दक्षिण अफ्रीका ने क्वींस स्पोर्ट्स क्लब, बुलावायो में जिम्बाब्वे के खिलाफ पहले टेस्ट के पहले दिन शानदार वापसी करते हुए 418/9 का मजबूत स्कोर खड़ा किया। यह उपलब्धि पदार्पण कर रहे लुआन-ड्रे प्रीटोरियस के शानदार 153 रन और कॉर्बिन बॉश के पहले टेस्ट शतक की बदौलत संभव हुई। स्टंप्स के समय बॉश 100 रन बनाकर नाबाद थे।
दक्षिण अफ्रीका को लगे शुरुआती झटके
दिन की शुरुआत में जिम्बाब्वे के तेज़ गेंदबाज़ों ने सुबह की परिस्थितियों का भरपूर लाभ उठाया। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने केवल 23 रन के भीतर अपने तीन अहम विकेट गंवा दिए। तनाका चिवांगा सबसे घातक साबित हुए — उन्होंने सलामी बल्लेबाज़ टोनी डी ज़ोरज़ी और मैथ्यू ब्रीट्ज़के को आउट किया, जबकि डेविड बेडिंघम भी सस्ते में चलते बने। इस शुरुआती पतन ने प्रोटियाज़ ड्रेसिंग रूम में तनाव भर दिया, वहीं घरेलू दर्शकों के सामने जिम्बाब्वे को शुरुआती बढ़त लेने का मौका मिल गया।
लुआन-ड्रे प्रीटोरियस का रिकॉर्ड-तोड़ पदार्पण
महज 19 वर्षीय लुआन-ड्रे प्रीटोरियस अपने करियर का पहला टेस्ट खेल रहे थे। उन्होंने उम्र से कहीं अधिक परिपक्वता दिखाते हुए शुरुआत से ही आत्मविश्वास भरा खेल दिखाया। क्रीज़ पर आते ही उन्होंने छक्का लगाया और ऑफ साइड में शानदार ड्राइव्स खेलीं। उन्हें डेवल्ड ब्रेविस का अहम साथ मिला, जिन्होंने सिर्फ 41 गेंदों में 51 रन की तेज़ पारी खेलकर लंच के बाद पारी को स्थिर किया।
इस साझेदारी ने जिम्बाब्वे की गति को थाम लिया और प्रीटोरियस का आत्मविश्वास लगातार बढ़ता गया। उनकी पारी आक्रामक स्ट्रोकप्ले और समझदारी भरे शॉट चयन का बेहतरीन मिश्रण रही। उन्होंने महज 112 गेंदों में अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया।
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कॉर्बिन बॉश की निचले क्रम की साहसी बल्लेबाज़ी
289/7 पर प्रीटोरियस के आउट होने के बाद दक्षिण अफ्रीका पर 350 रन के भीतर सिमट जाने का खतरा मंडराने लगा था। लेकिन आठवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने आए कॉर्बिन बॉश ने मौके का पूरा फायदा उठाया। अपना दूसरा टेस्ट खेल रहे 30 वर्षीय ऑलराउंडर ने धैर्य और समझदारी के साथ पारी को आगे बढ़ाया।
उन्होंने 77 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया और जैसे-जैसे दिन ढलता गया, उन्होंने रनगति तेज़ की। अंतिम ओवर में उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया। 124 गेंदों में 10 चौकों की मदद से उन्होंने नाबाद 100 रन बनाए, जिससे टीम ने 400 का आंकड़ा पार किया और जिम्बाब्वे के गेंदबाज़ों को पूरी तरह थका डाला। यह शतक न केवल उनका पहला टेस्ट शतक था, बल्कि उनके पूरे पेशेवर क्रिकेट करियर का भी पहला शतक था — जो इस उपलब्धि को और खास बनाता है।
South Africa's day in Bulawayo 😊#ZIMvSA #cricket pic.twitter.com/vKxdu1fp2d
— CricketTimes.com (@CricketTimesHQ) June 28, 2025
चिवांगा (4/83) और ब्लेसिंग मुजाराबानी (2/59) की अगुवाई में जिम्बाब्वे के गेंदबाज़ों ने जबरदस्त शुरुआत की, लेकिन जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती गई और हालात बल्लेबाज़ी के अनुकूल होते गए, वे दबाव बनाए रखने में नाकाम रहे। स्पिनरों की जोड़ी भी लंबे स्पेल के बावजूद महत्वपूर्ण साझेदारियां तोड़ने में सफल नहीं हो सकी। साथ ही, सिर्फ 2 रन के निजी स्कोर पर कॉर्बिन बॉश का गिरा एक आसान कैच अंततः बेहद महंगा साबित हुआ।