क्रिकेट जैसे प्रतियोगी खेल में, कई बार मैदान के अंदर और बाहर की बेहतरीन साझेदारियाँ ही जीत की असली वजह बनती हैं। आईपीएल 2025 में श्रेयस अय्यर और रिकी पोंटिंग की जोड़ी इसका शानदार उदाहरण है। दिल्ली कैपिटल्स से शुरू हुई उनकी ये पार्टनरशिप अब पंजाब किंग्स तक पहुंच चुकी है। दोनों के बीच गुरु और शिष्य जैसा रिश्ता है, जो आपसी भरोसे, एक जैसी सोच और नए आइडिया पर टिका हुआ है – और यही उन्हें एक शानदार लीडरशिप टीम बनाता है।
अय्यर को पोंटिंग की कोचिंग का तरीका बहुत पसंद है, और इसका कारण है पोंटिंग का सभी खिलाड़ियों को बराबरी से सम्मान देना। हाल ही में स्टार स्पोर्ट्स को दिए एक इंटरव्यू में अय्यर ने कहा, “रिकी आपको आपकी हैसियत नहीं, बल्कि आपके खेल के आधार पर आज़ादी देते हैं – चाहे आप नए हों या सीनियर।”
पोंटिंग की यही सोच टीम में ऐसा माहौल बनाती है जहाँ खिलाड़ी खुद को उनके नाम से नहीं, बल्कि अपने योगदान से खास महसूस करते हैं। ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल कप्तान रह चुके पोंटिंग का अनुभव उनकी कोचिंग में भी दिखता है – वो मानते हैं कि जब खिलाड़ियों को जिम्मेदारी दी जाती है, तो वे और अच्छा प्रदर्शन करते हैं। वो खिलाड़ियों को फैसले लेने और ज़िम्मेदारी उठाने के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे हर खिलाड़ी में लीडरशिप की भावना आती है। अय्यर को इस सोच से सबसे ज़्यादा फायदा मिला है – उनकी कप्तानी में जो निखार आया है, उसमें पोंटिंग का बड़ा हाथ है।
Captain @ShreyasIyer15 shares his experience of working with the Aussie great @RickyPonting at @PunjabKingsIPL and how his presence influences the squad.
Will this captain-coach duo guide PBKS to a hat-trick of wins? 🔥🏏#IPLonJioStar 👉 #PBKSvRR | SAT, 5 APR, 6:30 PM | LIVE… pic.twitter.com/YpcqntkMLW
— Star Sports (@StarSportsIndia) April 5, 2025
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पोंटिंग टीम की गतिशीलता को कैसे बदलते हैं?
पोंटिंग की खास बात यह है कि वे टीम के हर खिलाड़ी के साथ एक जैसा व्यवहार करते हैं। अय्यर ने इस बारे में बताया, “अभ्यास के दौरान पोंटिंग ये ध्यान रखते हैं कि हर खिलाड़ी को उसकी ज़रूरत के हिसाब से सब कुछ मिले। जब तक सभी खिलाड़ी संतुष्ट नहीं हो जाते, हम मैदान नहीं छोड़ते।”
पोंटिंग का ये ध्यान खिलाड़ियों की ज़रूरतों पर एक ऐसा माहौल बनाता है, जहाँ हर खिलाड़ी खुद को टीम की सफलता का अहम हिस्सा मानता है। उन्होंने क्रिकेट टीमों में अक्सर दिखने वाले सीनियर-जूनियर वाले फर्क को खत्म कर दिया है और एक साथ मिलकर खेलने की सोच को बढ़ावा दिया है। उनकी कोचिंग का तरीका ऐसा माहौल बनाता है जिसमें खिलाड़ी खुलकर बात कर सकते हैं और अनुभव की परवाह किए बिना हर किसी की राय को महत्व दिया जाता है।
अय्यर और पोंटिंग की जोड़ी ने पहली बार तब सबका ध्यान खींचा जब वे दिल्ली कैपिटल्स में साथ थे। उस वक्त उन्होंने एक कमजोर प्रदर्शन करने वाली टीम को मजबूत दावेदार बना दिया। उनके साथ मिलकर काम करने से दिल्ली 2020 में अपने पहले आईपीएल फाइनल में पहुंची, जिससे साफ हुआ कि दोनों की साझेदारी कितनी असरदार है।
अब यही जोड़ी पंजाब किंग्स में एक नई शुरुआत कर रही है, जहाँ उन्हें फिर से वही सफलता दोहराने की चुनौती है। अय्यर को टीम में शामिल करने के लिए पंजाब ने बड़ा दांव लगाया है, जो दिखाता है कि फ्रैंचाइज़ी को उनकी और पोंटिंग की साझेदारी पर पूरा भरोसा है। नीलामी के समय जब अय्यर को “नॉन-नेगोशिएबल” यानी हर हाल में टीम में लेने वाला खिलाड़ी माना गया, तो यह साफ हो गया कि उनकी यह साझेदारी टीम की जीत की योजना में सबसे अहम भूमिका निभाने वाली है।