हेडिंग्ले में खेला गया एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का पहला टेस्ट मैच अपने नाम की तरह ही बेहद रोमांचक रहा। दोनों टीमों की पहली पारियों के बाद भारत को इंग्लैंड पर सिर्फ 6 रनों की मामूली बढ़त मिली। तीसरे दिन जहां सभी ने जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाज़ी की तारीफ की, वहीं असली चर्चा भारत की खराब फील्डिंग को लेकर हुई। भारत ने कई आसान मौके गंवाए, जिससे इंग्लैंड को फायदा मिला। इस बात को क्रिकेट के महान बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर ने भी ध्यान से देखा और अपनी खास शैली में इस चूक की ओर सभी का ध्यान खींचा।
जसप्रीत बुमराह ने गंवाए मौकों के बीच लिए पांच विकेट
भारत के तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने एक बार फिर दिखा दिया कि वे दुनिया के बेहतरीन गेंदबाज़ों में क्यों गिने जाते हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में 24.4 ओवर में 5 विकेट लेकर सिर्फ 83 रन दिए और शानदार गेंदबाज़ी की। उनके इस प्रदर्शन की वजह से इंग्लैंड की टीम 465 रन पर ऑलआउट हो गई और भारत को 6 रन की छोटी मगर अहम बढ़त मिल गई। इस बढ़त से भारत मुकाबले में बना रहा, लेकिन यह भी साफ हो गया कि अगर फील्डिंग में चूक न होती, तो यह बढ़त और बड़ी हो सकती थी।
भारत की आमतौर पर अच्छी मानी जाने वाली फील्डिंग इस मैच में कमजोर रही। इंग्लैंड की पारी के दौरान भारत ने कुल 6 कैच छोड़े। इनमें से 4 कैच बुमराह की गेंदबाज़ी पर छूटे, जो कि किसी एक भारतीय गेंदबाज़ की पारी में सबसे ज़्यादा छूटे कैच का रिकॉर्ड है।
युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल, जो आमतौर पर तेज़ और भरोसेमंद फील्डर माने जाते हैं, इस दिन काफी कमजोर साबित हुए। उन्होंने अकेले तीन आसान कैच छोड़े, जिससे इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को मौका मिल गया। रवींद्र जडेजा और विकेटकीपर ऋषभ पंत से भी कैच छूटे, जिससे भारत का मैच पर पकड़ मजबूत नहीं हो पाई। इन फील्डिंग की गलतियों का फायदा इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों ने जमकर उठाया। खासकर हैरी ब्रूक और ओली पोप, जिनका दो-दो बार कैच छूटा, उन्होंने मौके का पूरा फायदा उठाया। ओली पोप ने तो शतक भी जड़ दिया, जिससे इंग्लैंड की टीम मजबूत स्थिति में आ गई और भारतीय गेंदबाज़ों को विकेट लेने में काफी मेहनत करनी पड़ी।
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सचिन तेंदुलकर की प्रतिक्रिया
व्यक्तिगत मेहनत और टीम की लापरवाही के बीच, तेंदुलकर ने भी अपनी बात बहुत ही शालीन तरीके से रखी। दिन का खेल खत्म होने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर बुमराह को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी। लेकिन साथ ही उन्होंने फील्डिंग की कमजोरियों की ओर भी ध्यान दिलाया।
तेंदुलकर ने लिखा, “बधाई हो बुमराह! एक नो-बॉल और 3 छूटे हुए कैच तुम्हें 9 विकेट लेने से रोक गए।” यह टिप्पणी बहुत ही साफ और सटीक थी, जिससे साफ हो गया कि अगर टीम की ओर से गलतियां नहीं होतीं और एक नो-बॉल न फेंकी जाती, तो बुमराह टेस्ट इतिहास में 9 विकेट लेने वाले चुनिंदा गेंदबाज़ों में शामिल हो सकते थे।
Congratulations Bumrah!
A no-ball and 3 missed chances stood between you and 𝙣𝙖𝙪 wickets. 🤪 pic.twitter.com/09rJNI9KP0— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) June 22, 2025
तेंदुलकर की इस टिप्पणी ने क्रिकेट प्रशंसकों और जानकारों को गहराई से प्रभावित किया। यह टीम की फील्डिंग में हुई गलतियों और उनसे हुई नुकसान की ओर इशारा करता है। कई लोगों ने निराशा के साथ देखा कि इंग्लैंड के निचले क्रम, खासकर क्रिस वोक्स ने भारत द्वारा छोड़े गए मौकों का पूरा फायदा उठाया। पहले उन्हें जीवनदान मिला और बाद में उन्होंने अहम रन बनाकर इंग्लैंड को मुकाबले में बनाए रखा। इसका नतीजा यह हुआ कि जसप्रीत बुमराह और बाकी गेंदबाजों की मेहनत से जो बढ़त भारत को मिली थी, उसका असर काफी हद तक खत्म हो गया।
जैसे-जैसे यह टेस्ट मैच आगे बढ़ेगा, भारत को अपनी फील्डिंग में जरूर सुधार करना होगा। इस तरह के कांटे के मुकाबले में हर रन और हर कैच अहम साबित होता है। बुमराह ने भारत को मैच में मजबूती से टिकाकर रखा है, लेकिन फील्डिंग में हुई चूक यह साफ करती है कि सिर्फ एक खिलाड़ी का प्रदर्शन काफी नहीं होता। टीम की छोटी-छोटी गलतियां बड़े मौके चूकने का कारण बन सकती हैं। यही वजह है कि कहा जाता है, “कैच ही मैच जिताते हैं।”