सुनील गावस्कर के धैर्य, कपिल देव की बहादुरी, सचिन तेंदुलकर की गजब की बल्लेबाज़ी और एमएस धोनी की शांत सोच – इन सबने मिलकर भारतीय क्रिकेट की कहानी को गढ़ा है। ये ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने सिर्फ़ मैच नहीं जीते, बल्कि पूरे देश की खेल संस्कृति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी।
हर दौर में भारत को ऐसे सितारे मिले जिन्होंने रिकॉर्ड बनाए, लोगों को प्रेरित किया और महानता की नई परिभाषा दी। इन सभी में सचिन को अब तक भारतीय क्रिकेट का सबसे बड़ा आदर्श माना जाता रहा है। लेकिन अब जब विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से हटे हैं, तो उनकी विरासत पर भी चर्चा होने लगी है। इसने क्रिकेट की विरासत को लेकर सोच को एक नया मोड़ दे दिया है।
ग्रेग चैपल ने अपने सबसे प्रभावशाली भारतीय क्रिकेटर को चुना
भारत के पूर्व कोच और ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज़ ग्रेग चैपल ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है, जिसने क्रिकेट जगत का ध्यान खींचा है। ESPNcricinfo के लिए लिखे अपने एक लेख में उन्होंने सचिन नहीं, बल्कि विराट को अब तक का सबसे प्रभावशाली भारतीय क्रिकेटर बताया है।
चैपल के मुताबिक, कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास सिर्फ़ एक खिलाड़ी के करियर का अंत नहीं है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के एक खास दौर का भी समापन है – ऐसा दौर जो जुनून, ताकत और बदलाव से भरा रहा।
उन्होंने लिखा, “विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से जाना एक शानदार युग के अंत जैसा है – ऐसा समय जो धैर्य, जोश और हिम्मत से बना था। यह उस खिलाड़ी की कहानी का अंत है जो सचिन तेंदुलकर के बाद भारतीय क्रिकेट में सबसे ज़्यादा बदलाव लाने वाला रहा। शायद कोहली का भारत की क्रिकेट संस्कृति और सोच पर असर, तेंदुलकर से भी बड़ा रहा है।”
यह भी पढ़ें: विराट कोहली की कौन लेगा जगह? चेतेश्वर पुजारा ने टेस्ट में भारत के अगले नंबर 4 पर रखी अपनी राय
चैपल क्यों मानते हैं कि उनके चयन का सचिन तेंदुलकर से ज़्यादा असर हुआ?
जहाँ एक ओर सचिन की प्रतिभा और रिकॉर्ड ने उन्हें एक लीजेंड बना दिया, वहींचैपल का मानना है कि विराट ने भारतीय क्रिकेट की सोच और पहचान को ही बदल दिया – खासकर टेस्ट क्रिकेट में।
चैपल ने कोहली की मानसिक तैयारी, दूरदर्शी सोच और ऊँचे मानकों के प्रति उनकी सच्ची लगन की तारीफ की। लेकिन उनकी बात सिर्फ़ बल्लेबाज़ी तक सीमित नहीं थी। चैपल मानते हैं कि कोहली की कप्तानी ने भारतीय टीम की मानसिकता को बदला। उन्होंने फिटनेस, आक्रामकता और तेज गेंदबाज़ी को टीम का अहम हिस्सा बना दिया।
चैपल ने लिखा, “कोहली ने सिर्फ़ अपने शरीर को नहीं, अपनी सोच को भी ट्रेन किया। जहाँ दूसरे खिलाड़ी हालात के अनुसार प्रतिक्रिया देते थे, कोहली पहले से ही अंदाजा लगा लेते थे कि क्या होने वाला है। उन्होंने पहले ही खेल को अपने दिमाग़ में खेल लिया होता था। उन्होंने तेज गेंदबाज़ी को भारत की ताकत बनाया। उन्होंने यो-यो टेस्ट को टीम के कल्चर का हिस्सा बना दिया। उन्होंने अपने गेंदबाजों पर भरोसा किया, मुश्किल हालात में डटे रहे और कभी भी सिर्फ़ दूसरे नंबर के लिए नहीं खेले।”
चैपल ने तेंदुलकर और धोनी की काबिलियत को भी माना, लेकिन साफ कहा कि कोहली की असली विरासत सिर्फ़ मैच जीतने की नहीं, बल्कि सोच में बदलाव लाने की है। उन्होंने कहा, “हां, तेंदुलकर बेहद प्रतिभाशाली थे। हां, धोनी चतुर कप्तान थे। लेकिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा असर डालने वाला व्यक्ति विराट कोहली ही रहा है।”