रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की पहली आईपीएल जीत की खुशी जल्द ही गम में बदल गई, जब एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। यह दिन बेंगलुरु शहर और क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक यादगार जश्न होना चाहिए था, लेकिन यह एक राष्ट्रीय दुखद घटना बन गया। लोग गुस्से में हैं और जिम्मेदारों से जवाब मांग रहे हैं।
भारत के पूर्व विश्व कप विजेता खिलाड़ी, जो अपनी साफ-साफ बात कहने के लिए मशहूर हैं, इस हादसे की तैयारी और इसके बाद हुई लापरवाही के सबसे कड़े आलोचक बनकर सामने आए। उन्होंने विराट कोहली का नाम लेते हुए पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग की।
आरसीबी की जीत से लेकर बेंगलुरु की त्रासदी तक के जश्न में कहां चूक हो गई?
3 जून को अहमदाबाद में RCB ने पहली बार IPL खिताब जीतकर अपने और अपने फैंस के लंबे इंतज़ार को खत्म कर दिया। इस खुशी में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने बेंगलुरु में एक सम्मान समारोह रखा। इस कार्यक्रम में तीन लाख से ज़्यादा लोग पहुंच गए, जबकि स्टेडियम की क्षमता सिर्फ 35,000 थी।
लोग विराट और रजत पाटीदार जैसे खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिए बेताब थे। लेकिन यह कार्यक्रम जल्दी-जल्दी और बिना सही तैयारी के किया गया था। भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे, जिससे हालात बिगड़ते चले गए। जब भीड़ बहुत ज़्यादा बढ़ गई, तो पुलिस ने उसे काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया। इससे भगदड़ मच गई और अफरा-तफरी में 11 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। इस हादसे के बाद का मंजर बेहद डरावना था। पूरे शहर में मातम छा गया। हालांकि स्टेडियम के अंदर कुछ समय तक जश्न चलता रहा, लेकिन बाद में उसे रोकना पड़ा। खिलाड़ियों की मुस्कुराती तस्वीरें और वीडियो बाहर हो रही इस भारी त्रासदी से बिल्कुल अलग लग रही थीं। इससे लोगों का गुस्सा और भी बढ़ गया।
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पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने स्थिति को ठीक से न संभाले जाने पर तीखी आलोचना की
भारत की 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य मदन लाल ने इस हादसे की कड़ी निंदा की। उन्होंने टीम की वापसी के कुछ ही घंटों बाद इतने बड़े कार्यक्रम के आयोजन पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह पूरा कार्यक्रम “टाला जा सकता था” और इसे RCB के प्रबंधन और राज्य सरकार, दोनों की “बड़ी गलती” बताया।
उन्होंने IANS से बात करते हुए कहा, “आपने मंगलवार रात को अहमदाबाद में जीत का जश्न मनाया। तो फिर बेंगलुरु में इतनी जल्दी क्या थी?” उनका कहना था कि अगर कार्यक्रम दो-तीन दिन बाद किया जाता और सही तैयारी होती, तो यह हादसा टल सकता था। मदन लाल ने सिर्फ इंतज़ामों की नहीं, बल्कि स्टेडियम के अंदर जश्न जारी रखने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “जब बाहर लोग मर रहे थे, तब अंदर जश्न मनाया जा रहा था। यह बहुत ही दुखद और चौंकाने वाली बात है। लोग इसे और विराट कोहली को नहीं भूलेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ पुलिस या प्रशासन पर दोष डालना ठीक नहीं है। RCB की टीम और सरकार – दोनों इस हादसे के लिए जिम्मेदार हैं। मदन लाल ने साफ कहा, “फ्रैंचाइज़ी के मालिकों ने फैसला लेने में बड़ी गलती की। खेल की जीत से ज्यादा इंसानों की जान की कीमत होती है।”