आईपीएल इतिहास की सबसे यादगार रातों में से एक में, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पंजाब किंग्स (PBKS) को 6 रन से हराकर पहली बार आईपीएल ट्रॉफी जीत ली। अहमदाबाद के भरे हुए नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए इस फाइनल में RCB ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 190 रन बनाए, जिसमें उनके मध्य क्रम की अहम पारियों का बड़ा योगदान रहा।
जवाब में पंजाब ने अच्छी कोशिश की और मैच को आखिर तक रोमांचक बनाए रखा, लेकिन आखिरी ओवरों में रन नहीं बना पाए और 184 रन पर ही रुक गए। इस जीत के साथ ही बेंगलुरु की टीम ने 18 साल का लंबा इंतजार खत्म किया। इससे पहले RCB 2009, 2011 और 2016 में फाइनल में पहुंची थी, लेकिन हर बार हार गई थी। इस बार उन्होंने इतिहास रच दिया।
विराट कोहली भावुक हो गए
जैसे ही जीत का वो पल आया, एक ऐसा छक्का जो नतीजे को नहीं बदलता था, लेकिन मैच का आधिकारिक अंत थ विराट कोहली भावुक होकर जमीन पर गिर पड़े। उनकी भावनाएं साफ झलक रही थीं। बेहद गहरी और सच्ची, जिन्हें नज़रअंदाज़ करना मुश्किल था। 18 सीज़न की मेहनत, बार-बार मिली हार और आईपीएल ट्रॉफी न जीत पाने के कारण हुई आलोचनाओं के बाद, आखिरकार कोहली को उनका सपना पूरा होता दिखा।
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वो रो रहे थे। ये आंसू थे खुशी, राहत और सालों के बोझ से आज़ादी के। उनके साथी खिलाड़ी दौड़कर आए और उन्हें गले से लगा लिया। कुछ देर बाद कोहली खड़े हुए, स्टेडियम की तरफ देखा और अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा की ओर बढ़े। दुनिया भर के फैन्स को भावुक कर देने वाले उस पल में, कोहली ने अनुष्का को गले लगाया। दोनों की आंखों में आंसू थे। अनुष्का, जो कोहली के क्रिकेट करियर के हर उतार-चढ़ाव में उनके साथ रहीं, ताली बजा रही थीं और अपने आंसू पोंछ रही थीं। उन्होंने ऊपर आसमान की ओर देखा, जैसे उस पल के लिए भगवान को धन्यवाद दे रही हों। ये पल किसी फिल्म जैसा लग रहा था। एक ऐसे खिलाड़ी के लिए बिल्कुल सही, जिसकी क्रिकेट यात्रा एक सच्ची कहानी से भी ज़्यादा प्रेरणादायक रही है।
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The tears say it all 🥹
An 1️⃣8️⃣-year wait comes to an end 👏
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— IndianPremierLeague (@IPL) June 3, 2025
पिछले 17 सालों में हार, ट्रोल और करीबी मुकाबलों का दर्द सहने वाले हर RCB फैन के लिए यह जीत एक सच्ची राहत है। बेंगलुरु से लेकर बेल्लारी तक, मैसूर से मैंगलोर तक, हर जगह अब सिर्फ एक ही आवाज गूंज रही है – “ई साला कप नामदे” और इस बार ये सपना सच हो गया है। आईपीएल ट्रॉफी न जीत पाने का जो अभिशाप टीम पर था, वो अब टूट चुका है। लाल और सोने के रंग में रंगे फैंस की खुशी और चैन की सांस अब सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी क्रिकेट दुनिया में महसूस की जा रही है।