भारतीय क्रिकेट में बुधवार शाम उस समय सब हैरान रह गए जब टेस्ट टीम के कप्तान और स्टार ओपनर रोहित शर्मा ने इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले लाल गेंद वाले क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। रोहित के हटने के बाद अब नया कप्तान कौन होगा, इस पर बहस तेज हो गई है। जहां कई लोग मानते हैं कि शुभमन गिल या ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ी उनकी जगह ले सकते हैं, वहीं 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य मदन लाल ने किसी और खिलाड़ी का समर्थन किया है।
मदन लाल ने रोहित शर्मा की जगह टेस्ट कप्तान के तौर पर अपनी पसंद का खुलासा किया
अगले टेस्ट कप्तान को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को कप्तान बनाने की वकालत की है। भले ही गिल की उम्र, हाल की उप-कप्तानी और आईपीएल में गुजरात टाइटन्स की कप्तानी को देखते हुए उन्हें मजबूत दावेदार माना जा रहा है, लेकिन मदन का मानना है कि बुमराह का अनुभव और शांत स्वभाव उन्हें बेहतर विकल्प बनाता है।
बुमराह पहले भी कप्तानी कर चुके हैं और रोहित की गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट जीतकर अपनी लीडरशिप साबित कर चुके हैं। मदन ने एएनआई से कहा, “जसप्रीत बुमराह को मौका मिलना चाहिए। वह अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और टीम के नियमित खिलाड़ी हैं। हमारे पास कुछ युवा हैं जिन्हें उप-कप्तान बनाया जा सकता है।”
पूर्व कप्तान अनिल कुंबले सहित कई क्रिकेट जानकार भी इस राय से सहमत हैं। कुंबले का मानना है कि इंग्लैंड दौरे के लिए बुमराह कप्तान और गिल उप-कप्तान हो सकते हैं। बुमराह के पक्ष में सबसे बड़ा तर्क है उनका नेतृत्व कौशल, टीम में उनकी मजबूत स्थिति और मुश्किल हालात में टीम को प्रेरित करने की उनकी क्षमता।
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रोहित के टेस्ट उत्तराधिकारी के नाम पर बीसीसीआई के सामने चुनौती
हालांकि, बुमराह की कप्तानी में कुछ चुनौतियां भी हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपने प्रमुख तेज गेंदबाज पर ज्यादा दबाव डालने से बचना चाहता है, खासकर जब वे हाल ही में गंभीर पीठ की चोट से उबरकर खेल रहे हैं। यह चिंता जताई जा रही है कि कप्तानी की जिम्मेदारी बुमराह की फिटनेस और लंबे समय तक खेलने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है, खासकर इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की कठिन सीरीज़ के दौरान।
वहीं, गिल की उम्मीदवारी भी कुछ शर्तों के साथ है। उन्हें एक स्वाभाविक उत्तराधिकारी माना जाता है, और उन्होंने सफेद गेंद के क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी जगह अभी पूरी तरह से पक्की नहीं है, खासकर एशिया के बाहर, जहां उनका प्रदर्शन उनके क्षमता के हिसाब से अच्छा नहीं रहा है।
चयनकर्ताओं को यह मुश्किल निर्णय लेना होगा कि वे एक सिद्ध और फिटनेस की चिंताओं से जूझ रहे कप्तान को चुनें, या एक युवा खिलाड़ी को जो अभी टेस्ट क्रिकेट में अपने पैर जमा रहा है। भारत अब एक नए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र की शुरुआत कर रहा है, और इस निर्णय से टेस्ट टीम की भविष्य की दिशा तय होगी। मदन द्वारा बुमराह के समर्थन ने कप्तानी की दौड़ में नया मोड़ डाल दिया है, और अब इंग्लैंड दौरे के करीब आने के साथ बीसीसीआई के अगले कदम पर सबकी नजरें होंगी।