आने वाले सालों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) कुछ अहम नियमों को बदलने पर विचार कर रही है। क्रिकबज़ की खबर के अनुसार, ICC की क्रिकेट समिति ने कुछ ऐसे प्रस्ताव दिए हैं जो वनडे, टेस्ट मैचों और पुरुष अंडर-19 वर्ल्ड कप पर असर डाल सकते हैं। हालांकि, ये बदलाव तभी लागू होंगे जब नया ब्रॉडकास्टिंग (प्रसारण) चक्र शुरू होगा, यानी फिलहाल कोई बदलाव तुरंत नहीं होगा।
वनडे में दो नई गेंद के नियम में संशोधन की तैयारी
सबसे ज्यादा चर्चा में जो प्रस्ताव है, वो वनडे मैचों में दो नई गेंदों के नियम से जुड़ा है। अभी हर पारी की शुरुआत में दोनों छोर से एक-एक नई सफेद कूकाबुरा गेंद इस्तेमाल की जाती है। लेकिन इस नियम की काफी आलोचना हुई है क्योंकि इससे पारी के आखिरी हिस्से में रिवर्स स्विंग की संभावना कम हो जाती है।
ICC ने इस नियम को पूरी तरह खत्म करने की बजाय उसमें बदलाव का सुझाव दिया है। नए प्रस्ताव के मुताबिक, टीमों को पहले 25 ओवर तक दोनों नई गेंदों का इस्तेमाल करने की इजाजत होगी। लेकिन 25वें ओवर के बाद, गेंदबाजी टीम को उन दो में से किसी एक गेंद को चुनना होगा और फिर बाकी की पारी (26 से 50 ओवर) उसी एक गेंद से खेली जाएगी।
इसका मकसद यह है कि गेंद ज्यादा देर तक टिके और 35 ओवर के बाद भी उसका रंग और आकार सही बना रहे। साथ ही, डेथ ओवर्स में रिवर्स स्विंग की संभावना फिर से लौटे। इससे उम्मीद की जा रही है कि 50 ओवर के मैच में बल्लेबाज और गेंदबाज के बीच बेहतर संतुलन बना रहेगा।
टेस्ट क्रिकेट में धीमी ओवर गति से निपटने की घड़ी
एक और बड़ा प्रस्ताव टेस्ट क्रिकेट से जुड़ा है, जहां ओवर धीरे डालने की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। वनडे और टी20 जैसे सफेद गेंद वाले फॉर्मेट में टाइमर (घड़ी) के अच्छे नतीजे देखने के बाद, अब ICC समिति ने टेस्ट मैचों में भी ओवरों के बीच 60 सेकंड (1 मिनट) की घड़ी लगाने का सुझाव दिया है।
इसका मकसद यह है कि खेल की रफ्तार बनी रहे और टीमें हर दिन कम से कम 90 ओवर डालने की पूरी कोशिश करें। सीमित ओवरों के मैचों में घड़ी से अच्छा असर दिखा है – मैच समय पर खत्म होते हैं और खेल की लय बनी रहती है। समिति को उम्मीद है कि अगर टेस्ट मैचों में भी यह घड़ी लाई गई, तो इससे दर्शकों का अनुभव बेहतर होगा और खेल भी ज़्यादा रोमांचक बनेगा।
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पुरुष अंडर-19 विश्व कप की नजर टी-20 प्रारूप पर
तीसरा बड़ा प्रस्ताव पुरुषों के अंडर-19 वर्ल्ड कप के फॉर्मेट को बदलने से जुड़ा है। अभी यह टूर्नामेंट 50 ओवर (वनडे) के रूप में खेला जाता है, लेकिन ICC चाहता है कि इसे अब टी20 फॉर्मेट में खेला जाए।
इस बदलाव का विचार महिलाओं के खेल से लिया गया है, जहां महिला अंडर-19 वर्ल्ड कप के दो टूर्नामेंट पहले ही टी20 फॉर्मेट में सफलतापूर्वक कराए जा चुके हैं। अगर पुरुषों के अंडर-19 टूर्नामेंट को भी छोटा फॉर्मेट दिया जाए, तो यह ना सिर्फ टी20 क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता से मेल खाएगा, बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी जल्दी तेज़ खेल की आदत डालने में मदद करेगा और उनके लिए एक नया विकास का रास्ता भी खोलेगा।
नये नियमों के लागू होने की समयसीमा
यह बात याद रखना जरूरी है कि ये सभी बदलाव अभी सिर्फ प्रस्ताव हैं, जिन्हें ICC क्रिकेट समिति ने सौरव गांगुली की अगुआई में सुझाया है। जब तक ICC बोर्ड इन पर मुहर नहीं लगाता, तब तक ये लागू नहीं होंगे।
अगर इन्हें मंजूरी मिलती है, तो ये नियम 2028 से शुरू होने वाले नए ICC ब्रॉडकास्टिंग चक्र के साथ लागू होंगे। इसका मतलब है कि इन बदलावों को लाने से पहले सभी पक्षों को चर्चा करने, विचार करने और पूरी तैयारी करने का समय मिलेगा। इन प्रस्तावों का मुख्य उद्देश्य खेल में बेहतर संतुलन लाना है – ताकि बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ दोनों को बराबरी का मौका मिले, खेल की रफ्तार बनी रहे, और टेस्ट, वनडे और टी20 – तीनों फॉर्मेट आज के समय में प्रासंगिक बने रहें।