• कई फैंस का मानना है कि बीसीसीआई गेंदबाजों को ज्यादा सख्त सजा देती है, जिससे यह लगता है कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है।

  • आईपीएल के नियम तोड़ने पर दिग्वेश राठी को एक मैच से बाहर कर दिया गया है और उनकी आधी मैच फीस काट ली गई है।

LSG vs SRH: दिग्वेश राठी पर एक मैच का प्रतिबंध लेकिन अभिषेक शर्मा पर नहीं हुई कार्रवाई तो भड़के फैंस, बीसीसीआई पर लगाया पक्षपात करने का आरोप
आईपीएल 2025 में दिग्वेश राठी पर प्रतिबंध के बाद प्रशंसकों ने बीसीसीआई पर निशाना साधा (फोटो: एक्स)

आईपीएल 2025 फिर विवादों में घिर गया है—ना तो किसी रोमांचक अंत के कारण, ना ही रिकॉर्ड-तोड़ खेल के चलते, बल्कि बीसीसीआई की अनुशासनात्मक फैसलों को लेकर असंगति पर सवाल उठ रहे हैं। लखनऊ सुपर जायंट्स के स्पिनर दिग्वेश राठी को आचार संहिता तोड़ने पर एक मैच का निलंबन और मैच फीस का 50% जुर्माना हुआ, जबकि इसी घटना में शामिल सनराइजर्स हैदराबाद के बल्लेबाज अभिषेक शर्मा को सिर्फ 25% जुर्माने की सज़ा मिली। इस असमान फैसला ने सोशल मीडिया पर खलबली मचा दी है, लोग बीसीसीआई पर गेंदबाजों के खिलाफ सख्ती और बल्लेबाजों के प्रति नरमी का दाग लगा रहे हैं।

अभिषेक शर्मा के साथ बहस के बाद दिग्वेश राठी पर लगा प्रतिबंध

यह घटना लखनऊ सुपर जायंट्स  और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच खेले गए मैच में हुई। दूसरी पारी के आठवें ओवर में दिग्वेश ने जब अभिषेक शर्मा को आउट किया, तो उन्होंने उन्हें एक खास अंदाज़ में विदाई दी। राठी ने अभिषेक को ‘अलविदा’ कहा और अपनी काल्पनिक “नोटबुक” में कुछ लिखने की एक्टिंग की — जिससे लगा कि वह बल्लेबाज़ का मज़ाक उड़ा रहे हैं। इसके बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच बहस छिड़ गई और अंपायर माइकल गॉफ को बीच-बचाव करना पड़ा।

यह राठी का इस सीज़न में तीसरा अनुशासन उल्लंघन था, जिससे उन्हें आईपीएल आचार संहिता के अनुच्छेद 2.5 के तहत पांचवां डिमेरिट प्वाइंट मिला। पांच प्वाइंट पूरे होने पर उन्हें एक मैच के लिए निलंबित कर दिया गया। अब राठी LSG का अगला मुकाबला गुजरात टाइटन्स के खिलाफ नहीं खेल पाएंगे। वहीं, अभिषेक शर्मा पर सिर्फ़ मैच फीस का 25% जुर्माना लगा और उन्हें खेलने से नहीं रोका गया।

प्रशंसकों ने बीसीसीआई पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाया

यह फैसला कई क्रिकेट प्रशंसकों को पसंद नहीं आया। लोगों का मानना है कि राठी को मैच से निलंबित करना बहुत सख्त सजा है, खासकर तब जब आईपीएल में बड़े बल्लेबाजों के आक्रामक व्यवहार को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है या हल्की सजा दी जाती है।

कुछ लोगों ने विराट कोहली के मैदान पर हुए कई गुस्से भरे पलों का भी उदाहरण दिया और पूछा कि जब वही हरकत बड़े नाम करते हैं, तो उनके साथ सख्ती क्यों नहीं होती। इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर बीसीसीआई की आलोचना शुरू हो गई। कई लोगों का कहना है कि बोर्ड गेंदबाजों के साथ ज्यादा सख्ती करता है, जबकि बल्लेबाजों को छूट मिलती है।

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प्रशंसकों ने इस प्रकार प्रतिक्रिया व्यक्त की:

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