शनिवार को एमएस धोनी के संन्यास को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं, जब उनके माता-पिता, पान सिंह और देवकी देवी, चेन्नई सुपर किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच मैच देखने के लिए चेपक स्टेडियम में नजर आए। उन्हें स्टेडियम में देखकर फैंस और क्रिकेट जानकारों के बीच फिर से ये चर्चा शुरू हो गई कि क्या धोनी आईपीएल का अपना आखिरी सीज़न खेल रहे हैं।
माता-पिता की उपस्थिति से रिटायरमेंट की चर्चा हुई शुरू
मैच के दौरान स्टेडियम में धोनी के माता-पिता की मौजूदगी ने 43 साल के इस दिग्गज खिलाड़ी के रिटायरमेंट को लेकर चल रही अफवाहों को और बढ़ा दिया। चेन्नई सुपर किंग्स को लगातार तीसरी हार मिली है, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या धोनी अब भी खेलते रहेंगे या नहीं। फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने उनके माता-पिता की इस दुर्लभ मौजूदगी को धोनी के रिटायरमेंट की संभावित घोषणा से जोड़कर देखा है। हालांकि, अब तक धोनी या उनकी टीम की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
एमएस धोनी के संन्यास की अफवाहों पर स्पीहेन फ्लेमिंग ने खुलकर बात की
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब सीएसके के हेड कोच स्टीफन फ्लेमिंग से पूछा गया कि क्या धोनी के भविष्य को लेकर कोई जानकारी है, तो उन्होंने हँसते हुए और तारीफ के अंदाज में जवाब दिया। फ्लेमिंग ने साफ कहा कि फिलहाल रिटायरमेंट को लेकर किसी तरह की बात नहीं हो रही है और उन्होंने ऐसी चर्चाओं को दरकिनार कर दिया।
“नहीं, उसकी यात्रा को समाप्त करना मेरा काम नहीं है। मुझे कोई जानकारी नहीं है। मैं बस उसके साथ काम करने का आनंद ले रहा हूं। वह अभी भी मजबूत है। मैं इन दिनों पूछता भी नहीं। आप लोग ही हैं जो इसके बारे में पूछते हैं,” फ्लेमिंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा।
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धोनी का संघर्ष सुर्खियों में
मैदान पर दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ धोनी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और इससे उनके आलोचकों को चुप कराने में ज्यादा मदद नहीं मिली। सीजन की शुरुआत में नंबर नौ पर भेजे जाने के फैसले की आलोचना के बाद इस बार वह सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए। उन्होंने 26 गेंदों में नाबाद 30 रन बनाए, लेकिन फिर भी टीम को हार से नहीं बचा सके।
धोनी की पारी में कोशिश तो दिखी, लेकिन फैंस को उम्मीद थी कि वह कुछ बड़ा करेंगे। मैच के बाद कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने धोनी का बचाव किया और बताया कि पिच पर खेलना आसान नहीं था। उन्होंने कहा, “धोनी ने जुनून दिखाया। जब वो बैटिंग करने आए, तो पिच धीमी थी और बल्लेबाजों को टाइमिंग में दिक्कत हो रही थी। विजय शंकर भी रन बनाने में संघर्ष कर रहे थे। 12 से 16 ओवर के बीच का समय सभी के लिए मुश्किल था। हमने कोशिश की, लेकिन मैच हमारे हाथ से निकल गया।”