लखनऊ के इकाना स्टेडियम में खेले गए रोमांचक मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने आईपीएल 2025 के 30वें मैच में लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) को आखिरी ओवर में हराया। मैच काफी तनावपूर्ण था और उसी दौरान एक हैरान करने वाला फैसला भी देखने को मिला। एलएसजी के स्टार गेंदबाज रवि बिश्नोई को सिर्फ तीन ओवर ही गेंदबाज़ी करने का मौका मिला और उन्हें आखिरी ओवर के लिए गेंद नहीं दी गई। अब बिश्नोई ने इस फैसले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और बताया कि मैच के आखिरी पल में उन्हें कैसा लगा और क्या सोच रहे थे।
रवि बिश्नोई ने अपना गेंदबाजी स्पेल पूरा करने का मौका चूकने पर प्रतिक्रिया दी
बिश्नोई, जिन्होंने 3 ओवर में सिर्फ 18 रन देकर 2 विकेट लिए थे, ने माना कि उन्हें उम्मीद थी कि वह अपना चौथा ओवर जरूर फेंकेंगे, लेकिन उन्होंने कप्तान ऋषभ पंत के फैसले का सम्मान किया। इस युवा स्पिनर ने बताया कि वह दो बार कप्तान के पास गए थे, जिससे यह साफ होता है कि वह दबाव में गेंदबाजी करने के लिए तैयार और आत्मविश्वासी थे। हालांकि, पंत की सोच कुछ अलग थी।
बिश्नोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“मैं दो बार विकेट पर गया, लेकिन शायद उनके दिमाग में कुछ योजनाएं थीं। वह शायद कुछ और करना चाहते थे। मेरे हिसाब से, एक कप्तान विकेट के पीछे से चीजों को बेहतर तरीके से देख सकता है और समझ सकता है। इसलिए उन्होंने जो फैसला लिया, वो उन्हें सही लगा।”
बिश्नोई ने यह भी साफ किया कि उनके चौथे ओवर को न फेंकने को लेकर टीम के अंदर कोई भ्रम या असहमति नहीं थी। उन्होंने कहा कि कप्तान पंत के दिमाग में पूरी स्थिति को लेकर साफ योजना थी और उन्होंने वही किया जो उन्होंने उस समय सही समझा।
बिश्नोई ने आगे कहा,
“नहीं, ऐसा कुछ नहीं था [चौथे ओवर को लेकर कोई बात या बहस]। उनके दिमाग में साफ था कि क्या करना है। जब मैच तनावपूर्ण होता है, तब कप्तान को अपने नजरिए से सोचकर ही फैसला लेना होता है। इसलिए उन्होंने वही फैसला लिया जो उन्हें बेहतर लगा।”
बिश्नोई ने इस बात पर जोर दिया कि जब मैच का माहौल बहुत दबाव भरा हो, तब कप्तान को अपने अनुभव और सोच पर भरोसा करना होता है, भले ही वह फैसला किसी अच्छे प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ी को ओवर न देने का ही क्यों न हो।
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ऋषभ पंत ने इस चौंकाने वाले फैसले के पीछे की सोच बताई
एलएसजी के कप्तान पंत से जब बिश्नोई को उनका अंतिम ओवर न देने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि यह फैसला टीम के कुछ अन्य खिलाड़ियों से चर्चा के बाद एक रणनीति के तहत लिया गया था। पंत की बातों से ये साफ हुआ कि टीम ने एक अलग मैच की स्थिति की कल्पना की थी और बिश्नोई को इसलिए रोका गया था, ताकि अगर मैच आगे तक जाए तो उनका इस्तेमाल किया जा सके। लेकिन दुर्भाग्य से एलएसजी के लिए यह रणनीति काम नहीं आई।
पंत ने मैच के बाद की प्रस्तुति में कहा,
“एक समय ऐसा था जब मुझे लगा कि वह (बिश्नोई) अपना चौथा ओवर फेंकेंगे। हमने इस पर कई खिलाड़ियों से बात की और फिर उन्हें गेंदबाजी नहीं करने दी। हमने सोचा कि मैच को थोड़ा और आगे ले जाएंगे, लेकिन आज ऐसा नहीं हो सका।”
जैसा कि आईपीएल के इतिहास में कई बार हुआ है, एमएस धोनी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह अब भी टी20 क्रिकेट के सबसे बेहतरीन फिनिशरों में से एक हैं। मैच के आखिरी ओवरों में बल्लेबाजी करते हुए, धोनी ने दबाव में बेहद शांत रहते हुए शानदार प्रदर्शन किया और जब टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब उन्होंने अपना अनुभव दिखाया। धोनी ने 11 गेंदों पर 4 चौकों और 1 छक्के की मदद से नाबाद 26 रन बनाए। इकाना स्टेडियम में उनकी यह पारी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई और उनकी शानदार बल्लेबाज़ी की बदौलत चेन्नई सुपर किंग्स ने एक यादगार जीत दर्ज की।