भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में, जब हर तरफ राजनीति और सेना को लेकर चर्चा हो रही है, तब एक खास और भावुक आवाज़ सामने आई है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अध्यक्ष और भारतीय खेल के बड़े नेता जय शाह ने हमारे असली हीरो – भारतीय सशस्त्र बलों को सैल्यूट करते हुए आभार जताया है। उन्होंने सेना के साहस और निष्ठा की खुलकर सराहना की है। इस मुश्किल समय में, जब देश अपनी ताकत और एकता की ओर देख रहा है, जय शाह के इस संदेश ने लोगों के दिलों को छू लिया है। इससे खेल, समाज और देशभक्ति के बीच का रिश्ता और गहरा हो गया है।
भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव के बीच जय शाह का कड़ा बयान
शाह का संदेश जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसमें उन्होंने कहा, “हमारे सशस्त्र बल हमारे गर्व हैं। देश और लोगों की रक्षा में उनके साहस और समर्पण को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।” यह बात देश की भावना से गहराई से जुड़ी है और यह दिखाती है कि संकट के समय एकता और मजबूती कितनी जरूरी होती है।
शाह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत-पाक सीमा पर तनाव के कारण 2025 का आईपीएल बीच में रोक दिया गया है। धर्मशाला में एक मैच के दौरान सुरक्षा को लेकर डर के कारण लीग को सात दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया। बीसीसीआई ने यह फैसला यह दिखाने के लिए लिया कि देश की सुरक्षा सबसे पहले है।
शाह और बीसीसीआई ने यह साफ कर दिया है कि इस समय देश का ध्यान क्रिकेट से हटकर उन जवानों पर होना चाहिए जो सीमा पर हमारी रक्षा कर रहे हैं। खिलाड़ियों, फैन्स और अधिकारियों ने भी सेना के समर्थन में सोशल मीडिया पर कई संदेश साझा किए हैं। क्रिकेट भले ही रुका है, लेकिन इसकी असली भावना अब उन लोगों के सम्मान में दिख रही है जो देश के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।
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INSTAGRAM STORY BY ICC CHAIRMAN JAY SHAH ⚠️🔥 pic.twitter.com/A4nWvwLYVJ
— Johns. (@CricCrazyJohns) May 9, 2025
राष्ट्रीय एकता के लिए सीमा से परे क्रिकेट की भूमिका
शाह का यह बयान सिर्फ़ एक श्रद्धांजलि नहीं है — यह पूरे देश को एकजुट होने की पुकार है। जब भारत के आसमान में मिसाइलें और ड्रोन मंडरा रहे हैं, तब देशभक्ति और एकता की भावना पहले से ज़्यादा मज़बूत और ज़रूरी हो गई है।
जय शाह ने हमारे सशस्त्र बलों को जो सम्मान दिया है, वह सिर्फ़ क्रिकेट से जुड़े लोगों के लिए नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए एक संदेश है — कि हमें उन जवानों के साथ खड़ा होना चाहिए जो अपनी जान की परवाह किए बिना देश की शांति और सुरक्षा के लिए डटे हुए हैं। शाह ने यह बात कहकर राजनीति, फिल्मों और समाज की उन तमाम आवाज़ों के साथ अपनी बात रखी है जो आज एक ही बात कह रही हैं: भारत अपने सपूतों के साथ है।