• 2025 में भारत-इंग्लैंड टेस्ट मुकाबलों से पुरानी यादें और रिकॉर्ड फिर ताजा होंगे।

  • गूच की 333 रन की पारी भले ही सबसे बेहतरीन रही हो, लेकिन इंग्लैंड की जमीन पर कई और पारियों ने भी इस जबरदस्त मुकाबले में अपनी गहरी छाप छोड़ी है।

इंग्लैंड की धरती पर भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर
इंग्लैंड की धरती पर भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर (पीसी: X)

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट क्रिकेट की प्रतिद्वंद्विता हमेशा रोमांचक रही है, खासकर जब मुकाबला इंग्लैंड की धरती पर हो। यहां के हालात, मौसम और पिचें बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण मानी जाती हैं, लेकिन कुछ दिग्गज बल्लेबाजों ने इन परिस्थितियों में भी शानदार पारियां खेलकर इतिहास रच दिया है। इन मुकाबलों में कई ऐसी यादगार पारियां देखने को मिली हैं जो आज भी फैंस के दिलों में बसी हैं। आइए नज़र डालते हैं उस शानदार पारी पर, जहां बल्लेबाजों ने इंग्लैंड की धरती पर भारत-इंग्लैंड टेस्ट में सबसे बड़े व्यक्तिगत स्कोर बनाकर रिकॉर्ड बुक में अपनी जगह पक्की की।

ग्राहम गूच की ऐतिहासिक पारी: लॉर्ड्स में तिहरे शतक और शतक का अनोखा कारनामा

26 जुलाई 1990 को क्रिकेट के ऐतिहासिक मैदान लॉर्ड्स पर इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट सीरीज़ का पहला मैच खेला गया। इस मैच में इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज़ ग्राहम गूच ने ऐसा कमाल कर दिखाया, जिसे आज भी याद किया जाता है। गूच ने पहली पारी में शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए 333 रन बनाए। उन्होंने भारतीय गेंदबाज़ों का डटकर सामना किया और 485 गेंदों में 43 चौके और 3 छक्कों की मदद से यह विशाल पारी खेली।

यह उस समय टेस्ट क्रिकेट का तीसरा सबसे बड़ा स्कोर था और लॉर्ड्स में बना हुआ गिने-चुने तिहरे शतकों में से एक था। गूच की यह पारी तकनीक, धैर्य और आक्रामकता का बेहतरीन उदाहरण मानी जाती है। कमाल की बात ये रही कि गूच यहीं नहीं रुके। दूसरी पारी में भी उन्होंने 123 रन बनाए और टेस्ट इतिहास में एक ही मैच में तिहरा शतक और शतक बनाने वाले अकेले खिलाड़ी बन गए। उनका यह प्रदर्शन आज भी सलामी बल्लेबाज़ों के लिए एक मिसाल माना जाता है।

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इंग्लैंड की धरती पर भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट में अन्य उल्लेखनीय पारियां

गूच के 333 रन भले ही इस ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता का सबसे ऊँचा शिखर हों, लेकिन कई और पारियां भी हैं जिन्होंने भारत-इंग्लैंड के मुकाबलों को खास बना दिया है। भारतीय नजरिए से सबसे यादगार पारी सुनील गावस्कर की मानी जाती है। 1979 में ओवल टेस्ट में गावस्कर ने 221 रनों की शानदार पारी खेली थी। ये पारी चौथी पारी में लक्ष्य का पीछा करते हुए आई थी और बेहद दबाव भरे हालात में उन्होंने धैर्य और कौशल का जबरदस्त प्रदर्शन किया। यह पारी आज भी टेस्ट इतिहास की सबसे साहसी पारियों में से एक मानी जाती है।

वहीं, इंग्लैंड की तरफ से एलिस्टेयर कुक का 2011 में एजबेस्टन में खेला गया 294 रनों का तूफानी पारी भी बेहद खास है। यह पारी इस सीरीज में दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर रही है। कुक की यह पारी बताती है कि बड़ी पारियां सिर्फ इतिहास का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि आज के दौर में भी भारत-इंग्लैंड के मुकाबलों को परिभाषित करती हैं।

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श्रेणी:: इंग्लैंड टेस्ट फीचर्ड भारत

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