दुबई में आयोजित सेमीफाइनल में भारत से चार विकेट से हार के साथ ऑस्ट्रेलिया का चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में अभियान समाप्त होने के बाद स्टीव स्मिथ ने आधिकारिक तौर पर वन-डे इंटरनेशनल (ODI) से संन्यास ले लिया है। यह 50 ओवर के प्रारूप में उनके उल्लेखनीय सफर का समापन है।
ऑस्ट्रेलिया के लिए शानदार करियर
स्मिथ ने अपने वनडे करियर का अंत 170 मैच खेलकर किया, जिससे वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक बन गए। वह वनडे में ऑस्ट्रेलिया के लिए 12वें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी रहे। अपने करियर में उन्होंने 12 शतक और 35 अर्धशतक की मदद से कुल 5800 रन बनाए। उनके प्रदर्शन ने वनडे क्रिकेट में उनकी निरंतरता और नेतृत्व को साबित किया।
स्टीव स्मिथ ने अगली पीढ़ी को कमान सौंपी
35 साल के स्मिथ ने हार के बाद तुरंत अपने संन्यास का फैसला टीम के साथियों को बताया और बाद में मीडिया से भी बात की। उन्होंने अपने साथी खिलाड़ियों का धन्यवाद किया और दो वनडे विश्व कप जीतने के खास पलों को याद किया। उन्होंने कहा कि 2027 विश्व कप आने वाला है और अब समय है कि युवा खिलाड़ियों को मौका मिले।
क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू के अनुसार, स्मिथ ने अपने बयान में कहा कि यह सफर शानदार रहा और उन्होंने मैदान पर बिताए हर पल का आनंद लिया। दो वनडे विश्व कप जीतना उनके लिए खास रहा और वह खुश हैं कि इसे बेहतरीन साथियों के साथ साझा कर सके। उन्होंने कहा कि अब सही समय है अगली पीढ़ी को मौका देने का।
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टेस्ट और टी20 क्रिकेट को प्राथमिकता
स्मिथ ने वनडे से संन्यास लेने के बावजूद यह साफ कर दिया है कि वह टेस्ट और टी20 क्रिकेट खेलते रहेंगे। उनके टी20 जारी रखने के फैसले से यह संकेत मिलता है कि वह 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करने का सपना देख रहे हैं, जहां टी20 क्रिकेट को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि अब उनका पूरा ध्यान टेस्ट क्रिकेट पर है, जिसमें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल, वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज और घरेलू एशेज मुकाबला शामिल है। उन्हें लगता है कि वह अभी भी टेस्ट क्रिकेट में टीम के लिए अहम योगदान दे सकते हैं।