भारतीय क्रिकेट को कुछ बेहतरीन बल्लेबाज मिले हैं। इनमें सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली सबसे बड़े नाम हैं। दोनों ने अपने समय में शानदार बल्लेबाजी की और करोड़ों फैन्स का दिल जीता। कोहली ने हाल ही में 123 टेस्ट मैच खेलने के बाद संन्यास लिया है। ऐसे में लोगों ने उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से शुरू कर दी, खासकर तब जब सचिन ने भी 123 टेस्ट तक बहुत बड़ा असर डाला था। दोनों ने टीम के लिए मुश्किल समय में रन बनाए और भारत को जीत दिलाई। अब देखते हैं कि जब दोनों ने 123 टेस्ट मैच खेले थे, तब उनके रिकॉर्ड और प्रदर्शन में क्या फर्क था।
तेंदुलकर-कोहली: खेल शैली और प्रभाव

सचिन तेंदुलकर:
सचिन बहुत ही सधा हुआ और शांत अंदाज़ में बल्लेबाज़ी करते थे। उनकी तकनीक बहुत मजबूत थी – उनका स्टांस, स्ट्रेट ड्राइव और गेंद को छोड़ने की समझ कमाल की थी। उन्होंने कभी ज्यादा भाव नहीं दिखाए, लेकिन उनके शॉट्स सब कुछ कह देते थे। सचिन ताकत से नहीं, टाइमिंग से रन बनाते थे। तेज़ गेंदबाजों के सामने वे बहुत आत्मविश्वास से खेलते थे और स्पिन को बहुत आराम से संभालते थे। उनका असर सिर्फ रन बनाने तक नहीं था – उन्होंने एक पूरे दौर में भारत को उम्मीद दी, जब जीत बहुत मुश्किल से मिलती थी।
विराट कोहली:
विराट का अंदाज़ बिल्कुल अलग है। वो जोश और आत्मविश्वास से भरे रहते हैं। उन्हें चुनौती पसंद है और मुश्किल हालात में वे और बेहतर खेलते हैं। उनका कवर ड्राइव बहुत ही खूबसूरत है और स्पिन के खिलाफ उनका फुटवर्क शानदार है। कोहली का खेल फिटनेस, अनुशासन और मेहनत पर टिका है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट में फिटनेस का नया मानक तय किया। मैदान के बाहर भी उनकी ऊर्जा और जुनून सबको दिखती है। सचिन ने शांत स्वभाव से लोगों का दिल जीता, जबकि कोहली ने अपनी आक्रामकता और जुनून से लोगों को भरोसा दिलाया कि भारत किसी से कम नहीं है।
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123 टेस्ट मैचों के बाद तेंदुलकर और कोहली के बीच तुलना
123 टेस्ट मैचों के बाद तेंदुलकर ने रन, औसत और लगातार अच्छे प्रदर्शन में कोहली से बेहतर किया है। वहीं, कोहली ने ज़्यादा दोहरे शतक बनाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट भी तेंदुलकर से तेज़ है।
मीट्रिक | विराट कोहली | सचिन तेंडुलकर |
---|---|---|
माचिस | 123 | 123 |
पारी | 210 | 198 |
रन | 9,230 | 10,134 |
बल्लेबाजी औसत | 46.85 | 57.25 |
सदियों | 30 | 34 |
पचास के दशक | 31 | 41 |
उच्चतम स्कोर | 254* | 248* |
दोहरा शतक | 7 | 4 |
स्ट्राइक रेट (लगभग) | 55.57 | 54.00 |
कोहली बनाम तेंदुलकर: कप्तानी रिकॉर्ड

यह एक बात है जिसमें कोहली अपने आदर्श तेंदुलकर से आगे निकलते हैं। कोहली ने अपने 123 टेस्ट में से 68 मैचों में भारत की कप्तानी की और 40 मैच जिताए, जो किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा सबसे ज़्यादा है। उनकी आक्रामक कप्तानी और फिटनेस व तेज़ गेंदबाज़ी पर ज़ोर ने भारत की टेस्ट टीम को बहुत मज़बूत बनाया। उनकी कप्तानी में भारत नंबर 1 टेस्ट टीम बना और 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज़ भी जीती। वहीं तेंदुलकर, जो एक महान बल्लेबाज़ थे, कप्तान के तौर पर उतने सफल नहीं रहे। उन्होंने 25 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की और सिर्फ़ 4 मैच जीते।
कौन बेहतर है – कोहली या तेंदुलकर?
आंकड़ों के अनुसार, 123 टेस्ट के बाद तेंदुलकर ने रन, औसत और लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में कोहली से बेहतर किया है। लेकिन कोहली की कप्तानी, विदेशों में जीत और टीम को मज़बूत बनाने में उनकी भूमिका बहुत अहम रही है। दोनों अलग-अलग समय में खेले, जिनकी चुनौतियाँ अलग थीं। तेंदुलकर उस समय के हीरो थे जब भारत कम जीतता था, और कोहली उस दौर के नेता हैं जब भारत हर जगह जीतने की कोशिश करता है। दोनों ही अपने-अपने समय के सितारे हैं और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे।