भारत के शानदार ऑलराउंडर इरफान पठान ने अपनी स्विंग गेंदबाजी और बल्लेबाजी से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़ा असर डाला। 2003 से 2012 तक भारत के लिए खेलते हुए, उन्होंने 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी20 मैच खेले, जिसमें 250 से ज्यादा विकेट चटकाए और कई अहम पारियां खेलीं। वह 2007 टी20 विश्व कप जीत में भी भारत की टीम का अहम हिस्सा थे। हाल ही में, उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर #AskIrfan सेगमेंट में अपने करियर के तीन सबसे यादगार पलों को साझा किया, जो उनके क्रिकेट सफर के लिए बेहद खास रहे।
इरफान पठान ने अपने बेहतरीन क्रिकेट पलों को चुना
चर्चा के दौरान, पठान ने तीन अविस्मरणीय अवसरों पर प्रकाश डाला, जिन्हें वह अपने करियर का शिखर मानते हैं। प्रत्येक क्षण का विशेष महत्व था, जो उनके क्रिकेट जीवन में मील के पत्थर साबित हुआ।
1. टी20 विश्व कप 2007 का फाइनल जीतना
2. पर्थ में भारत की टेस्ट जीत (2008)
पठान को 2008 में पर्थ टेस्ट की यादगार जीत भी खास लगती है। सिडनी टेस्ट के बाद भारत दबाव में था, लेकिन टीम ने शानदार वापसी करते हुए WACA में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। पठान ने मैच में 5 विकेट लिए और बल्ले से भी अहम योगदान दिया, जिसमें नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए 46 रन समेत कुल 76 रन बनाए। उनके इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। पठान ने कहा, “पर्थ में टेस्ट जीतना बहुत खास था। ऑस्ट्रेलिया को उनके घर में हराना और वहां मैन ऑफ द मैच बनना मेरे लिए यादगार पल था।”
3. एडिलेड में टेस्ट डेब्यू (2003-04)
पठान की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट यात्रा 2003-04 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट से शुरू हुई। अपने डेब्यू मैच में उन्होंने सिर्फ़ एक विकेट लिया और रिकी पोंटिंग का कैच छोड़ दिया, जिन्होंने बाद में दोहरा शतक बनाया। बावजूद इसके, भारत ने 21 साल बाद इस मैदान पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। पठान ने इस पल को याद करते हुए कहा, “पहला हमेशा खास होता है – पहला प्यार, पहला शिक्षक, और मेरा पहला मैच। एडिलेड में खेला गया वो मैच यादगार था। मैंने एक विकेट लिया, एक कैच छोड़ा, लेकिन सबसे अहम बात यह रही कि हमने 21 साल बाद वहां जीत दर्ज की।”