भारतीय क्रिकेट के महान कप्तान एम एस धोनी को सोमवार को लंदन में एक खास कार्यक्रम में ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। धोनी ने भारत को 2007 में T20 विश्व कप और 2011 में वनडे विश्व कप जिताया था, जो भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत ही गर्व के पल थे।
पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल
इस बड़े सम्मान के साथ, धोनी ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले 11वें भारतीय क्रिकेटरबन गए हैं। यह दिखाता है कि क्रिकेट की दुनिया में उनका नाम बड़े खिलाड़ियों में शामिल हो गया है। धोनी को मैदान पर शांत रहने और अपनी शानदार सोच से मैच का रुख बदलने के लिए जाना जाता है। अब उनका नाम उन महान खिलाड़ियों की लिस्ट में सबसे ऊपर आ गया है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी है।
धोनी का यह सम्मान उनके शानदार करियर का नतीजा है, जिसमें उन्होंने गर्व, शांत नेतृत्व और निस्वार्थ सेवा दिखाई। अपने 538 अंतरराष्ट्रीय मैचों में, धोनी ने 17,266 रन बनाए और विकेट के पीछे 829 खिलाड़ियों को आउट किया। इससे वह क्रिकेट इतिहास के महानतम विकेटकीपर-बल्लेबाजों और कप्तानों में से एक बन गए।
उनका हॉल ऑफ फेम में शामिल होना सिर्फ आंकड़ों का जश्न नहीं है, बल्कि एक कप्तान के रूप में उनकी विरासत का भी सम्मान है। धोनी ने भारत को खासकर सीमित ओवरों के क्रिकेट में एक मजबूत टीम में बदल दिया। धोनी ने अपने हमेशा की तरह शांत और खास अंदाज में इस सम्मान के लिए दिल से आभार जताया। ICC ने धोनी के हवाले से कहा, “ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल होना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। यह दुनियाभर के अलग-अलग समय के क्रिकेटरों के योगदान को पहचान देता है। ऐसे महान खिलाड़ियों के साथ अपना नाम देखना एक अद्भुत एहसास है। यह कुछ ऐसा है जिसे मैं हमेशा याद रखूंगा।”
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रवि शास्त्री ने की धोनी की तारीफ: “जेबकतरे से भी तेज़ हाथ”
इस मौके पर भारत के पूर्व मुख्य कोच और कमेंटेटर रवि शास्त्री ने धोनी की खूब तारीफ की। उन्होंने धोनी की बिजली जैसी फुर्ती और शांत स्वभाव की प्रशंसा की।
लंदन में हॉल ऑफ फेम के सम्मान समारोह के दौरान शास्त्री ने हंसते हुए कहा: “उनके हाथ जेबकतरे से भी तेज़ थे। अगर आप कभी भारत में हों, किसी बड़े मैच के लिए जा रहे हों, खासकर अहमदाबाद में, तो आप नहीं चाहेंगे कि एमएस आपके पीछे हो; उस पर नज़र रखें। बटुआ गायब हो जाएगा।” शास्त्री ने धोनी के शांत स्वभाव पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “वह शून्य पर आउट हो जाता है, वह विश्व कप जीत जाता है, वह शतक बनाता है, दो शतक बनाता है, भाव एक ही है। आप जानते हैं, इसमें कोई अंतर नहीं है।”
वीडियो यहां देखें:
Ravi Shastri says MS Dhoni do stumping like 'पाकेटमार' #Cricket #MSDhoni pic.twitter.com/L3QijxmsYk
— Aman (@Amanriz78249871) June 10, 2025
धोनी का सम्मान: एक युग को सलाम
धोनी का आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होना सिर्फ उनकी अपनी काबिलियत का सम्मान नहीं है, बल्कि उस दौर को भी सलाम है जिसे उन्होंने अपनी कप्तानी से खास बनाया। धोनी की कप्तानी में भारत ने कमाल कर दिखाया। टीम ने 2007 में पहला आईसीसी टी20 विश्व कप, 2011 में आईसीसी क्रिकेट विश्व कप और 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती। धोनी क्रिकेट इतिहास के एकमात्र कप्तान हैं जिन्होंने ये तीनों आईसीसी व्हाइट-बॉल ट्रॉफी जीती हैं। यह एक ऐसा कारनामा है जिसे शायद ही कोई और कप्तान दोहरा पाए।