर्षीय राहुल ने आगे बताया कि वह पंत से मुकाबला करने के बजाय अपने खेल पर ध्यान देना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, “अगर मुझे मौका मिलता है, तो मैं अपनी ताकत के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं। मैं पंत के जैसा खेलने की कोशिश नहीं कर रहा, और जब उसे मौका मिलेगा, तो वह भी किसी और की नकल नहीं करेगा। चयन इस आधार पर होता है कि हम टीम के लिए क्या योगदान दे सकते हैं, और मैं इसी पर ध्यान देता हूं।”
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क्या बहुतायत की समस्या भारत के लिए सकारात्मक संकेत है?
भारत के सामने राहुल और पंत को लेकर चयन की दुविधा बताती है कि विकेटकीपिंग में टीम के पास अच्छी गहराई है। राहुल अपने स्थिर और संतुलित खेल से टीम को मजबूती देते हैं, जबकि पंत अपने आक्रामक शॉट्स से मैच का रुख बदलने की क्षमता रखते हैं। दोनों की अपनी खासियत है, जिससे टीम प्रबंधन के लिए फैसला लेना मुश्किल हो जाता है।
आने वाले बड़े मैचों में भारत को हालात और विपक्ष को ध्यान में रखकर रणनीति बनानी होगी। राहुल पहली पसंद बने रहते हैं या पंत को मौका मिलता है, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन एक चीज़ तय है – भारत के पास विकेटकीपर के रूप में दो बेहतरीन विकल्प हैं, जो टीम को और मजबूत बनाते हैं।