एशिया कप 2025 इस सितंबर में संयुक्त अरब अमीरात में होने की संभावना है। इसमें भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला संभावित मैच लाखों लोगों का ध्यान खींच रहा है। हालांकि मैच को लेकर उत्साह तो है, लेकिन कई लोगों और संगठनों का मानना है कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से पहले दोबारा सोचने की जरूरत है। खेल की दिलचस्पी और व्यापारिक फायदे के बावजूद, कुछ मजबूत कारण सामने आए हैं जो इस मुकाबले पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
एशिया कप 2025: तीन प्रमुख कारण जिनकी वजह से भारत को पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलना चाहिए
1. देश की सुरक्षा और आतंकवाद को लेकर चिंता
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद मई 2025 में हुए छोटे सैन्य अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” की घटनाएँ अभी भी भारत के लोगों के दिमाग में ताज़ा हैं। भारत सरकार और सेना का कहना है कि इन हमलों में पाकिस्तान में छिपे आतंकवादी समूहों का हाथ है। इसको लेकर लोगों में गुस्सा है और वे पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम की मांग कर रहे हैं।
हालांकि दोनों देशों के बीच युद्धविराम की बात हुई है, लेकिन असली समस्या सीमा पार आतंकवाद और पाकिस्तान की ओर से कोई ठोस कार्रवाई ना होना, अब भी बनी हुई है। ऐसे समय में भारत का पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना ये संकेत दे सकता है कि सब कुछ सामान्य है, जबकि असल में ऐसा नहीं है। कई लोगों का मानना है कि पाकिस्तान के साथ खेलना उन शहीदों और पीड़ित परिवारों के लिए अपमानजनक होगा जो आतंकवाद का शिकार हुए हैं।
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2. जनता और राजनीति का गुस्सा
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि बहुत भावनाओं से जुड़ा हुआ है। इस साल हालात पहले से भी ज्यादा संवेदनशील हैं। राजनयिक रिश्ते बहुत खराब हैं और जनता भी पाकिस्तान से किसी भी तरह के संबंध का विरोध कर रही है। सोशल मीडिया पर #BoycottPakistan जैसी मुहिम चल रही है। कई पूर्व क्रिकेटरों और नेताओं ने भी कहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलना चाहिए।
राजनीतिक दल इस मुद्दे को सरकार पर दबाव बनाने के लिए भी इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर भारत पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा, तो यह देश की आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को कमजोर कर देगा। बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) पर भी दबाव है कि वो देश की गरिमा को प्राथमिकता दे, ना कि पैसे और बिज़नेस को।
3. अंतरराष्ट्रीय खेल भावना को नुकसान
भारत और पाकिस्तान के मैच हमेशा भारी भीड़ और रिकॉर्डतोड़ टीवी व्यूअरशिप लाते हैं, लेकिन मौजूदा हालात में कई लोगों को लगता है कि ऐसे मैच खेल की असली भावना को नुकसान पहुँचा रहे हैं। एशिया कप का उद्देश्य एशियाई देशों को एक साथ लाना और खेल को बढ़ावा देना है, लेकिन जब दो देश आपस में हिंसा और तनाव की स्थिति में हैं, तो इनका मुकाबला करवाना खेल को राजनीति का जरिया बना देता है।
इसके अलावा, भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के देश में जाकर मैच खेलने से मना कर दिया है। इस कारण टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में हो रहा है, जिससे उसकी गंभीरता और निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि भारत और पाकिस्तान को जानबूझकर एक ही ग्रुप में रखा जाता है ताकि पैसा ज्यादा कमाया जा सके, जबकि खेल का स्तर बराबरी का नहीं होता।