पंजाब किंग्स (PBKS) के कप्तान और भारतीय क्रिकेटर श्रेयस अय्यर अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी, दबाव में शांत रहने की आदत और शानदार कप्तानी के लिए जाने जाते हैं। लेकिन हाल ही में उन्होंने अपने भीतर छुपे जज़्बात और खुद से की गई उम्मीदों की कहानी सबके साथ शेयर की। PBKS के ऑफिशियल एक्स हैंडल और ऐप पर आए एक इंटरव्यू में अय्यर ने बताया कि ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले एक ऐसा वक्त भी आया जब वो बहुत ज्यादा टूट गए थे। उस पल में वे इतने भावुक हो गए कि रो पड़े। यह उनके क्रिकेट सफर का एक अलग ही और बहुत खास हिस्सा था, जो अब सामने आया है।
दुबई में श्रेयस अय्यर का ब्रेकडाउन
यह वक्त अय्यर के लिए सफलता की ओर एक और बड़ा कदम माना जा रहा था। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में शानदार प्रदर्शन किया था – तीन वनडे मैचों में 60 से ज्यादा की औसत और 120 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट के साथ 181 रन बनाए, जिसमें दो जबरदस्त अर्धशतक भी शामिल थे। वह पूरी तरह तैयार थे कि चैंपियंस ट्रॉफी में भी इसी फॉर्म को दोहराएं।
लेकिन दुबई की मुश्किल पिचों ने उन्हें चौंका दिया। अय्यर ने खुलासा किया, “मैं आखिरी बार चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान रोया था। वो पहला ही प्रैक्टिस सेशन था। मैं सच में रो रहा था, बहुत ज्यादा गुस्से में था खुद पर। मुझे इस बात पर भी हैरानी हो रही थी कि मैं इतनी आसानी से रोता नहीं हूं, लेकिन उस दिन मैं टूट गया था।”
ये बात उन्होंने एक इंटरव्यू में अभिनेत्री साहिबा बाली को बताई, जो पंजाब किंग्स के यूट्यूब चैनल पर शो होस्ट कर रही थीं। अय्यर की ये भावनाएं किसी नए खिलाड़ी की नहीं थीं, बल्कि एक अनुभवी क्रिकेटर की थीं, जो अपने ही स्तर की उम्मीदों से जूझ रहा था। इंग्लैंड के खिलाफ बेहतरीन खेल के बाद दुबई की धीमी और मुश्किल पिचों से तालमेल बिठाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था।
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Sarpanch Saab's passion for the game… 🥹🤌🏻
Watch the full heartfelt conversation between Shreyas Iyer and Sahiba Bali on our YT channel and Punjab Kings App. 📹 pic.twitter.com/t1PBDtCY6M
— Punjab Kings (@PunjabKingsIPL) April 7, 2025
अय्यर के लिए ये सिर्फ़ प्रैक्टिस सेशन में रन न बनाने की बात नहीं थी, बल्कि ये अपने ही ऊंचे स्टैंडर्ड्स पर खरा न उतर पाने की बात थी। उन्होंने कहा, “मुझे थोड़ा ज्यादा करना था, लेकिन मुझे ज्यादा बल्लेबाजी का मौका ही नहीं मिला। इसी वजह से मैं बहुत गुस्से में था।”
उन्हें अभ्यास का पूरा समय नहीं मिलना और भी निराशाजनक बन गया। लेकिन अपने मजबूत इरादों के कारण अय्यर ने उस गुस्से और मायूसी को हिम्मत में बदल दिया। इसका नतीजा भी शानदार रहा – चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने धमाकेदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 5 मैचों में 243 रन बनाए, जिससे वो भारत के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने, और पूरे टूर्नामेंट में भी दूसरे नंबर पर रहे। दो अर्धशतक और 79 रन की बेस्ट पारी के साथ अय्यर ने ये साबित कर दिया कि आंसुओं से भी जीत की कहानी लिखी जा सकती है।