टेस्ट क्रिकेट और आईपीएल जैसी टी20 लीग के बीच बहस फिर से शुरू हो गई है। इस बार चर्चा में हैं क्रिकेट के दो बड़े खिलाड़ी: विराट कोहली और आंद्रे रसेल। कोहली, जिन्होंने आरसीबी के साथ पहला आईपीएल खिताब जीता, ने टेस्ट क्रिकेट को सबसे अच्छा फॉर्मेट माना। वहीं, वेस्टइंडीज के सेल का कहना है कि टेस्ट क्रिकेट की अहमियत हर देश और खिलाड़ी के लिए अलग होती है।
आंद्रे रसेल ने आईपीएल बनाम टेस्ट पर विराट कोहली से पेश किया अलग नजरिया
आईपीएल ट्रॉफी जीतने के बाद कोहली ने इस सफलता को खास माना। मैच के बाद उन्होंने कहा, “यह मेरे करियर के सबसे अच्छे पलों में से एक है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट मेरे लिए हमेशा पांच स्तरों वाला खेल रहा है। मैं टेस्ट क्रिकेट को बहुत महत्व देता हूँ और इसे दिल से प्यार करता हूँ।” कोहली ने लाल गेंद वाले इस फॉर्मेट की परंपरा, सम्मान और चुनौती को समझाने के साथ-साथ युवा खिलाड़ियों से टेस्ट क्रिकेट को बड़े सम्मान के साथ खेलने का आग्रह किया।
लेकिन वेस्टइंडीज के सेल ने इस सोच से अलग बात कही। उन्होंने बताया कि गरीब क्रिकेट देशों के खिलाड़ियों के लिए टेस्ट क्रिकेट की चुनौतियाँ और स्थिति अलग होती है। रसेल ने कहा, “जब आप भारत, ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड जैसे देशों से होते हैं, जहां खिलाड़ियों को अच्छा समर्थन और बड़े कॉन्ट्रैक्ट मिलते हैं, तो टेस्ट क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मिलती है। लेकिन हमारे जैसे देशों के लिए यह आसान नहीं होता।” उन्होंने आगे कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के लिए टेस्ट क्रिकेट में करियर और पैसे की अच्छी संभावनाएं नहीं हैं। रसेल ने स्वीकार किया कि उन्हें टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया और उन्होंने बाद में टी20 लीग्स में अपना नाम बनाया।
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रसेल ने फ्रैंचाइज़ युग और खिलाड़ियों की पसंद पर प्रकाश डाला
रसेल का करियर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़े बदलाव का उदाहरण है, जहां फ्रेंचाइज़ी टी20 लीग्स के बढ़ने से कई खिलाड़ियों के लिए सफलता और संतोष के मायने बदल गए हैं। 2010 में सिर्फ एक टेस्ट खेलने वाले रसेल अब दुनिया की सबसे मांग वाली टी20 ऑलराउंडर हैं, जिन्होंने कई लीग्स में खिताब जीते और अपनी आर्थिक सुरक्षा भी पाई है। वे अपने फैसले पर पछतावा नहीं करते और कहते हैं कि उनके जैसे खिलाड़ियों के लिए यह चुनाव सम्मान की कमी से नहीं, बल्कि व्यावहारिक कारणों से होता है।
रसेल का मानना है कि उनकी बात टेस्ट क्रिकेट की अहमियत को कम नहीं करती, बल्कि यह दिखाती है कि आर्थिक और संरचनात्मक असमानताएं खिलाड़ियों की प्राथमिकताएं तय करती हैं। उनके अनुसार, टी20 कई खिलाड़ियों के लिए टेस्ट क्रिकेट जितना ही महत्वपूर्ण है, खासकर उन देशों में जहां टेस्ट क्रिकेट स्थिरता या मान्यता नहीं दे पाता। उनकी बातों ने यह समझने में मदद की है कि क्रिकेट की परंपराएं और आर्थिक हालात कैसे जुड़े हुए हैं, और सभी खिलाड़ियों के लिए एक ही नजरिया अपनाना सही या यथार्थवादी नहीं है।