केंट में जहां भारतीय टीम फिलहाल इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ से पहले आपस में रेड-बॉल अभ्यास कर रही है, वहीं ऋषभ पंत ने अपनी व्यस्त तैयारियों के बीच लॉर्ड्स में हुए एक ऐतिहासिक पल को याद करने के लिए समय निकाला।
लॉर्ड्स में दक्षिण अफ्रीका की ऐतिहासिक जीत के बीच ऋषभ पंत ने एडेन मार्करम की तारीफ की
जब दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 282 रन का पीछा करते हुए ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 का फाइनल जीत लिया, तो पंत का ध्यान सिर्फ नतीजे पर नहीं गया, बल्कि उस खिलाड़ी पर भी गया जिसने यह जीत संभव बनाई, एडेन मार्करम, जो आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स में उनके साथी भी हैं।
विकेटकीपर-बल्लेबाज़ पंत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर दबाव में मार्करम की शानदार 136 रन की पारी की तारीफ की। इस पारी ने दक्षिण अफ्रीका को 27 साल बाद 1998 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद पहला बड़ा ICC खिताब जीतने में मदद की। पंत ने लिखा, “अच्छा खेला, एडेन भाई। मैं आपके लिए बहुत खुश हूंदबाव में क्या शानदार पारी। आपने हम सभी को गर्व महसूस करवाया है।”
इस साल की शुरुआत में आईपीएल में एलएसजी के लिए खेलते समय पंत और मार्करम के बीच अच्छी दोस्ती बन गई थी। इस कारण पंत की यह शुभकामना और भी खास लग रही थी। यह दिखाता है कि क्रिकेट चाहे जितना भी प्रतिस्पर्धी क्यों न हो, उसमें दोस्ती और एक-दूसरे के खेल की सराहना हमेशा बनी रहती है।

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मार्कराम और टेम्बा बावुमा ने इतिहास रचा, दक्षिण अफ्रीका ने बदली अपनी किस्मत
WTC फाइनल के चौथे दिन लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर सिर्फ़ क्रिकेट ही नहीं, बल्कि एक खास पल का गवाह बना पूरा खेल जगत। दक्षिण अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी 213/2 से फिर से शुरू की। उन्हें जीत के लिए सिर्फ़ 69 रन और बनाने थे, लेकिन चुनौती आसान नहीं थी, क्योंकि इससे पहले कई महान दक्षिण अफ्रीकी टीमें ऐसे मौके पर हार चुकी थीं।
पहली पारी में शून्य पर आउट हुए मार्करम इस बार पूरी मजबूती से डटे थे और 102* रन पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे। उनके साथ कप्तान टेम्बा बावुमा थे, जो 65* रन बनाकर खेल रहे थे और हैमस्ट्रिंग की चोट की वजह से लंगड़ाते हुए मैदान में संघर्ष कर रहे थे। जैसे ही दिन की पहली गेंद फेंकी गई, पूरी दुनिया की नज़रें इस मुकाबले पर टिक गईं। सालों से दक्षिण अफ्रीका पर सेमीफाइनल की हार, नॉकआउट में दबाव और अंतिम मौके पर चूकने की छवि बनी हुई थी। लेकिन इस बार टीम का इरादा कुछ और ही था।
मार्करम ने शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए टीम को जीत के बहुत करीब पहुंचा दिया, लेकिन वह 136 रन पर आउट हो गए – जीत से बस छह रन दूर। उनकी यह पारी साहस और धैर्य की मिसाल बन गई, जिसे दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। वहीं बावुमा, जो दर्द में थे, मैदान पर मजबूती से टिके रहे और अपनी जुझारूपन से इस जीत को और भी भावनात्मक बना दिया। आखिरी में काइल वेरिन ने एक शानदार कवर ड्राइव लगाकर जीत का रन बनाया और इसी के साथ सालों की निराशा और पिछली हार की यादें खुशी की आवाज़ों में दब गईं। दक्षिण अफ्रीका ने आखिरकार इतिहास रच दिया।