इंडियन प्रीमियर लीग 2025 अब अपने आखिरी चरण में है, जहां सिर्फ बड़े और अहम प्लेऑफ मैच बाकी हैं। इस पूरे सीजन में फैन्स ने नए खिलाड़ियों को चमकते देखा, तो कुछ अनुभवी खिलाड़ियों ने भी लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं – कुछ बड़े नाम जिनसे बेहतरीन खेल की उम्मीद थी, वे अपनी पहचान और कीमत को सही साबित नहीं कर पाए।
लीग स्टेज के खत्म होते-होते यह साफ हो गया कि किसने लोगों को प्रभावित किया और किसने निराश किया। कई ऐसे खिलाड़ी जो पिछले सीजन में शानदार रहे थे, इस बार लय में नहीं दिखे। इससे उनकी टीमें परेशान हैं और उन्हें अब यह तय करना मुश्किल हो रहा है कि अगले साल की मेगा नीलामी में उन्हें बनाए रखें या छोड़ दें। हर साल उम्मीदें बढ़ती हैं, और जो खिलाड़ी इन उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते, वे अक्सर टीम से बाहर हो जाते हैं।
अनिल कुंबले ने उन खिलाड़ियों के नाम बताए जिन्हें आईपीएल 2025 के बाद रिलीज कर देना चाहिए
खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को लेकर चल रही चर्चा में शामिल होते हुए, भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले ने भी अपनी राय रखी। ESPNcricinfo पर बातचीत के दौरान कुंबले ने बताया कि उनके अनुसार इस सीजन में कुछ ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने अपनी टीमों के लिए खास योगदान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों को अगले सीजन से पहले रिलीज़ करने पर टीमों को जरूर सोचना चाहिए।
यहाँ उन खिलाड़ियों की एक सूची दी गई है, जिनके बारे में कुंबले का मानना है कि उन्हें टीम से बाहर किया जा सकता है:
1. रविचंद्रन अश्विन (सीएसके):
उन्होंने 9 मैचों में सिर्फ 7 विकेट लिए और 9.13 की इकॉनमी रेट से काफी रन लुटाए। अश्विन से जैसी सटीक गेंदबाजी की उम्मीद रहती है, वैसा असर वो नहीं दिखा सके।
2. डेवोन कॉनवे (सीएसके):
कॉनवे ने 6 मैचों में 156 रन बनाए और दो अर्धशतक जरूर लगाए, लेकिन लगातार अच्छा खेल दिखाने में नाकाम रहे। ओपनिंग में स्थिरता की कमी सीएसके को भारी पड़ी।
3. जेक फ्रेजर-मैकगर्क (डीसी):
ऑस्ट्रेलिया से आए इस युवा बल्लेबाज ने 6 मैचों में सिर्फ 55 रन बनाए। उनका औसत केवल 9.17 रहा। आईपीएल की तेज़ रफ्तार के साथ तालमेल बैठाना उनके लिए मुश्किल साबित हुआ।
4. लियाम लिविंगस्टोन (आरसीबी):
उन्होंने 8 मैचों में सिर्फ 87 रन बनाए, जिसमें एक ही अर्धशतक शामिल था। 14.50 की औसत से खेलने वाले लिविंगस्टोन एक पावर-हिटर की भूमिका निभाने में नाकाम रहे।
5. ग्लेन मैक्सवेल (PBKS):
सबसे बड़ी निराशाओं में से एक रहे। उन्होंने 7 मैचों में सिर्फ 48 रन बनाए, औसत महज 8.00 रहा। उनका खराब फॉर्म पंजाब की बल्लेबाजी पर भारी पड़ा।
6. लुंगी एनगिडी (आरसीबी):
भले ही उन्होंने सिर्फ 2 मैच खेले और 4 विकेट लिए, लेकिन 10.13 की इकॉनमी रेट से उन्होंने काफी रन दे दिए, जिससे टीम पर दबाव बढ़ा।
7. मोहम्मद शमी (SRH):
शमी ने 9 मैचों में सिर्फ 6 विकेट लिए और 11.23 की इकॉनमी रेट से रन दिए। वो पूरे सीजन फॉर्म में नहीं दिखे और टीम के लिए प्रभावी साबित नहीं हो सके।
8. शिमरोन हेटमायर (आरआर):
14 मैच खेलने के बावजूद उन्होंने केवल 239 रन बनाए। औसत 21.73 रहा और सिर्फ एक अर्धशतक लगाया। वो फिनिशर की भूमिका में असफल रहे।
9. वेंकटेश अय्यर (केकेआर):
11 मैचों में सिर्फ 142 रन बना सके। औसत 20.29 रहा। न तो तेज शुरुआत दिला पाए और न ही पारी को संभाल सके।
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क्या आईपीएल 2026 में सितारों को मिलेगा एक और मौका?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इन खिलाड़ियों को आईपीएल 2026 में फिर से मौका मिलेगा या नहीं? चूंकि अगले सीज़न में सिर्फ़ छोटी नीलामी होगी, इसलिए टीमों के पास अपनी टीम में बड़े बदलाव करने का ज्यादा मौका नहीं रहेगा। कुंबले द्वारा जिन खिलाड़ियों के नाम लिए गए हैं, उनके लिए रिलीज़ होना जरूरी नहीं कि आईपीएल करियर का अंत हो। अश्विन, शमी और मैक्सवेल जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के पास अब भी ऐसा अनुभव और स्किल है, जिसकी कुछ टीमें जरूर कद्र करेंगी खासकर अगर वे आने वाले समय में घरेलू टूर्नामेंट या विदेशी लीग में अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
लेकिन आईपीएल बहुत सख्त लीग है। सिर्फ़ नाम या पुराने रिकॉर्ड से दूसरा मौका मिलना मुश्किल है। सब कुछ ताज़ा प्रदर्शन, फिटनेस और मौजूदा फॉर्म पर निर्भर करता है। आज के समय में जब युवा भारतीय खिलाड़ी लगातार उभर रहे हैं और विदेशी लीग से भी नए T20 स्टार्स आ रहे हैं, तो आईपीएल में जगह बनाना पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो गया है । खिलाड़ियों को अगर वापसी करनी है, तो उन्हें मैदान पर खुद को फिर से साबित करना होगा।