हेडिंग्ले में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में भारत को पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा, जिससे टीम के खिलाड़ियों के प्रदर्शन और चयन को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। खासकर पांच मैचों की सीरीज़ के बचे हुए मुकाबलों में तेज गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह की भूमिका को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
रेड-बॉल क्रिकेट में भारत के सबसे भरोसेमंद गेंदबाज़ बुमराह का हेडिंग्ले टेस्ट का आखिरी दिन खास नहीं रहा। वे एक भी विकेट नहीं ले सके। साथ ही लगातार मैच खेलने के कारण उनके ऊपर कार्यभार भी बढ़ गया है, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या उन्हें बीच सीरीज़ में किसी मैच में आराम दिया जाएगा। इन अटकलों के बीच, टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। हालांकि उन्होंने टीम की योजना का खुलासा नहीं किया, लेकिन उन्होंने कहा कि बुमराह को लेकर रणनीति तय कर ली गई है और टीम उसी के अनुसार आगे बढ़ेगी।
गौतम गंभीर ने बताया कि जसप्रीत बुमराह कितने टेस्ट खेल सकते हैं
मीडिया से बात करते हुए कोच गंभीर ने बुमराह की खेल भागीदारी को सही तरीके से संभालने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बुमराह की पुरानी चोटें और ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के मैचों की मांगों को ध्यान में रखते हुए, टीम ने इस सीरीज के लिए पहले से ही एक योजना बनाई थी।
गंभीर ने हालांकि ये नहीं बताया कि बुमराह कब-कब खेलेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि बुमराह को इंग्लैंड में होने वाली पांच टेस्ट मैचों में से सिर्फ तीन में खेलना है। उन्होंने कहा, “बुमराह के ऊपर ज्यादा काम का दबाव नहीं डालना जरूरी है क्योंकि आगे और भी मैच खेलने हैं, और हम जानते हैं कि वह टीम के लिए कितना अहम है।” उन्होंने आगे कहा, “सीरीज शुरू होने से पहले ही हमने तय कर लिया था कि वह तीन टेस्ट मैच खेलेगा, लेकिन यह देखना है कि उनका शरीर कैसे रहता है। अभी तक यह नहीं तय हुआ है कि वह कौन से तीन मैच खेलेंगे।”
यह भी पढ़ें: हेडिंग्ले टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की शर्मनाक हार के बाद प्रशंसकों ने गौतम गंभीर पर साधा निशाना, देखें प्रतिक्रिया
टीम इंडिया के लिए आगे क्या है?
सीरीज में अब चार बड़े टेस्ट मैच बाकी हैं और भारत के लिए आगे का रास्ता दोनों ही चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण है। अब टीम प्रबंधन का ध्यान इस बात पर होगा कि प्लेइंग-XI में कैसे बदलाव किए जाएं और अनुभव को काम के दबाव के साथ कैसे संतुलित किया जाए, खासकर गेंदबाजी विभाग में। बुमराह की उपलब्धता चर्चा का मुख्य विषय बनी रहेगी सिर्फ पहले टेस्ट की दूसरी पारी में विकेट लेने की वजह से ही नहीं, बल्कि उनकी फिटनेस बनाए रखने के लिए पहले से तय रोटेशन नीति के कारण भी। दूसरे टेस्ट में यह देखा जाएगा कि भारत बुमराह के बिना कितनी अच्छी वापसी कर पाता है। अगर बुमराह नहीं खेल पाए तो मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाजों पर ज्यादा जिम्मेदारी आएगी। साथ ही, भारत को अपने फील्डिंग के स्तर को भी सुधारना होगा क्योंकि हेडिंग्ले में उनका प्रदर्शन औसत से कम रहा था।