ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम की कप्तान एलिसा हीली ने हाल ही में लिस्टएनआर स्पोर्ट पॉडकास्ट पर बातचीत के दौरान विराट कोहली के टेस्ट करियर से जुड़ी अपनी सबसे पसंदीदा याद साझा की। यह चर्चा कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद हुई, जो उनके शानदार रेड-बॉल करियर का एक अहम पड़ाव था। इस दौरान हीली ने कोहली के उस प्रदर्शन को याद किया जिसने उन पर गहरी छाप छोड़ी।
2014 का एडिलेड टेस्ट रहा सबसे खास
हीली ने कोहली के 2014 एडिलेड टेस्ट प्रदर्शन को उनका सबसे यादगार पल बताया। उन्होंने बताया कि 2014-15 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले मैच में, जब एमएस धोनी अनुपस्थित थे, कोहली को कप्तानी सौंपी गई थी। इस मैच में कोहली ने दोनों पारियों में शानदार शतक जड़े थे और भारत को जीत के करीब ले गए थे।
हीली ने कहा, “मुझे याद है कि 2014 में जब वो (भारत) यहां आए थे, तो विराट ने एडिलेड में लगातार दो शतक लगाए थे। उन्हें धोनी से कप्तानी मिली थी, मुझे ठीक से याद नहीं कि धोनी चोटिल थे या किसी और कारण से नहीं थे, लेकिन विराट ने कमान संभाली और हमारे गेंदबाजी अटैक के खिलाफ उनका जवाबी हमला देखने लायक था।”
उस समय ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी लाइन-अप में मिचेल जॉनसन, रयान हैरिस, पीटर सिडल और नाथन लायन जैसे दिग्गज शामिल थे। हीली ने बताया कि कैसे कोहली ने इन सभी गेंदबाजों का डटकर सामना किया। लायन ने भले ही दूसरी पारी में सात विकेट लेकर मैच ऑस्ट्रेलिया को जिता दिया था, लेकिन कोहली की पहली पारी की पारी ने मैच का रुख ही बदल दिया था।
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दूसरी पारी में भी दिखाया दम, कप्तानी की असली मिसाल
हीली ने यह भी बताया कि दूसरी पारी में जब भारत एक मुश्किल लक्ष्य का पीछा कर रहा था और पिच बिगड़ रही थी, तब कोहली ने फिर से शानदार बल्लेबाज़ी की। उन्होंने आक्रामकता और आत्मविश्वास के साथ खेला और आउट होने तक भारत को मैच में बनाए रखा।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि उन्होंने मिचेल जॉनसन के खिलाफ 100 रन बनाने के लिए कड़ी मेहनत की और फिर दूसरी पारी में भी 100 बनाए, जिससे भारत मैच में बना रहा। लेकिन जैसे ही वो आउट हुए, खेल ऑस्ट्रेलिया की ओर झुक गया।”
हीली के लिए यह पल सिर्फ कोहली के रन बनाने का नहीं, बल्कि उनकी नेतृत्व क्षमता और चरित्र का प्रतीक था। उन्होंने कहा कि कोहली ने बतौर कप्तान सामने से नेतृत्व किया और दिखाया कि वे टीम को किस तरह खेलते देखना चाहते हैं। यह उनके लिए एक ऐसा क्षण था जिसने उनकी क्रिकेटिंग यादों में खास जगह बना ली। हीली ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा, “अगर मिचेल स्टार्क उस मैच में खेल रहे होते, तो शायद मैं उनका नाम लेती, लेकिन वो नहीं थे, इसलिए मैं साफ-साफ कह सकती हूं कि विराट का वह प्रदर्शन मुझे सबसे ज़्यादा याद रहेगा। मुझे तब लगा कि वाह, ये होता है असली लीडर।”
कोहली की कमी खलेगी, लेकिन उम्मीदें बाकी हैं
अंत में हीली ने कहा कि यह दुखद है कि अब हमें कोहली को टेस्ट क्रिकेट में नहीं देखने को मिलेगा, लेकिन उम्मीद है कि वह सफेद गेंद क्रिकेट में और भी शानदार यादें देंगे। “हां, यह दुख की बात है कि हमें अब यह सब फिर से देखने को नहीं मिलेगा, लेकिन उम्मीद करती हूं कि वह सफेद गेंद क्रिकेट में हमें और भी बेहतरीन पल देंगे,” हीली ने अपनी बात खत्म की।