भारतीय टेस्ट टीम में बड़े बदलाव हुए हैं। बीसीसीआई ने शनिवार को शुभमन गिल को नया टेस्ट कप्तान और ऋषभ पंत को इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली घरेलू सीरीज के लिए उप कप्तान बनाया है। टीम में कई चौंकाने वाले फैसले और वापसी देखने को मिली है। सबसे बड़ी वापसी करुण नायर की हुई है, जो आठ साल बाद टेस्ट टीम में लौटे हैं। हालांकि एक बड़ा नाम टीम में नहीं दिखा – श्रेयस अय्यर। वह लगातार सभी फॉर्मेट में अच्छा खेल रहे हैं, फिर भी उन्हें टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली, जिससे फैन्स और क्रिकेट विशेषज्ञ हैरान हैं।
वीरेंद्र सहवाग ने श्रेयस अय्यर की भारतीय टेस्ट टीम में अनुपस्थिति पर सवाल उठाए
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भी अय्यर को टेस्ट टीम से बाहर किए जाने से हैरान हैं। उन्होंने आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स पर दिल्ली कैपिटल्स की जीत के बाद अपने गुस्से का इज़हार किया। सहवाग ने पूछा कि आखिर अय्यर को नजरअंदाज करने का क्या कारण है और चयनकर्ताओं से अपने फैसले पर दोबारा सोचने की अपील की।
गौरतलब है कि अय्यर पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज़ के बाद से टेस्ट टीम में नहीं हैं। लेकिन इसके बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया। 2023-24 रणजी ट्रॉफी में मुंबई की जीत में उनका अहम योगदान रहा और उन्होंने वनडे में भी अच्छा फॉर्म दिखाया।
सहवाग ने अय्यर की फॉर्म और कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें टेस्ट क्रिकेट में एक और मौका मिलना चाहिए। क्रिकबज पर उन्होंने कहा, “उन्हें उनकी कप्तानी के लिए ज्यादा तारीफ नहीं मिलती। मनोज (तिवारी) ने कहा कि ऋषभ पंत को कप्तानी इसलिए नहीं मिली क्योंकि उनका आईपीएल अच्छा नहीं गया। लेकिन अय्यर का तो सीजन शानदार रहा, वो कप्तान भी हैं। फिर वो टेस्ट टीम में क्यों नहीं? वो तीनों फॉर्मेट खेलने के लायक हैं।”
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सहवाग ने बताया कि अय्यर की मौजूदगी से भारतीय टीम को क्या फायदा हो सकता है
सहवाग का मानना है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ियों के टेस्ट क्रिकेट से दूर रहने के बाद, भारतीय टीम को अब बल्लेबाजी में थोड़ी आक्रामकता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अय्यर की निडर बल्लेबाजी टीम में नई जान फूंक सकती है और विरोधी टीमों पर दबाव बना सकती है।
सहवाग ने कहा, “जब कोई खिलाड़ी अच्छे फॉर्म में हो, तो उसे विदेशी दौरे पर ले जाना चाहिए क्योंकि वहां उसका प्रदर्शन बेहतर हो सकता है। मैं अय्यर को टेस्ट टीम में खेलते हुए देखना चाहूंगा। अगर वो टेस्ट क्रिकेट में भी वही आक्रामक अंदाज़ अपनाते हैं, तो इससे टीम को फायदा होगा। अगर आपके पास 2-3 ऐसे खिलाड़ी हों, तो विरोधी डरते हैं। इंग्लैंड की टीम 6-7 रन प्रति ओवर की दर से खेलती है। अगर भारतीय टीम भी 4-5 रन प्रति ओवर की दर से खेल सके, तो वो इंग्लैंड पर दबाव बना सकती है।”