टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने हेडिंग्ले टेस्ट के दूसरे दिन शानदार गेंदबाजी की और एक बार फिर दिखाया कि वह दुनिया के बेहतरीन गेंदबाजों में क्यों गिने जाते हैं। इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में भारत के 471 रन के जवाब में बुमराह ने तीन अहम विकेट लेकर इंग्लैंड की रफ्तार को थाम दिया। उन्होंने दिन के सभी तीन विकेट चटकाए और इंग्लैंड को 209/3 पर रोक दिया, जो अब भी 262 रन पीछे है। अगर बुमराह की गेंदों पर तीन कैच नहीं छोड़े जाते, तो उनके आंकड़े और भी दमदार हो सकते थे।
जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी में कैच छूटना इंग्लैंड के लिए बेहतर साबित हुआ
भारत की फील्डिंग हेडिंग्ले टेस्ट के दूसरे दिन काफी कमजोर रही, जहां कई कैच छोड़े गए। पारी के पांचवें ओवर में बुमराह की गेंद पर बेन डकेट का कैच यशस्वी जायसवाल ने गली में टपका दिया। कुछ ही ओवर बाद डकेट को एक और जीवनदान मिला, जब रवींद्र जडेजा ने बैकवर्ड प्वाइंट पर आसान कैच छोड़ दिया वो भी बुमराह की ही गेंद पर। सबसे बड़ी गलती तब हुई जब 60 रन पर खेल रहे ओली पोप का कैच फिर से जायसवाल ने छोड़ दिया। पोप ने बाद में नाबाद शतक जड़ दिया। इसके बावजूद बुमराह ने शानदार गेंदबाजी की और डकेट को 62 रन पर आउट कर दिया।
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बेन डकेट ने बुमराह से निपटने के इंग्लैंड के तरीके पर खुलकर बात की
स्टंप्स के बाद डकेट ने बताया कि कैसे उन्होंने और पोप ने बुमराह जैसे खतरनाक गेंदबाज का सामना करते हुए आपसी बातचीत और समर्थन से मदद ली। डकेट ने इंडिया टुडे से कहा, “मैं और पोप एक-दूसरे से लगातार बात कर रहे थे ताकि साझेदारी बनी रहे। जब सामने बुमराह जैसा गेंदबाज हो, तो रन बनाने के तरीके खोजने पड़ते हैं और उस पर दबाव बनाए रखना जरूरी होता है।”
डकेट ने मोहम्मद सिराज की गेंदबाजी का भी ज़िक्र किया, जिन्होंने बुमराह के बाद एक शानदार स्पैल डाला और लगातार दबाव बनाए रखा। उन्होंने कहा, “सिराज का स्पैल भी कठिन था, मैंने कई बार चूका। यही टेस्ट क्रिकेट है इसमें कोई आसानी नहीं है।” अब तीसरे दिन बुमराह पर इंग्लैंड की मजबूत होती साझेदारी को तोड़ने की जिम्मेदारी होगी। लेकिन जब तक अन्य गेंदबाज और फील्डर उनका साथ नहीं देते, अकेले बुमराह मैच नहीं जिता सकते। इस समय मुकाबला बराबरी पर है इंग्लैंड पीछे जरूर है, लेकिन मुकाबले में पूरी तरह मौजूद है।