श्रीलंका के अनुभवी क्रिकेटर एंजेलो मैथ्यूज ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि जून में बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज उनका आखिरी टेस्ट मुकाबला होगा। 36 साल के मैथ्यूज ने 17 साल तक टेस्ट क्रिकेट खेला और टीम के अहम खिलाड़ी रहे। वे अपने शांत स्वभाव, मुश्किल समय में संयम और बेहतरीन कप्तानी के लिए जाने जाते हैं। उनके संन्यास से श्रीलंका की टेस्ट टीम में एक बड़ा खालीपन आएगा। मैथ्यूज ने अपने करियर की शुरुआत एक युवा खिलाड़ी के तौर पर की थी और समय के साथ टीम के मजबूत स्तंभ बन गए थे।
एंजेलो मैथ्यूज सिर्फ टेस्ट से रिटायर, वनडे और टी20 खेलते रहेंगे
एंजेलो मैथ्यूज ने साफ किया है कि वे सिर्फ टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले रहे हैं, बाकी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से नहीं। उन्होंने कहा कि वे वनडे और टी20I मैचों के लिए उपलब्ध रहेंगे। इससे श्रीलंका की व्हाइट-बॉल टीम में उनका अनुभव काम आ सकता है, खासकर युवा खिलाड़ियों के साथ संतुलन बनाने में। मैथ्यूज ने 2009 में डेब्यू किया था और 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 7,000 से ज्यादा रन बनाए और कई विकेट भी लिए। वे 2013 से 2017 तक टेस्ट टीम के कप्तान भी रहे थे।
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एक यादगार यात्रा के लिए एक भावनात्मक विदाई
मैथ्यूज ने एक भावनात्मक संदेश में अपने टेस्ट करियर को याद करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि वे इस प्यारे फॉर्मेट को अलविदा कहें। उन्होंने कहा, “मैं दिल से आभारी हूं और यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैंने 17 साल तक श्रीलंका के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला।” मैथ्यूज का यह संदेश फैन्स को काफी भावुक कर गया। उन्होंने अपनी पारियों से कई बार टीम को बचाया, गेंदबाज़ी में कामयाबी दिलाई और मुश्किल समय में कप्तानी की। उन्होंने कहा, “मैंने क्रिकेट को अपना सब कुछ दिया और बदले में क्रिकेट ने मुझे सब कुछ दिया।”