• राजस्थान रॉयल्स आईपीएल 2025 प्लेऑफ की दौड़ से लगभग बाहर हो गई है।

  • आरआर ने अब तक अपने 9 ग्रुप-स्टेज मैचों में से सिर्फ दो में जीत हासिल की है।

3 बड़े कारण जिनकी वजह से राजस्थान रॉयल्स आईपीएल 2025 के प्लेऑफ में नहीं पहुंच पाएगी
3 कारण क्यों राजस्थान रॉयल्स आईपीएल 2025 के प्लेऑफ तक नहीं पहुंच पाएगी (फोटो: एक्स)

राजस्थान रॉयल्स (RR), जो अपने रोमांचक खेल और नए क्रिकेट टैलेंट को दिखाने के लिए जानी जाती है, आईपीएल 2025 में मुश्किल दौर से गुजर रही है। टूर्नामेंट अब अपने अहम मोड़ पर है और रॉयल्स की स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने अब तक 9 में से सिर्फ 2 मैच जीते हैं। प्लेऑफ में पहुंचने के लिए उन्हें अपने बाकी के सभी 5 मैच जीतने होंगे, जो बहुत ही मुश्किल काम है।

राजस्थान रॉयल्स आईपीएल 2025 के प्लेऑफ से क्यों बाहर हो सकती है? ये हैं 3 बड़े कारण

1. मध्यक्रम का असंगत प्रदर्शन

राजस्थान रॉयल्स के लिए इस सीज़न में सबसे बड़ी परेशानी उनका कमजोर मिडिल ऑर्डर रहा है। यशस्वी जायसवाल, संजू सैमसन और नितीश राणा की तिकड़ी ने कई बार अच्छी शुरुआत दी है, लेकिन मिडिल ऑर्डर उस शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाया।

स्थिरता की कमी: बल्लेबाजी क्रम में बार-बार बदलाव और कुछ अहम खिलाड़ियों का लगातार अच्छा प्रदर्शन न कर पाना टीम के लिए मुश्किल बना है। इससे कई मैच हाथ से निकल गए और जीतने के मौके गंवा दिए। रियान पराग और शिमरोन हेटमायर जैसे बल्लेबाज, जिनसे मिडिल ओवर्स में रन गति बढ़ाने की उम्मीद थी, वे उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए हैं।

टॉप ऑर्डर पर दबाव: मिडिल ऑर्डर की नाकामी के कारण टॉप ऑर्डर पर रन बनाने का ज्यादा बोझ आ गया है। टीम डेथ ओवर्स में भी तेजी से रन नहीं बना पा रही, जिससे ना तो बड़ा स्कोर खड़ा हो पाता है और ना ही लक्ष्य का पीछा कर पाती है। ध्रुव जुरेल ने पिछले सीजन अच्छा खेल दिखाया था, लेकिन इस बार वो फॉर्म में नहीं दिखे हैं।

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2. गेंदबाजी विभाग में निरंतरता का अभाव है

राजस्थान रॉयल्स के लिए एक और बड़ी परेशानी उनकी गेंदबाज़ी में लगातार अच्छा प्रदर्शन न कर पाना है। टीम के पास अच्छे गेंदबाज़ तो हैं, लेकिन पूरी गेंदबाजी इकाई में वो धार नहीं दिख रही जो आईपीएल में लगातार जीत के लिए जरूरी होती है।

कुछ गेंदबाज़ों पर ज्यादा निर्भरता: टीम जोफ्रा आर्चर और संदीप शर्मा जैसे कुछ गेंदबाज़ों पर बहुत ज्यादा निर्भर है। भले ही इन दोनों ने कई बार अच्छा प्रदर्शन किया हो, लेकिन बाकी गेंदबाज़ों से सही समर्थन ना मिलने के कारण गेंदबाज़ी आसान लगने लगी है। वानिंदु हसरंगा जैसे स्पिनर ने अपनी काबिलियत दिखाई है, लेकिन वो भी लगातार अच्छा नहीं कर पाए हैं।

रनों की मार: गेंदबाज़ों ने खासकर डेथ ओवर्स में काफी रन दिए हैं। दबाव में अच्छे से गेंदबाज़ी न कर पाना और गेंदबाज़ी में बदलाव की कमी ने विरोधी बल्लेबाज़ों को खुलकर रन बनाने का मौका दिया है। इससे रॉयल्स के बल्लेबाज़ों पर बड़े स्कोर का दबाव बढ़ गया है।

3. संदिग्ध कप्तानी और टीम चयन

राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी और टीम चयन भी अब सवालों के घेरे में हैं। कुछ फैसलों ने फैन्स और क्रिकेट एक्सपर्ट्स को चौंका दिया है।

रणनीतिक गलतियां: कई बार ऐसा देखा गया है कि कप्तान के फैसले मैदान पर सही नहीं रहे। खासकर गेंदबाज़ों को समय पर न लाना या फील्डिंग में गलत सेटिंग करना टीम को महंगे पड़े हैं और इससे कुछ अहम मैच हाथ से निकल गए।

बार-बार बदलाव: टीम में सही संयोजन नहीं बन पा रहा है। लगातार प्लेइंग इलेवन बदलने और खिलाड़ियों की भूमिका साफ न होने से टीम में अस्थिरता आ गई है।

हालात के अनुसार न खेल पाना: कई मौकों पर टीम अलग-अलग पिचों या विरोधी टीम की रणनीति के हिसाब से खुद को ढाल नहीं पाई है। इससे वे कुछ मौकों पर कमजोर साबित हुए हैं। ऊपर से कप्तान संजू सैमसन की चोट के कारण कुछ मैचों में गैरहाज़िरी ने टीम की लय और संतुलन को और भी बिगाड़ दिया।

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श्रेणी:: आईपीएल फीचर्ड राजस्थान रॉयल्स

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