वेस्टइंडीज के मुख्य कोच डैरन सैमी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) से अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। उन्हें बारबाडोस के ब्रिजटाउन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान तीसरे अंपायर के फैसले की सार्वजनिक आलोचना करने पर जुर्माना और एक डिमेरिट अंक दिया गया है।
घटना टेस्ट के दूसरे दिन की है, जब वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान सैमी ने एक के बाद एक विवादास्पद निर्णयों को लेकर गंभीर चिंता जताई, जो लगातार उनकी टीम के खिलाफ गए। मीडिया से बातचीत के दौरान, सैमी ने टीवी अंपायर एड्रियन होल्डस्टॉक पर सीधे सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या उनकी टीम के प्रति कोई पूर्वाग्रह दिखाया जा रहा है। यह बयान अंपायरिंग की निरंतरता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
ICC ने इस बयान को गंभीरता से लिया, और यह कार्रवाई दर्शाती है कि वह मैच अधिकारियों की निष्पक्षता और आचार संहिता की रक्षा को लेकर किसी भी तरह की सार्वजनिक आलोचना को स्वीकार नहीं करता।
ICC की प्रतिक्रिया: आचार संहिता का उल्लंघन
ICC ने पुष्टि की कि सैमी ने आचार संहिता के अनुच्छेद 2.7 का उल्लंघन किया, जो किसी भी अंतरराष्ट्रीय मैच, खिलाड़ी, मैच अधिकारी या टीम के संबंध में की गई “अवांछित सार्वजनिक टिप्पणी या आलोचना” से जुड़ा है।
यह निर्णय इस बात पर बल देता है कि नेतृत्वकारी पदों पर बैठे व्यक्तियों को सार्वजनिक रूप से ऐसे बयान देने से बचना चाहिए, जो अंपायरों की निष्पक्षता और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सैमी की नाराज़गी मुख्य रूप से पहले दो दिन के खेल में आए कम से कम पांच विवादास्पद फैसलों को लेकर थी, जिनका उनकी राय में मैच के प्रवाह और संभावित परिणाम पर प्रभाव पड़ा।
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सैमी की सफाई: “निरंतरता पर सवाल उठाना ज़रूरी”
दिन का खेल समाप्त होने के बाद सैमी ने मीडिया से कहा:
“आप नहीं चाहेंगे कि आप एक टेस्ट मैच में इस सोच के साथ उतरें कि कुछ अंपायर किसी टीम के खिलाफ पक्षपाती हो सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा: “जब आप लगातार एक जैसी गलतियां देखते हैं, तो सवाल उठते हैं। मुझे पता है कि वह (अंपायर) इस सीरीज के लिए यहां हैं, लेकिन ऐसी स्थिति से बचना चाहिए जिसमें खिलाड़ी खुद को असहाय महसूस करें।”
सैमी ने आगे बताया कि होल्डस्टॉक की अंपायरिंग को लेकर उनकी आशंका नई नहीं है, और इंग्लैंड के खिलाफ पिछली सीरीज में भी इसी तरह के निर्णयों का अनुभव हुआ था, जिससे पैटर्न जैसी स्थिति बनती नजर आती है।
सैमी को मिला डिमेरिट अंक भविष्य में किसी और उल्लंघन की स्थिति में और कड़ी सजा का कारण बन सकता है। ICC की ओर से यह सख्त संदेश है कि मैच अधिकारियों की आलोचना सार्वजनिक रूप से नहीं की जा सकती, भले ही खिलाड़ियों या कोच को निर्णय अनुचित लगें।
अब वेस्टइंडीज टीम श्रृंखला में आगे बढ़ेगी, लेकिन उनके कोच की यह घटना आगामी मैचों पर एक छाया जरूर डाल सकती है।