इंग्लैंड के अहम दौरे से पहले विराट कोहली के अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने से क्रिकेट दुनिया हैरान रह गई। साथ ही, टीम इंडिया की बल्लेबाजी में सबसे अहम जगह नंबर 4 की पोजिशन भी खाली हो गई है।
टेस्ट क्रिकेट में नंबर 4 पर विराट कोहली की जगह अनिल कुंबले की पसंद
कोहली के टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने के बाद नंबर 4 की पोजीशन खाली हो गई है और अब सबकी नजर इस पर है कि इस अहम स्थान पर कौन खेलेगा। इस बीच, भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले ने चौंकाने वाला नाम सामने रखा है – करुण नायर।
नायर ने एक समय भारत के लिए शानदार खेल दिखाया था, लेकिन पिछले 8 साल से उन्होंने लाल गेंद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है। हालांकि, घरेलू क्रिकेट में उनका हालिया प्रदर्शन बहुत ही शानदार रहा है और उन्होंने इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट भी खेला है, जिससे उन्हें वहां की परिस्थितियों का अच्छा अनुभव है।
ईएसपीएनक्रिकइन्फो से बातचीत में कुंबले ने कहा, “करुण ने जिस तरह घरेलू क्रिकेट में खेला है, वह भारतीय टीम में वापसी के हकदार हैं। इंग्लैंड जैसी जगहों पर खेलने के लिए आपको अनुभव की जरूरत होती है और करुण के पास वह है।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर घरेलू क्रिकेट में अच्छा करने के बावजूद खिलाड़ियों को मौका नहीं मिलेगा, तो बाकी युवाओं के लिए यह हतोत्साहित करने वाला हो सकता है।
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घरेलू सर्किट में बल्ले से शानदार प्रदर्शन
2024-25 सीज़न में नायर ने विदर्भ की तरफ से खेलते हुए अपना अब तक का सबसे शानदार घरेलू प्रदर्शन किया। उन्होंने सिर्फ 16 पारियों में 53.93 की औसत से 863 रन बनाए, जिसमें चार शतक और दो अर्धशतक शामिल थे। उनके इस शानदार प्रदर्शन से विदर्भ को रणजी ट्रॉफी जीतने में भी बड़ी मदद मिली। इसके साथ ही, करुण ने खुद को भारत के सबसे तकनीकी रूप से मजबूत मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ों में फिर से साबित किया।
नायर का टेस्ट करियर भले ही छोटा रहा हो, लेकिन वह भारतीय क्रिकेट की सबसे खास कहानियों में से एक हैं। साल 2016 में उन्होंने चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार 303 रन बनाए थे, और तभी से उनसे टीम में एक स्थायी स्थान की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन, लगातार बदलती चयन नीतियों और मौके न मिलने की वजह से वह टीम से बाहर हो गए। हालांकि, कई खिलाड़ी ऐसे मौकों पर हार मान लेते हैं, लेकिन करुण ने हार नहीं मानी। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में और मेहनत की और अपनी बल्लेबाज़ी को और मज़बूत किया। उनकी यही मेहनत अब उन्हें एक और मौका दिला सकती है।